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बिहार में शराबबंदी के लिए चुनौती बना झारखंड राज्य

समस्या. राज्य में पकड़ी गयी 68 हजार लीटर विदेशी शराब में अधिकांश झारखंड की झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में उत्पाद नियम की अनदेखी करके लोगों को दी जा रही है शराब, ऐसी शराब दुकानों के लाइसेंस रद्द करने को राज्य उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव ने लिखा पत्र. पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू […]

समस्या. राज्य में पकड़ी गयी 68 हजार लीटर विदेशी शराब में अधिकांश झारखंड की
झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में उत्पाद नियम की अनदेखी करके लोगों को दी जा रही है शराब, ऐसी शराब दुकानों के लाइसेंस रद्द करने को राज्य उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव ने लिखा पत्र.
पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी काफी मात्रा में देशी और विदेशी शराब बरामद हो रही है. इसमें मुख्य रूप से जो विदेशी शराब बरामद होती है, उसमें झारखंड के शराब की मात्रा सबसे ज्यादा है. अप्रैल से जुलाई तक चार महीनों के दौरान राज्यभर में 68 हजार लीटर से ज्यादा सिर्फ विदेशी शराब बरामद हुई है, जिसमें 80 फीसदी से ज्यादा शराब सिर्फ झारखंड राज्य की ही है. इन चार महीनों के दौरान 75 हजार लीटर देसी शराब भी बरामद हुई है, जिसमें भी काफी मात्रा में शराब झारखंड से लायी गयी है.
राज्य में लागू शराबबंदी कानून के लिए चुनौती बनते जा रहे झारखंड से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने पत्र लिखा है. उन्होंने झारखंड के उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर अपील की है कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून को बरकरार रखने मेंसहयोग करें.
झारखंड से सटे इलाकों में शराब तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए उत्पाद प्रधान सचिव अगस्त में झारखंड जाकर वहां की सरकार के समक्ष इस मामले को रखेंगे और गलत करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग भी करेंगे.
लोगों को रिटेल लिमिट से ज्यादा दे रहे शराब
यह बात सामने आयी है कि तमाम सीमावर्ती इलाकों में जितनी भी शराब की दुकानें मौजूद हैं, वह लोगों को रिटेल लिमिट से ज्यादा शराब बेच रही हैं, जो उत्पाद कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है. नियमानुसार, किसी एक व्यक्ति को चार बोतल से ज्यादा विदेशी शराब और छह बोतल से ज्यादा बीयर नहीं दी जा सकती है. जबकि ये दुकानदार लोगों को मनमाना शराब की बोतलें बेच रहे हैं.
झारखंड से शराब लाकर बेचने वाले जितने भी तस्कर पकड़े गये हैं, उनके पास से चार से ज्यादा और 15-20 तक बोतलें बरामद हुई है. ये सभी बोतलें एक ही बैच नंबर की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि तमाम शराब किसी एक दुकान से ही खरीदी गयी है. यह पूरी तरह से ‘लिमिट ऑफ रिटेल सेल’ का उल्लंघन है. इसे कानून का उल्लंघन माना जायेगा. बिहार ने झारखंड से कहा है कि बैच नंबर के आधार पर संबंधित दुकानों की पहचान करके इनका लाइसेंस रद्द किया जाये और दोषी लोगों पर उत्पाद अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाये.
उत्पाद प्रधान सचिव ने डीएम-एसपी से जब्त शराब का ब्योरा मांगा
शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार से सटे झारखंड के जिलों में पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी संख्या वैध और अवैध रूप से शराब की दुकानें भी खुल गयी हैं, जिनके कारण शराब की तस्करी बेहद आसान हो गयी है.
सीमावर्ती इलाकों के सभी होटलों और ढाबों में आसानी से विदेशी शराब मिलने लगी है. गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार ने भी हाल में इस गंभीर मुद्दे को नई दिल्ली में आयोजित ‘अंतर राज्य परिषद’ की बैठक में उठाते हुए मांग की थी कि सीमावर्ती इलाके में बिहार की सीमा से तीन किमी की दूरी पर शराब की दुकानें खोली जायें.
उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव जायेंगे झारखंड
राज्य के उत्पाद प्रधान सचिव केके पाठक ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखकर अपने-अपने जिलों में जब्त हुए अवैध शराब का पूरा ब्योरा मांगा है. इसके साथ ही जिलों को यह भी कहा गया है कि जब्त हुए शराबों में कितना माल झारखंड का है. इसका बैच नंबर के साथ पूरा आंकड़ा भेजने के लिए कहा गया है.
साथ ही गिरफ्तार किये गये लोगों से बयान लेने के लिए भी कहा गया कि उन्होंने कहां से शराब खरीदी है. झारखंड से जब्त हुई शराब का जिलावार ब्योरा तैयार होने के बाद उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव अगस्त में झारखंड जायेंगे और इस मुद्दे की गंभीरता को रखते हुए कार्रवाई करने की बात कहेंगे.

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