Advertisement
विवि शिक्षक नियुक्ति में स्थानीय को मिले तरजीह
बिहार विधानसभा में उठा डोमिसाइल का मुद्दा , सदस्यों ने की मांग पटना : विधानसभा में मंगलवार को राज्य के विवि में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में बिहार के छात्रों को तरजीह देने की मांग उठी. भाजपा और राजद के सदस्यों ने जहां इस मामले को उठाते हुए सरकार को बिहारी छात्रों को प्राथमिकता देने […]
बिहार विधानसभा में उठा डोमिसाइल का मुद्दा , सदस्यों ने की मांग
पटना : विधानसभा में मंगलवार को राज्य के विवि में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में बिहार के छात्रों को तरजीह देने की मांग उठी. भाजपा और राजद के सदस्यों ने जहां इस मामले को उठाते हुए सरकार को बिहारी छात्रों को प्राथमिकता देने का मामला उठाया, वहीं जदयू के श्याम रजक ने सरकार से विवि की कुल रिक्तियों को भरे जाने की मांग की. सदन में उठे सवालों पर शिक्षा मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति को लेकर यूजीसी की ताजा गाइडलाइन पर सरकार विधि विशेषज्ञों की राय लेगी.
विधानसभा में भाजपा के विजय कुमार सिन्हा के अल्पसूचित सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि प्रदेश के विवि में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति
बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जा रही है.
उन्होंने सदन को बताया कि राज्य सरकार के पास यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के तर्ज पर राज्यस्तरीय व्याख्याता पात्रता परीक्षा लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इधर यूजीसी का नया प्रावधान आया है.
राज्य सरकार उस पर कानूनी सलाह लेने के बाद ही कोई पहल करेगी. यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के आधार पर राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की अरसे से मांग होती रही है. भाजपा सदस्य विजय सिन्हा का सवाल था कि राज्य स्तर पर प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाता है. पर, असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए राज्य स्तर पर पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं कर नेट के जरिये छात्रों का चयन किया जाता है.
क्या राज्य सरकार इस तरह की परीक्षा का आयोजन करने का विचार रखती है?
शिक्षा मंत्री ने जदयू के श्याम रजक के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बीपीएससी को 3345 शक्षिकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना भेजी गयी है.
जिन विषयों में शिक्षकों की कमी है, उसे दूर करने के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया गया है. मंत्री ने कहा कि बहाली की प्रक्रिया तेज करने के लिए आयोग के चेयरमैन से बात की गयी है. श्याम रजक ने कहा कि 27 जुलाई को मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा की समीक्षा की थी, जिसमें रिक्त पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था तेज करने का निर्देश दिया था. राज्य में छह हजार 888 शिक्षकों की कमी है और अभी आधी पदों पर ही नियुक्ति की अधियाचना भेजी गयी है. पूरक प्रश्न के माध्यम से विनोद प्रसाद यादव ने सराकर से पूछा कि राज्य के वैसे छात्र, जो पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं, उनको नियुक्ति में प्राथमिकता दी जायेगी. शक्ति सिंह यादव ने पूरक प्रश्न के माध्यम से राज्य के विद्यार्थियों को वरीयता देने की मांग की.
नेट के तर्ज पर राज्य पात्रता परीक्षा का प्रस्ताव नहीं
राज्य में विवि और कालेजों के शिक्षकों की चल रही बहाली प्रक्रिया में उन्हीं आवेदकों पर गौर किया जा रहा है, जो नेट क्वालिफाइ हैं या यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी हैं. राज्य में ऐसे बहुत सारे आवेदकों को साक्षात्कार में नहीं बुलाया गया है, जिन्होंने नेट क्वालिफाइ नहीं किया है व उनके पास यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी की डिग्री भी नहीं है.
बिहार में यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी वाले अभ्यर्थी काफी कम संख्या में होने के कारण असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को लाभ मिल जा रहा है. 27 जुलाई को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसे डोमिसाइल से जोड़ दिया था. उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्त में बाहरी को अवसर मिल जाने की चर्चा करते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement