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आपदा से निबटने के लिए अधिकारी रहें चौकस : सीएम

गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मगध प्रमंडल व सासाराम के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बरसात में विभिन्न नदियों में अचानक बढ़नेवाले जलस्तर के कारण होनेवाले नुकसान से निबटने के लिए हर वक्त चौकस रहें. नदी किनारे रहनेवाले लोगों को समय से पहले अलर्ट करें. शनिवार को गया पहुंचे सीएम ने गया के डीएम […]

गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मगध प्रमंडल व सासाराम के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बरसात में विभिन्न नदियों में अचानक बढ़नेवाले जलस्तर के कारण होनेवाले नुकसान से निबटने के लिए हर वक्त चौकस रहें. नदी किनारे रहनेवाले लोगों को समय से पहले अलर्ट करें.

शनिवार को गया पहुंचे सीएम ने गया के डीएम कुमार रवि को शुक्रवार को फल्गु नदी (निरंजना व मुहाने) में अचानक बढ़े जलस्तर के कारण हुए नुकसान व इसमें जान गंवा चुके तीन लोगों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर राहत राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. साथ ही, फल्गु में अचानक जलस्तर के बढ़ने का पूर्वानुमान लगाने के लिए चतरा व हजारीबाग में होनेवाली बारिश पर भी नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि पानी बढ़ने की सूचना समय से पहले नदी किनारे रहनेवाले लोगों को दी जा सके.

सीएम ने विशेष परिस्थितियों से निबटने के लिए लाइफ जैकेट, रस्सी व तैराकों को भी हर वक्त तैयार रखने का निर्देश दिया. डीएम कुमार रवि ने बताया कि जिला प्रशासन के पास जरूरी सामग्री उपलब्ध है और नदी किनारेवाले प्रखंडों में लाइफ जैकेट व रस्सी आदि भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बोधगया में निरंजना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के कारण पच्छट्टी मुहल्ले के एक युवक विनोद कुमार उर्फ छोटू की जान चली गयी. प्रशासन ने उसे बचाने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली. उन्होंने बताया कि मृतक के परिजन को तत्काल चार लाख रुपये दिये गये हैं. बोधगया के ही काजीचक गांव की एक महिला फलुका देवी व बेलागंज के दलेलचक गांव के युवक लालकेश्वर यादव के परिजनों को भी आपदा राहत कोष से उचित मुआवजा दिया जायेगा.
सोन पर नजर रखने का टास्क
सीएम ने सासाराम के डीएम अनिमेष कुमार पराशर को भी निर्देश दिया कि सोन नदी के जलस्तर पर नजर रखें व नदी तटीय गांवों में लोगों को अलर्ट कर दें. सीएम ने कहा कि विशेष स्थिति से निबटने के लिए हर वक्त तत्पर रहें. राहत सामग्री व पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रशिक्षित लोगों को तैयार रखें. इसके अलावा किसी तरह की घटना होने पर संबंधित परिवार को बगैर देर किये राहत पहुंचाने का प्रयास करें. गया एयरपोर्ट की सभाकक्ष में सीएम ने अधिकारियों के साथ लगभग 25 मिनट तक बैठक की व क्षेत्र में पानी की स्थिति का जायजा लिया. इससे पहले उन्होंने हेलीकॉप्टर से फल्गु नदी का सर्वेक्षण भी किया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों में धान की रोपनी का भी हाल जाना. बैठक में आपदा प्रबंध विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मगध आयुक्त लियान कुंगा, डीआइजी सौरभ कुमार, सिटी एसपी अवकाश कुमार के साथ ही नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद व अरवल के डीएम भी शामिल हुए. सीएम एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकले व एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार के पास ही उनके स्वागत में मौजूद कार्यकर्ताओं से संक्षिप्त मुलाकात कर उनका अभिवादन स्वीकार किया. अपराह्न करीब 3:10 बजे सीएम का हेलीकॉप्टर गया एयरपोर्ट पर पहुंचा व बैठक के बाद फल्गु नदी का सर्वेक्षण करते हुए वापस पटना लौट गया.
बाढ़ से फिलहाल खतरा नहीं, सोन के पेट में रहने वाले आ जायें बाहर
गया, अरवल, औरंगाबाद समेत अन्य दक्षिण बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे के बाद . पटना में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दक्षिण बिहार के जिलों में फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है. परंतु सेन नदी के पेट या भीतरी हिस्से में रहने वाले लोगों को जब भी प्रशासन कहे, वे बाहर आ जायें. उन्होंने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील कि वे प्रभावित क्षेत्र से बाहर आ जायें. अगर सोन का पानी बढ़ेगा, तो उन्हें खतरा हो सकता है. इंद्रपुरी बराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे खतरा उत्पन्न होने की संभावना है. पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश होने से नदी में उफान आ सकता है. उन्होंने कहा कि दौरा करने के बाद गया के आयुक्त के अलावा गया, जहानाबाद, अरवल, रोहतास और औरंगाबाद जिलों के डीएम से बात करके महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं. स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है.

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