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राजधानी को लगा शेफाली जरीवाला का कांटा

दशहरा महोत्सव. छठे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गांधी मैदान में उमड़ी लागों की भीड़ पटना : कांटा लगा…हाय लगा…कुछ इसी अंदाज में पटना को गुरुवार की शाम कांटा चुभा. कांटा भी किसी और का नहीं, बल्कि कांटा लगा गर्ल शेफाली जरीवाला का. मादक अदाओं की मल्लिका शेफाली का जलवा कुछ ऐसा चढ़ा की गांधी […]

दशहरा महोत्सव. छठे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गांधी मैदान में उमड़ी लागों की भीड़
पटना : कांटा लगा…हाय लगा…कुछ इसी अंदाज में पटना को गुरुवार की शाम कांटा चुभा. कांटा भी किसी और का नहीं, बल्कि कांटा लगा गर्ल शेफाली जरीवाला का. मादक अदाओं की मल्लिका शेफाली का जलवा कुछ ऐसा चढ़ा की गांधी मैदान में चल रहे दशहरा महोत्सव में जरीवाला और उनकी टीम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में जबरदस्त भीड़ उमड़ी. डी एरिया तक में महिला, पुरुष और बच्चे की संख्या काफी ज्यादा थी.
शाम साढ़े छह बजे से शेफाली का राह तक रहे लोगों का इंतजार आठ बजे पूरा हुआ जब साथिया..माहिया..बरसा दे.. इश्का दी के साथ हरे रंग के लंबे घाघरे और टॉप के साथ मंच पर आयी लेकिन दो लाइनों के बाद ही कांटा लगा का रंग चढ़ गया. पब्लिक झूम रही थी और साथ में गा भी रही थी. फिर किक फिल्म का गाना आता है..तू है लाजवाब तेरे जलवे हजार. हैप्पी न्यू इयर के मैं लवली हो गयी यार..नाम तेरा पढ़के और बेबी डॉल मैं सोने दी.
पहले परफॉरमेंस के बाद दोबारा करानी पड़ी इंट्री : यह परफॉरमेंस का पहला दौर था जो दस से बारह मिनट में खत्म हो गया, लेकिन पब्लिक कहां मानने वाली थी. हंगामा शुरू हो गया और आयोजकों को डिमांड देखते हुए फिर से शेफाली की इंट्री करानी पड़ी. इस बार काला चश्मा के साथ डांस अपने शबाब पर होता है. अभी तो पार्टी शुरू हुई है…जुम्मे की रात है चुम्मे की बात है. अल्लाह बचाये मुझे तेरे प्यार से…बेबी को बेस पसंद है, पूरा लंडन ठुमकदा और वन टू थ्री फोर गेट ऑन द डांस फ्लोर के साथ फ्लोर की गर्मी अपने शबाब पर थी. कार्यक्रम में कला संस्कृति मंंत्री शिवचंद्र राम, कमिश्नर आनंद किशोर और एडीजी आलोक राज मौजूद थे.
एक झलक पाने को हंगामा : पब्लिक पर शेफाली का बुखार ऐसा चढ़ा कि वह लोहे के टेंट पर चढ़ गयी. आरजू मिन्नत के बाद भीड़ उतरी तो शेफाली के एक परफॉरमेंस के बाद चले जाने से गुस्से में कुर्सियां भी फेंकने लगी. पुलिस ने हालात बिगड़ते देखकर हल्का लाठी चार्ज भी किया. कमिश्नर आनंद किशोर और एडीजी आलोक कुमार ने भीड़ की ओर उठकर शांत रहने का इशारा किया. इसी बीच भीड़ से आवाज आयी कि शेफाली को बुलवाइए, कांटा लगा दिखवाइए. और फिर चंद पलों में जब कांटा लगाने के लिए शेफाली आ गयी तो वही भीड़ रात दस बजे तक झूमती नजर आयी.
पटना : भये प्रकट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी, हर्षित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत जन अनुरागी।। कदमकुआं स्थित नगाबाबा ठाकुरबाड़ी में गुरुवार को माहौल ही कुछ एेसा था.
राम नाम मंत्र की पताकाएं और गुब्बारे चारों ओर सजे थे. संत जन से लेकर भक्तजन तक के मन में राम-राम का उच्चारण कर रहे थे. जैसे ही भगवान राम का जन्म हुआ सबका मन हर्षित हो गया. रामलीला के तीसरे दिन स्वयं श्री राम की जन्मलीला का मंचन किया गया. स्वामी नरहरिदास जी के कंठ से मंत्र गूंज रहे थे. आज पटना अवध हो गया क्योंकि रामचरितमानस में लिखा है अवध वहीं, जहां राम जी विराजे. आज रामजी विराज गये हैं. हम पटना में रहते हुए अवध में हैं. इस ठाकुरबाड़ी में तो हमेशा ठाकुर जी रहते ही हैं. आज राम जन्म भी हो गया. सबसे पहले मंच पर ब्रह्मा विष्णु और महेश प्रकट होते हैं. मुख्य अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधायक नीतीन नवीन आदि द्वारा आरती के ठीक बाद कथा प्रारंभ होती है. जैसे जलज, वैसे मनुज.
हम सब मनु की संतान हैं, तो देखिए वही मनु जब नैमिषारण्य में तपस्या कर रहे थे, तो कैसे ब्रह्मा जी, फिर विष्णु जी और अंत में शिवजी प्रकट होकर वरदान मांगने को कहते हैं. मनु शत्ररूपा ने भारी तप किया. भगवान के प्रकट होने पर पुत्र रूप में सुख देने का आग्रह किया. वहीं, दशरथ कौशल्या के रूप में जब कोशल में प्रकट हुए, तो भगवान अपने अंश सहित अवतरित हुए. उम्र के चौथे पड़ाव में दशरथ जी ने अपने गुरु से पुत्र प्राप्ति की इच्छा जतायी. एक बार भूपति मन माही। भई ग्लानि मोरे सुत नाहीं.
