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पांच साल से अटका है सड़क और पुल का निर्माण : मोदी
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एनडीए सरकार के दौरान स्वीकृत पीपीपी मोड की दो सड़क और एक पुल की महत्वाकांक्षी परियोजना का काम पांच साल बाद भी अटका पड़ा है. पीपीपी मोड में बनने वाली रजौली-बख्तियारपुर फोर लेन सड़क परियोजना को जब पांच साल […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एनडीए सरकार के दौरान स्वीकृत पीपीपी मोड की दो सड़क और एक पुल की महत्वाकांक्षी परियोजना का काम पांच साल बाद भी अटका पड़ा है. पीपीपी मोड में बनने वाली रजौली-बख्तियारपुर फोर लेन सड़क परियोजना को जब पांच साल बाद भी राज्य सरकार प्रारंभ नहीं करा पाई तो पांच साल बाद अब उसका निर्माण केंद्र सरकार को सौंप दिया है.
मोदी ने कहा कि आरा-मोहनिया फोर लेन का निर्माण कार्य भी अब तक अधर में है. राज्य सरकार न खुद इसका काम प्रारंभ करा पा रही है और न केंद्र सरकार को वापस कर रही है. पीपीपी मोड के तहत ही बख्तियारपुर-ताजपुर के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का काम भी पांच वर्षों से अटका हुआ है. 2010 में इस पुल का कार्य प्रारंभ हुआ.
2015 में कार्य पूरा हो जाना था. अब तक 40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है. मुख्यमंत्री बतायें कि पांच साल बाद भी पुल का निर्माण कार्य मंथर गति से क्यों चल रहा है. रजौली-बख्तियारपुर फोर लेन का काम अब तक अधर में क्यों है. आरा-मोहनिया फोर लेन का पीपी मोड में काम प्रारंभ कराने में राज्य सरकार अक्षम है तो केंद्र सरकार को क्यों नहीं वापस कर दे रही है.बिहार के काम व विकास से परेशान है भाजपा : संजय
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह कहा कि बिहार के काम और त्वरित विकास को देख कर भाजपा परेशान हो रही है. भाजपा समेत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का रवैया बिहार के साथ बहुत ही खराब है. अब बिहार में सबकुछ बेहतर हो रहा है तो वे बौखला रहे हैं.
आरा-मोहनियां रोड कोर्ट के अधीन है और डबल बेंच का आदेश के विरुद्ध तीसरे बेंच में गया है. ठेकेदार से विवाद चल रहा है. वहीं, रजौली-बख्तियारपुर रोड केंद्र सरकार द्वारा ठेकेदार को समय पर लोन उपलब्ध नहीं कराने के कारण काम नहीं हुआ है. फिर राज्य सरकार अपने मद से मरम्मत का काम करा रही है. ताजपुर-बख्तियारपुर पुल भू-अर्जन की समस्या और तकनीक कारणों से पीछे चल रहा है.
संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में एनएच विंग के लिए निर्धारित लक्ष्यों में भी बिहार के हितों की उपेक्षा की गयी है.
एनएच के मामले में बिहार की सबसे बुरी स्थिति है और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2016-17 में एनएच विंग के लक्ष्यों में भी बिहार के हितों की घोर उपेक्षा की है, जहां महाराष्ट्र एनएच विंग का एनएच अवार्ड करने का लक्ष्य 4243 किलोमीटर है, वहीं, बिहार का मात्र 212 किमी है. यह देश के कुल 11,500 किमी के लक्ष्य का मात्र दो प्रतिशत है. क्या यह बिहार और यहां के 11 करोड़ लोगों के साथ की गयी नाइंसाफी नहीं है. 7000 किमी एनएच चौड़ीकरण निर्माण कार्यों को पूरे करने के लक्ष्य में भी बिहार के साथ अन्याय किया गया है.
जहां महाराष्ट्र का यह लक्ष्य 1346 किमी रखा गया है, वहीं बिहार का मात्र 184 किमी है. एनएच विंग द्वारा वर्ष 2016-17 के लिए भेजी गयी 9200 करोड़ की वार्षिक योजना में से मात्र 1023 करोड की ही योजना स्वीकृत की गयी है.
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