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बटाईदारों की धान खरीद की प्रक्रिया हुई आसान
निर्णय. सूबे में 15 नवंबर से शुरू हो जायेगी खरीदारी खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडलों को तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया है. धान की खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है. पटना : राज्य में धान की बंपर उपज को देखते हुए राज्य सरकार ने धान […]
निर्णय. सूबे में 15 नवंबर से शुरू हो जायेगी खरीदारी
खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडलों को तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया है. धान की खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है.
पटना : राज्य में धान की बंपर उपज को देखते हुए राज्य सरकार ने धान खरीद की इस साल अग्रिम तैयारी कर ली है. पूरे राज्य में 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू कर दी जायेगी. इसके लिए सभी जिलों को कैश क्रेडिट लिमिट तय करने का निर्देश जारी कर दिया गया है. जिलों को खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडलों को तैयारी पूरी करनेका निर्देश दिया गया है.
धान की खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है. सहकारिता विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल धान बेचने के लिए किसानों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही उन्हें बताया जायेगा कि उसे धान बेचने के लिए पैक्स पर कब आना है. सहकारिता विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल धान की बंपर उपज की संभावना है. कृषि विभाग के आकलन के अनुसार इस साल राज्य में धान की लगभग 80 लाख टन उपज की संभावना है. इसलिए सरकार लगभग 25 लाख टन धान खरीदने पर विचार कर रही है.
1470 रुपये प्रति क्विंटल धान की होगी खरीद
इस साल धान की खरीद के लिए भारत सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1470 रुपये तय किया है. भारत सरकार ने यह दर पूरे देश में एक अक्तूबर से लागू कर दिया है. यह दर पिछले साल की अपेक्षा 60 रुपये प्रति क्विंटल अधिक होगा. पिछले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य 1410 प्रति क्विंटल था.
इस साल बटाईदारों से धान खरीद के लिए नियमों को और चुस्त-दुरुस्त किया गया है. बटाईदारों को धान बेचने के लिए अन्य किसानों की तरह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा, लेकिन उन्हें शपथ पत्र देकर बताना होगा कि वे कितने रकबा में धान की खेती की है और संभावित उपज कितना है. इसके लिए उन्हें अपना फोटाे पहचान पत्र भी देना होगा. ऐसे बटाईदारों से बताये गये उपज के अनुसार ही धान की खरीद होगी. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल बटाईदारों से धान की खरीद सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर किया गया था. इसके कारण बटाईदारों के नाम पर गैर बटाईदारों के धान बेचे गये थे. वहीं आम किसानों को धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र देना होगा.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि इस साल धान की खरीद समय से पहले ही शुरू हो रही है, लेकिन अब भी पिछले साल मिलरों को दिये धान के बदले चावल की वसूली नहीं हो सकी है.
अब भी मिलरों पर लगभग सवा लाख टन सीएमआर बकाया है. वहीं किसानों के पांच करोड़ रुपये बकाये का भुगतान नहीं किया गया है. सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि धान की खरीद की तैयारी पूरी हो चुकी है. 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी. उन्होंने कहा कि इस साल धान खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन डाटा होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को बताया जायेगा कि पैक्स पर कब धान लाना है. इससे पैक्स या व्यापार मंडल पर अराजकता नहीं होगा. न ही किसानों को अनावश्यक धान बेचने के लिए परेशान होना होगा. किसी गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्ती से मॉनीटरिंग किया जायेगा.
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