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भाजपा नेता नंदकिशोर बोले, शराब का दर्द सहा हूं, पर इसे डंडे से नहीं रोक सकते
कहा, शराब से मेरे दामाद की मौत हो गयी, पर इसे डंडे से नहीं रोका जा सकता पटना : विधानसभा में सोमवार को उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान द्वारा नया उत्पाद विधेयक पेश किये जाने के बाद विपक्ष की ओर से भाजपा के नंदकिशोर यादव ने इस पर बहस शुरू की. नंदकिशोर यादव ने सरकार […]
कहा, शराब से मेरे दामाद की मौत हो गयी, पर इसे डंडे से नहीं रोका जा सकता
पटना : विधानसभा में सोमवार को उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान द्वारा नया उत्पाद विधेयक पेश किये जाने के बाद विपक्ष की ओर से भाजपा के नंदकिशोर यादव ने इस पर बहस शुरू की. नंदकिशोर यादव ने सरकार से इस विधेयक को वापस लेने की अपील की.
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि चार महीने के अंदर ऐसी कौन-सी परिस्थिति पैदा हो गयी, जिसके कारण यह विधेयक लाया गया. उन्होंने कहा कि शराब की आदत होती है. किसी भी नशे की यह आदत होती है. इसे डंडे की जोर से नहीं रोका जा सकता है. मैंने इसके दर्द को भुगता है. मेरे दामाद की इससे मौत हुई. मेरी 32 वर्ष की बेटी विधवा हो गयी. उन्होंने कहा कि नये कानून को लेकर सत्ताधारी दल में एका नहीं है. मुझे लगा कि सरकार ताड़ी पर प्रतिबंध वापस लेगी और परिवार के सभी बालिग सदस्यों की गिरफ्तारी जैसे बिंदु को भी वापस ले लेगी.
लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. नये विधेयक को तालिबानी कानून बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है. इससे गरीब लोगों की और परेशानी बढ़ेगी. कोई माता-पिता, पत्नी कभी अपने बेटे और पति को जेल जाते नहीं देख सकती. आजकल परिवार में भी एकता नहीं होती. इस कानून के चलते घर की 18 साल की बहू-बेटी जेल जाने को विवश होंगी. इस तरह का काला कानून आपात काल में लाया गया था. जंगल का कानून लागू किया जा रहा है.
यादव ने कहा कि दो तरह के कानून बनाये जाते. पहला, अवैध शराब बनाने, बेचनेवालों के खिलाफ और दूसरा शराब पीने की आदतवाले लोगों के लिए. लेकिन, सरकार एक ओर शराब बनाने के कारखानों को बंद नहीं कर रही व उसे पीने या पीने के शक होने पर भी 10 साल की सजा हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि चार महने पहले कहा गया था कि शराब की दुकानों पर काम करनेवालों के लिए सुधा दूध के बूथ खुलेंगे. पर, एक भी नहीं खुला. मुख्यमंत्री को निशाना बनाते हुए कहा आप नैतिकता और अनैतिकता की बात कर रहे हैं. अाप झारखंड और यूपी जा रहे हैं.
वहां शराबबंदी की बात कर रहे हैं. यह कौन-सी नैतिकता है. अपने राज्य में शराब बनाने के कारखानाों को जारी रखिए, इसे दूसरे राज्यों में बेचिए और दूसरे राज्यों को शराबबंदी की नसीहत दीजिए. यदि शराब कारखाने बंद करने का सरकार आदेश देती, तो हम उसका स्वागत करते
सरकार के जवाब का बहिष्कार करने के बाद लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा कि नयी उत्पाद नीति पूरी तरह से जनविरोधी है. भाजपा इसका विरोध करती है. हमलोग राज्यपाल को मेमारेंडम सौंप कर बतायेंगे कि नयी उत्पाद नीति आमजन को नुकसान पहुंचानेवाली है.
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