गुरु गृह गयऊ तुरत महिपाला, चरण लागि कर विनय विशाला. इस पूरे लीला प्रकरण में विशेष महत्व की बात है ऋषियों की यज्ञ प्रणाली. शृंगी ऋषि ने हवन कराया और उसी के माध्यम से दशरथ की तीनों रानियों को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई. राम के रोल में मनमोहन, लक्ष्मण के रोल में पुरुषोत्तम, भरत के रोल में शुभम शिवम और शत्रुघ्न के रोल में प्रिंस ने खूब वाहवाही बटोरी. कार्यक्रम में अध्यक्ष कमल नेपानी, संयोजक सुरेश अग्रवाल, मीडिया प्रभारी अजय गुप्ता, सदस्यगण राजेश बजाज, सुजय सौरभ, मुकेश नंदन, बब्लू कुमार, अवधेश गुप्ता, शालिनी वाष्णेय, विनाेद गाेयल, धनंजय कुमार, सुरेश झुनझुनवाला आदि मौजूद थे.
पटना : आज शाम यारपुर स्थित पटना कालीबाड़ी मंदिर सहित बांग्ला मंडपों में मां आदिशक्ति दुर्गा भक्तों को दर्शन देंगी. सुबह आठ बजे से माता का बोधन होगा फिर कल्पारंभ के बाद शाम 6:30 बजे उनका अधिवास होगा. बेलवरण की पूजा होगी और सभी को आमंत्रण देने के बाद शाम में अनुष्ठान के उपरांत माता का पट खोल दिये जायेंगे. पुष्पांजलि अौर भोग लगाने के बाद भक्त पूजा-अर्चना कर सकेंगे. कालीबाड़ी के अलावा बंगाली अखाड़ा, पीडब्लूडी परिसर, आर ब्लॉक, मीठापुर, जक्कनपुर और पाटलिपुत्र स्थित बांग्ला मंडपों में माता के दर्शन होंगे. सभी बांग्ला पंडालों में गुरुवार को तुलसी पूजा आयोजित की गयी. कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी वासुदेव चक्रवर्ती ने बताया कि सप्तमी को 12 बजे खिचड़ी का भोग लगाया जायेगा आैर दशमी तक रोज विशेष पूजा की जायेगी.
पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना, आज माता कात्यायिनी की होगी पूजा : ‘सिंहासन गता नित्यं पद्मन्वित करद्वया। शुभ दास्तु महादेवी स्कंद माता यशस्विनी।। आदिशक्ति के पांचवें स्वरूप मां स्कंद माता का आह्वान और आराधना इसी मंत्र से की गयी. मंदिर के साथ घरों और पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे श्रद्धालुओं ने माता के इस स्वरूप का पूजन विधि विधान से किया.
राजधानी के मंदिरों की बात करें, तो प्राचीन सिद्धेश्वरी काली मंदिर में मां के स्कंद स्वरूप की पारंपरिक विधि विधान से पूजा की गयी. आचार्य पं लालमोहन शास्त्री ने बताया कि स्कंद माता से सिद्धियों की कामना की गयी. दुर्गा सप्तशती के अनुसार आदिशक्ति श्री दुर्गा का पंचम रूप श्री स्कंद माता हैं. श्री स्कंद (कुमार कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंद माता कहा जाता है. नवरात्रि के पांचवें दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है.
इनकी आराधना से विशुद्ध चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं व मृत्युलोक में ही साधक को परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है. उसके लिए मोक्ष का द्वार सुलभ हो जाता है. इसलिए, श्रद्धालु मां भगवती के इस स्वरूप की विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं. इस स्वरूप की पूजा के लिए मंदिरों में विशेष प्रबंध िकये जाते हैं.
जलेश्वर महादेव मंदिर में भी तैयारी पूरी : कंकड़बाग के जलेश्वर महादेव मंदिर में इस साल 11 फुट की प्रतिमा और उसकी सजावट आकर्षण का केंद्र होगी. लगातार 46 सालों से कंकड़बाग के लाखों की आबादी के लिए यहां हर साल कुछ खास किया जाता है. जलेश्वर महादेव मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ शांति राय व सचिव अजय यादव ने बताया कि हम सब ने आकर्षक सजावट पर जोर दिया है, ताकि राजधानी के अधिक से अधिक श्रद्धालु को यहां पर आकर्षित किया जा सके.
समिित के पदाधिकारियों को उम्मीद है िक इस बार शहर के अलग-अलग हिस्सों यहां की प्रतिमा और मेले का आनंद लेने के लिए लोग आयेंगे. प्रसिद्ध मूर्तिकार शिवशंकर पंडित द्वारा यहां मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा बनायी गयी है. कंकड़बाग की लगभग पांच लाख आबादी के लिए यहां के आसपास के मोहल्लों को भी बिजली के बल्ब से सजाया जा रहा है. नवमी को 51 कुमारी कन्याओं का पूजन और शाम चार से आठ बजे तक
महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा. कुमारी कन्याओं के पूजन और महाप्रसाद वितरण में भी हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे. किया पूजा की तैयारी में समिति के पदाधिकारी जीपी वर्मा, ब्रजनंदन प्रसाद, रवींद्र रवि, अशोक सिंह, डॉ ब्रजभूषण शर्मा, नंदन प्रसाद सिंह और राजीव कुमार लगे हैं.

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