पटना : बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग :बीएचआरसी: ने हीमोफिलिया की एक मरीज की पत्नी को 2.5 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिये जाने का निर्देश दिया है. उसकी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जीवन रक्षक दवा नहीं दिये जाने से हाल में मौत हो गयी थी. बीएचआरसी ने अपने आदेश में बिहार सरकार को हीमोफिलिया के उक्त मरीज सनोवर अंसारी की पत्नी को दो महीने के भीतर 2.5 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिये जाने का निर्देश दिया है.
मरीज को समय पर इलाज नहीं मिला-आयोग
बीएचआरसी सदस्य नीलमणि ने आयोग द्वारा कल जारी उक्त आदेश के बारे में बताया कि पीएमसीएच में जीवन रक्षक दवा फैक्टर आठ के उपलब्ध होने के बावजूद उसे उक्त मरीज को नहीं दिया गया था. बीएचआरसी ने बिहार स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक को इस मामले में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों अथवा पैरा मेडिकल स्टाफ के खिलाफ की गयी प्रशासनिक कार्रवाई से भी आयोग को अवगत कराने का निर्देश दिया है.
चिकित्सकों द्वारा दवा नहीं देने का लगा था आरोप
बिहार के कैमूर जिला के रामगढ थाना अंतर्गत दहरथ गांव निवासी मनव्वर अंसारी ने आयोग के समक्ष शिकायत की थी कि उनके भाई सनोवर अली :25: को वर्ष 2013 के 8..9 जून की रात्रि में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जिन्हें जीवन रक्षक दवा नहीं दिये जाने के कारण उनकी 10..11 जून 2013 की रात्रि में मौत हो गयी थी. सनोवर अली के परिवार में पत्नी अशिया बेगम और चार बच्चे हैं. अली हीमोफिलिया से ग्रसित थे. आयोग ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख आगामी 27 नवंबर निर्धारित की है.