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लालकेश्वर-हरिहर ने बांटे एसटीइटी के 3000 से अधिक फर्जी सर्टिफिकेट
पटना : रूबी कुमारी, मिडिल स्कूल, पूर्वी चंपारण में शिक्षक के रूप में कार्यरत है. ज्वाइन करने के बाद पता चला कि रूबी कुमारी के मैट्रिक और एसटीइटी के सर्टिफिकेट पर पिता के नाम अलग-अलग हैं. जांच में यह बात सामने आयी कि रूबी ने 2011 में हुए एसटीइटी को क्वालिफाइ ही नहीं किया था. […]
पटना : रूबी कुमारी, मिडिल स्कूल, पूर्वी चंपारण में शिक्षक के रूप में कार्यरत है. ज्वाइन करने के बाद पता चला कि रूबी कुमारी के मैट्रिक और एसटीइटी के सर्टिफिकेट पर पिता के नाम अलग-अलग हैं.
जांच में यह बात सामने आयी कि रूबी ने 2011 में हुए एसटीइटी को क्वालिफाइ ही नहीं किया था. फर्जी सर्टिफिकेट पर रूबी कुमारी शिक्षिका बन गयी. एसटीइटी के फर्जी सर्टिफिकेट पर शिक्षक बनने वाली रूबी कुमारी कोई अकेली अभ्यर्थी नहीं है, बल्कि तीन हजार के लगभग ऐसे अभ्यर्थी हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट पर विभिन्न विद्यालयों में ज्वाइन कर लिया था. सबों को एसटीइटी के फर्जी सर्टिफिकेट बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से ही दिये गये थे. पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने कई फेल अभ्यर्थी से पैसे लिये. उनके पिता के नाम में बदलाव किये और सर्टिफिकेट दे दिये.
समिति के कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से पूर्व अध्यक्ष ने फर्जी सर्टिफिकेट के काम को अंजाम दिया था. कर्मचारियों ने बताया कि एसटीइटी की परीक्षा पूरी तरह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने ली थी. इस कारण इसमें बहुत ही आसानी से किया जा सका. कर्मचारियों ने बताया कि कंप्यूटर में पहले से तमाम अभ्यर्थी के नाम और उनके रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज हैं. जिन अभ्यर्थी के नाम एक जैसे थे, लेकिन उनके पिता के नाम अलग-अलग हैं.
ऐसे अभ्यर्थी को पिता के नाम में बदलाव करके उसे क्वालिफाइ कर दिया गया. क्वालिफाइ वाले सर्टिफिकेट में उनके अंक मनमाने ढंग से डाले गये, लेकिन ऐसे अभ्यर्थी के मैट्रिक में उनके पिता के नाम में बदलाव है. अब जब इसकी जांच हो रही है, तो ऐसे अभ्यर्थी पकड़ में आ रहे हैं. एसटीइटी की तरह स्पेशल उर्दू टीइटी में भी बड़े पैमाने पर पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट दिये गये.
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