पटना : देखिए, पिछले दो सालों से शहर के 72 वार्डों में पेयजल की योजना के बारे में सुन रहे हैं. 18 वार्डों में बुडको काम कर रहा है. शेष 54 वार्डों में अब योजना का स्टेटस क्या हैं. हम अखबारों में पढ़ते हैं कि बाकी जगहों पर नगर निगम को पेयजल योजना लागू करनी है.
आप नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव से पत्राचार कर पूछ लीजिए, अगर निगम की जिम्मेवारी है, तो शेष पूरी योजना का डीपीआर बना कर काम शुरू किया जायेगा. हम लोग शहर के लोगाें को कब तक गंदा पानी पिलाते रहेंगे. ये बातें मेयर अफजल इमाम ने शनिवार को निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में नगर आयुक्त अभिषेक सिंह से कहीं. बैठक में कुल आठ मुद्दों को लाया गया था. इसमें कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई अौर कुछ पर निर्णय भी हुए.
गौरतलब है कि शहर के 72 वार्डों में नुरूम योजना के तहत 527 करोड़ की पेयजल योजना बनी थी. काम बुडको के माध्यम से किया जा रहा था. लेकिन, काम में देरी का हवाला देकर नगर विकास व आवास विभाग ने कंपनी को हटा दिया. इस दौरान अब 18 वार्डों में जल मीनार व पाइप लाइन विस्तार की योजना बुडको के जिम्मे हैं, जबकि शेष वार्डों का काम लटका हुआ है. विभाग से ताजा स्टेटस लेने की जिम्मेवारी निगम के मुख्य अभियंता को दी गयी है.
निगम प्रशासन ने दिया संलेख, अगली बैठक में होगा निर्णय : बैठक में ठोस कचरा प्रबंधन के तहत उपकरणों की खरीद का मामला भी आया था. इसमें निगम को स्वीपिंग मशीन, डि-सेल्टिंग मशीन, गाॅरवेज कंटेनर, स्टील डस्टबीन, बगैर चक्का वाला डस्टबीन जैसे मुद्दों को लाया गया था. लेकिन, मेयर अफजल इमाम के अनुसार उन उपकरण की खरीद का संलेख बैठक में शुरू होने से कुछ देर पहले निगम के अधिकारियों ने दिया. इस कारण समिति योजना पर निर्णय नहीं ले सकी. आयुक्त ने बताया कि समिति उपकरण की खरीद से पहले बुडको से इसका डेमो देखना चाहती है.
कंपनी काम करें, नहीं तो बोर्ड की बैठक में निविदा रद्द करेंगे : लगातार निर्देश के बावजूद रामाचक बैरिया में ठोस कचरा प्रबंध पर काम करनेवाली कंपनी सुनील हाइटेक काम नहीं कर रही है. मेयर ने बताया कि अब कंपनी बैरिया की जमीन को मॉरगेज कर योजना की राशि लेना चाहती है. इस पर नगर आयुक्त विभाग से मार्गदर्शन मांग कर कार्रवाई करें. योजना को लटकाया नहीं जाये. क्योंकि, कचरा प्रबंधन नहीं होने के कारण रामाचक बैरिया में कचरा गिराने में समस्या हो रही हैं. मेयर ने कहा कि अगर कंपनी काम शुरू नहीं करती है, तो बोर्ड की बैठक में निविदा को रद्द करने का प्रस्ताव पास करेगी.
सात जगहों पर प्रवेश द्वार बनाने की योजना : हालांकि, समिति इस योजना पर पहले भी स्वीकृति दे चुकी है. लेकिन, शनिवार को शहर में सात प्रवेश द्वार बनाने का प्रस्ताव लाया गया. इसमें गंगा सेतु, रामाचक बैरिया, दीदारगंज चेक पोस्ट, सिपारा, खोजा इमली, बेली रोड नहर, दीघा में पोलशन स्कूल के पास पीपीपी मोड़ का गेटवे शामिल है.
जबकि नगर आयुक्त ने कहा कि एनएचएआइ व संबंधित अन्य विभागों से इस पर नियम व जानकारी मांगा जायेगा.
हर वार्ड में पांच-पांच समरसेबल की स्वीकृति
बैठक में हर वार्ड में पांच-पांच समरसेबल लगाने की योजना पर भी निर्णय लिया गया. इस योजना के तहत वाटर टैंक का भी निर्माण किया जाना है. मामला प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ रहा था, जिसे शनिवार को समिति ने दे दी. मेयर के अनुसार इसके लिए जल्द ही निविदा निकाली जायेगी. पांच समरसेबल में एक वार्ड में योजना की लागत दस लाख 40 हजार आयी है.
उपकरण नहीं खरीदे, तो लौट जायेगी राशि
ठोस कचरा प्रबंधन के तहत निगम को 41 करोड़ की लागत से कुछ उपकरण खरीदने है. लेकिन, नगर निगम अब तक मात्र सात करोड़ ही खर्च कर पाया है. नगर आयुक्त ने विभाग से इसके लिए दो माह का समय मांगा है. दो माह के भीतर नगर निगम अगर राशि खर्च नहीं कर पाया, तो राशि लौट जायेगी. योजना नुरूम की है. निगम के पास अन्य कुछ उपकरणों की खरीद की योजना है.