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मुख्य सड़कों पर कचरा, अधिकारी बोले-अभी हम दूसरे काम में
नगर आयुक्त ने कहा अपर नगर आयुक्त के पास है सफाई का प्रभार पटना : वैसे तो शहर की सफाई व्यवस्था पहले से दुरुस्त नहीं है. लेकिन इन दिनों सफाई की स्थिति और खराब हो गयी है. गली मुहल्लों की बात तो दूर शहर की मेन सड़कों पर कचरा का उठाव नहीं किया जा रहा […]
नगर आयुक्त ने कहा अपर नगर आयुक्त के पास है सफाई का प्रभार
पटना : वैसे तो शहर की सफाई व्यवस्था पहले से दुरुस्त नहीं है. लेकिन इन दिनों सफाई की स्थिति और खराब हो गयी है. गली मुहल्लों की बात तो दूर शहर की मेन सड़कों पर कचरा का उठाव नहीं किया जा रहा है.
मंगलवार को मुख्य सड़क बोरिंग रोड, एन कॉलेज रोड से लेकर पाटलीपुत्रा मोड़ तक डस्टबीन से कचरे का उठाव नहीं किया गया. डस्टबीन से लेकर आसपास भी कचरा फैला हुआ था. इसके अलावा मैनपुरा कुर्जी से लेकर गांधी मैदान के गोलघर तक किसी भी डस्टबीन से कचरे का उठाव नहीं किया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार एक सप्ताह से अधिक समय से ऐसी स्थिति बनी हुई है. भले ही स्मार्ट सिटी को लेकर नगर निगम पीआर मुहिम चला रहा है लेकिन शहर की बदहाल सफाई को देखने वाले जिम्मेवार अधिकारी शहर की सफाई को लेकर गंभीर नहीं है. सवाल पूछने पर कहते है कि अभी हम थोड़ा दूसरे काम में व्यस्त हो गये थे.
जिम्मेवार अधिकारी टाल रहे हैं बात : शहर की सफाई की मुख्य जिम्मेवारी नगर आयुक्त अभिषेक सिंह की है. बीते एक माह से शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन जब उनसे इस बाबत सवाल किया जाता है तो नगर आयुक्त का जवाब है कि शहर की सफाई अपर नगर आयुक्त के जिम्मेवारी है.
उन्हें देखना चाहिए. वहीं अपर नगर आयुक्त (सफाई) शीर्षत कपिल अशोक से पूछा जाता है तो उनका कहना है कि अभी वो स्मार्ट सिटी और बाढ़ को लेकर व्यस्त हैं. इस पर उनका ध्यान उतना नहीं है.
हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद नगर निगम शहर में स्थित अपने सेकेंडरी डंपिंग यार्ड को कचरे से खाली नहीं कर पा रहा है. नगर आयुक्त के नोटिस के बाद भी गर्दनीबाग और कंकड़बाग का सेकेंडरी डंपिंग यार्ड भरा हुआ है. इस कारण शहर से कचरा उठाव ठीक से नहीं हो पाता. वहीं निगम ने कई रास्तों पर डस्टबीन भी रखा है.
शहर की सूरत बिगाड़ रहें है कचरा प्वाइंट : शहर में 12 सौ जगहों पर कचरा प्वाइंट है. कचरा प्वाइंटों पर निगम की गंदगी के कारण अगल-बगल में गंदगी भरी रहती है. कचरा प्वाइंटों के बनाने और उनके सौंदर्यीकरण की योजना पहले से ठंडे बस्ते में है.
सफाई नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है. सफाई में सबसे अधिक खर्च कचरा ढुलाई और सफाई मजदूरों पर होता है. नगर निगम में स्थायी और अस्थायी मिला कर सफार्इ मजदूरों की संख्या लगभग 26 सौ से अधिक है. वहीं एक माह में सफार्इ पर निगम का खर्च दो करोड़ के लगभग है. इतनी राशि खर्च करने के बावजूद नगर निगम शहर के लोगों को बेहतर सफाई नहीं दे पाता.
पदाधिकारियों को लिखित निर्देश दिया जायेगा
ये सही बात है कि इस समय शहर की सफाई व्यवस्था में गिरावट आयी है. कुछ अन्य महत्वपूर्ण कामों में व्यस्तता के कारण इस पर ध्यान नहीं गया. सफाई में बेहतर सुधार हो इसके लिए सभी अंचल पदाधिकारियों को सफाई लिखित निर्देश दिया जायेगा.
शीर्षत कपिल अशोक, अपर नगर आयुक्त (सफाई)
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