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डिग्री-नौकरी देने के नाम पर ठगी का व्यापार

इओयू के रडार पर ऐसे एक दर्जन से ज्यादा फर्जी संस्थान पटना : राज्य में ठगी और फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए डिग्री और नौकरी हमेशा से सबसे आसान माध्यम रहा है. फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षा में कोई न कोई तरीका हमेशा ढूंढते ही रहते हैं. सरकार की तरफ से चिट फंड कंपनी पर कड़ाई […]

इओयू के रडार पर ऐसे एक दर्जन से ज्यादा फर्जी संस्थान
पटना : राज्य में ठगी और फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए डिग्री और नौकरी हमेशा से सबसे आसान माध्यम रहा है. फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षा में कोई न कोई तरीका हमेशा ढूंढते ही रहते हैं. सरकार की तरफ से चिट फंड कंपनी पर कड़ाई होने के बाद इन दिनों निजी संस्थान खोलकर ठगी का कारोबार बड़े स्तर पर शुरू हो गया है. छोटे शहरों में ऐसे संस्थानों की तो हर गली-मोहल्लों में बाढ़ सी आ गयी है.
शहर में ऐसे करीब एक दर्जन संस्थानों के बारे में पता चला है कि वे नौकरी देने या बीएड, एएनएम समेत अन्य कई कोर्सों की डिग्री देने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. छात्रों से मोटी रकम लेने के बाद ये इन्हें हजम कर लेते हैं या फर्जी डिग्री या सर्टिफिकेट बनाकर दे देते हैं. इन संस्थानों का कोई हिसाब-किताब सरकार के पास नहीं होने के कारण, इन्हें पकड़ पाना संभव नहीं हो पाता है.
जब तक इनके खिलाफ शिकायत नहीं आती है, तब तक इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है. पिछले कुछ दिनों में शिकायत आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के रडार पर ऐसे एक दर्जन से ज्यादा फर्जी संस्थान हैं. जब से राज्य में शिक्षक, नर्स की भर्ती बड़ी संख्या में होने लगी है. तब से बीएड, एएनएम जैसे अन्य प्रोफेशनल डिग्री की डिमांड भी काफी बढ़ी है. इसके साथ ही फर्जी का कारोबार भी बढ़ा है. आर्थिक अपराध कोषांग के पास ऐसी शिकायतें पहुंची है. पहुंची एक शिकायत के अनुसार ‘कॉरियर व्यू प्राइवेट लिमिटेड’ नामक संस्थान ने अपना कार्यालय बोरिंग रोड में खोल रखा था. इस संस्थान ने कई छात्रों से बीएड की कानपुर स्थित डिग्री छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से दिलाने के नाम पर करीब एक लाख रुपये प्रति छात्र के हिसाब से लिया.
संस्थान ने छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय का वकायदा रजिस्ट्रेशन सह बोनाफायड सर्टिफिकेट भी दे दिया. परंतु जब छात्रों ने कहा कि वे विवि जाकर परीक्षा देना चाहते हैं या एक बार जाकर वहां देखना चाहते हैं. तब इस संस्थान ने टाल-मटोल शुरू कर दिया.
काफी दिनों तक दौड़ाने के बाद छात्रों से कहा कि वे अपने पैसे वापस ले जायें. इस पर जब छात्र तैयार हुए, तो संस्थान ने फर्जी चेक थमा दिया. यह चेक आज तक कैश नहीं हुआ है. कुछ लोगों को आज तक जिस एकाउंट का चेक दिया गया है, उसमें उतने पैसे थे ही नहीं. कुछ छात्रों को इस संस्थान ने फर्जी सर्टिफिकेट दे दिया है.
नाम बदल के चला रहा अन्य कहीं
इसके बाद इस संस्थान ने अपना कार्यालय भी बदल लिया और चिरैयाटांड पुल के पास से ‘कॉरियर व्यू इंस्टीच्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज’ के नाम से खोल लिया. दोनों संस्थानों के निदेशक लेकर नीचे तक के सभी स्टॉफ वही हैं. यह सिर्फ एक उदाहरण है, कॉरियर वर्ल्ड, कॉरियर काउंसिलिंग सेंटर जैसे दर्जनों फर्जी संस्थानों की भरमार है.
कई संस्थान ले रहे परीक्षा भी
एक अलग तरह की धांधली इन दिनों भी शुरू हो गयी है. इसमें संस्थान कई विवि से टाइ-अप या नामांकन लेने की फ्रेंचाइजी का दावा करते हैं. इसके बाद ये संस्थान छात्रों की वकायदा परीक्षा तक लेते हैं. यह परीक्षा एक तरह का बहाना होता है. दरअसल इसके माध्यम से ये लोग अभिभावकों से नेगोसिएशन करते हैं. जिस कॉलेज में एडमिशन लेना है, उसके हिसाब से रकम वसूली जाती है. दूसरी तरफ जो निजी विवि जितना ज्यादा कमीशन देते हैं, वहां ज्यादा छात्रों का नामांकन करा देते हैं. परीक्षा लेना धूल झोंकने का माध्यम है. यहां के अधिकांश छात्रों को उन संस्थानों या निजी विवि के बारे में पता नहीं होता है.
नौकरी दिलाने के लिए ले रहे पैसे
बेतिया में ‘जन समुदाय सेवा संस्थान’ नामक संस्थान लोगों से 30 से 40 हजार रुपये शिक्षक बनाने के लिए ले रहे हैं. इस संस्थान का पता पटना का है. इस तरह के संस्थान की छोटे शहरों में भरमार है, जहां लोगों से धड़ल्ले से ठगी का कारोबार चल रहा है. कई फर्जी संस्थानों ने काफी बड़ी संख्या में अपनी शाखाएं तक खोल रखी हैं.
एक ही आदमी के अलग-अलग जिलों में दूसरे-दूसरे नाम से ऐसे संस्थान चल रहे हैं. इस कारोबार में कई एनजीओ भी शामिल हैं, जो ट्रस्ट या संस्थान के नाम पर रजिस्ट्रेशन लेकर यह फर्जीवाड़ा कर रहे हैं.

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