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पटना पुलिस के पास नहीं है अपना साइबर सेल

नितिश महज चार लोगों पर है सूबे के इकलौते साइबर क्राइम सेल का भार पटना : राजधानी सहित सूबे में साइबर अपराध से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं, मगर इस पर प्रभावी कार्रवाई को लेकर न तो पुलिस मुख्यालय और न ही जिला पुलिस गंभीर दिख रही है. स्थिति यह है कि पटना पुलिस […]

नितिश

महज चार लोगों पर है सूबे के इकलौते साइबर क्राइम सेल का भार

पटना : राजधानी सहित सूबे में साइबर अपराध से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं, मगर इस पर प्रभावी कार्रवाई को लेकर न तो पुलिस मुख्यालय और न ही जिला पुलिस गंभीर दिख रही है. स्थिति यह है कि पटना पुलिस के पास अपना साइबर क्राइम सेल तक नहीं है. फिलहाल पटना पुलिस आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई के साइबर क्राइम सेल से ही काम चला रही है.

जिस तरह से पटना में साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए पटना पुलिस में भी साइबर क्राइम सेल की सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही है. अभी हालत यह है कि साइबर क्राइम से जुड़े मामले थानों में दर्ज किये जा रहे हैं. जरूरत पड़ने पर मामलों को आर्थिक अपराध इकाई के साइबर क्राइम सेल में अनुसंधान के लिए भेजा जाता है, लेकिन उसके पास पटना नहीं, बल्कि पूरे सूबे की जिम्मेदारी है.

डीएसपी के स्थानांतरण के बाद खत्म : विदित हो कि साइबर क्राइम सेल की जरूरत को महसूस करते हुए मई, 2010 में कोतवाली थाने में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट की स्थापना की गयी थी. डीएसपी (विधि-व्यवस्था) ललित मोहन शर्मा के हाथों में इस इकाई की कमान दी गयी थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह यूनिट बंद हो गयी.

जनवरी, 2011 में खुला साइबर क्राइम सेल : साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट के बाद एटीएस भवन में साइबर क्राइम सेल खोला गया, लेकिन इसकी भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है. यह सेल आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के अंतर्गत काम करता है. इसमें एक एडिशनल एसपी रैंक के पदाधिकारी, दो सब इंस्पेक्टर व एक सिपाही काम कर रहे हैं.

साइबर क्राइम से जुड़े इतने मामले हैं कि सेल में काम करने वालों की संख्या उनकी अपेक्षा में काफी कम है. एक अनुमान के अनुसार, इसकी स्थापना के बाद से अब तक यहां लगभग 150 मामले आ चुके हैं. हालांकि, पुलिस अधिकारियों का दावा है कि लगभग 50 फीसदी मामलों का निबटारा कर लिया गया है.

सबसे अधिक एटीएम फ्रॉड के मामले दर्ज : साइबर क्राइम के तहत एटीएम फ्रॉड व फेसबुक में गड़बड़ी से जुड़े मामले अधिक आते हैं. एक अनुमान के तहत लगभग 60 फीसदी एटीएम फ्रॉड व 20 फीसदी फेसबुक की गड़बड़ी से संबंधित मामले दर्ज होते हैं. वहीं बाकी के 20 फीसदी में साइबर क्राइम के अन्य मामले आते हैं.

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