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30 टोलों में पाइप से मिलेगा स्वच्छ पानी
जलापूर्ति योजना निर्माण के लिए नीति आयोग से मिली राशि पटना : राज्य के चार जिले नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद व नवादा के फ्लोराइडग्रस्त 30 टोले में पाइप से स्वच्छ पानी मिलेगा. इन टोले में मिनी जलापूर्ति योजना से पानी पहुंचाने का काम होगा. इन टोले में सर्वे के बाद पानी में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित […]
जलापूर्ति योजना निर्माण के लिए नीति आयोग से मिली राशि
पटना : राज्य के चार जिले नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद व नवादा के फ्लोराइडग्रस्त 30 टोले में पाइप से स्वच्छ पानी मिलेगा. इन टोले में मिनी जलापूर्ति योजना से पानी पहुंचाने का काम होगा. इन टोले में सर्वे के बाद पानी में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मात्रा से अधिक पायी गयी.
इसके बाद इन टोले में रहनेवाले लोगों को स्वच्छ पानी आपूर्ति के लिए मिनी जलापूर्ति योजना से ट्रीटमेंट यूनिट के साथ पंप हाउस का निर्माण होगा. पीबीसी टैंक के साथ जीआइ पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था होगी. मिनी जलापूर्ति योजना के तहत होनेवाले काम चालू वित्तीय वर्ष में शुरू होगा. मिनी जलापूर्ति योजना के तहत होनेवाले काम के लिए नीति आयोग ने राशि स्वीकृत की है. मिनी जलापूर्ति योजना के काम में राज्य सरकार भी सहयोग कर रही है.
मिनी जलापूर्ति योजना से फ्लोराइडग्रस्त 30 टोले में घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचेगा. नालंदा के 21, रोहतास के दो, औरंगाबाद के छह व नवादा के एक फ्लोराइडग्रस्त टोले में योजना के तहत जलापूर्ति व्यवस्था होगी.
सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सरकारी भूमि उपयोग को लेकर सरकारी भूमि का हस्तांतरण का अधिकार डीएम को दिया गया है. डीएम द्वारा एनओसी दिया जायेगा. इसके बाद उक्त भूमि पर काम हो पायेगा. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने योजना के तहत होनेवाले काम में तेजी लाने के लिए नयी नीति बनायी है. इससे विभागीय स्तर पर होनेवाले भूमि हस्तांतरण में होनेवाले देरी से बचा जा सके.
हर घर नल का जल योजना के तहत घर-घर नल का जल पहुंचाने पर पीएचइडी, पंचायती राज व नगर विकास व आवास विभाग को काम करना है. नल से जल पहुंचाने के लिए ट्यूबवेल, पंप हाऊस का निर्माण, वाटर टावर आदि का निर्माण होना है. इसके लिए सरकारी जमीन की आवश्यकता है.
हर घर नल का जल योजना के कार्यान्वयन हेतु सरकारी भूमि के स्वामित्व को यथावत रखते हुए मात्र पेयजल संरचनाओं के निर्माण हेतु भूमि का उपयोग करने की सहमति देने हेतु डीएम को अधिकृत किया गया है. ग्रामीण इलाके में हर घर नल का जल के निश्चय की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक है कि योजना के अंतर्गत बननेवाली संरचना ट्यूबवेल की स्थापना, पंप हाऊस का निर्माण, वाटर टावर, पाइप लाइन बिछाने आदि काम के लिए त्वरित तौर पर भूमि का उपलब्ध होना आवश्यक है.
फ्लोराइडग्रस्त टोले में स्वच्छ जलापूर्ति पर चार करोड़ दो लाख खर्च होंगे. नालंदा में दो करोड़ 82 लाख, रोहतास में 26 लाख 86 हजार, औरंगाबाद में 80 लाख 59 हजार व नवादा में 13 लाख 43 हजार खर्च किया जायेगा. जलापूर्ति योजना पर काम करने के लिए नीति आयोग ने राशि स्वीकृत की है.
पीएचइडी विभाग के सूत्र ने बताया कि जलापूर्ति योजना पर इस वित्तीय साल काम शुरू हो जायेगा. एक साल में पाइप से घरों में पानी मिलेगा. काम करनेवाली एजेंसी को जलापूर्ति व्यवस्था शुरू करने के बाद एक साल तक उसका रख-रखाव करना है.
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