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रोक लगी रही, उधर गंगा के पेट में तन गये अपार्टमेंट
गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर बने नौ अपार्टमेंटों पर नगर आयुक्त ने लगायी थी रोक पटना : राजधानी में गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर बहुमंजिली इमारत के निर्माण पर नगर आयुक्त के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी रोक लगा रखी है. लेकिन, इसके बावजूद बिल्डरों ने दिन-रात अपार्टमेंट निर्माण का काम जारी रखा. […]
गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर बने नौ अपार्टमेंटों पर नगर आयुक्त ने लगायी थी रोक
पटना : राजधानी में गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर बहुमंजिली इमारत के निर्माण पर नगर आयुक्त के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी रोक लगा रखी है. लेकिन, इसके बावजूद बिल्डरों ने दिन-रात अपार्टमेंट निर्माण का काम जारी रखा. निगम प्रशासन की अनेदखी के कारण अपार्टमेंट लगभग बन कर तैयार है. इतना ही नहीं, कई अपार्टमेंट में लोग रहना भी शुरू कर दिया है.
वहीं, गंगा नदी में जल स्तर बढ़ा है, तो कुर्जी मोड़ और राजापुर पुल के समीप स्थित अपार्टमेंटों के ग्राउंड फ्लोर में पानी घुस गया है. यह स्थित तब है, जब पूर्वी क्षेत्र के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बिल्डरों से पूछा है कि क्यों नहीं आपकी बिल्डिंग ध्वस्त कर दी जाये. इसके साथ नगर निगम व राज्य सरकार से भी प्रतिवेदन की मांग की गयी है.
वर्ष 2012 में ही अपार्टमेंट पर लगायी गयी थी रोक : वर्ष 2012 में विधान परिषद कमेटी के समक्ष गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर निर्माणाधीन अपार्टमेंट का मामला उठाया गया था. इसमें कमेटी ने तत्कालीन नगर आयुक्त पंकज कुमार पाल को जांच करने का आदेश दिया था. इस जांच में नगर आयुक्त ने सुरक्षा बांध के ऊपर नौ अपार्टमेंटों की जांच शुरू की, जिसमें अवैध तरीके से नक्शा पारित कराया गया था.
इस पर तत्काल निर्माण कार्य पर रोक लगायी गयी थी. नगर आयुक्त के आदेश के खिलाफ बिल्डरों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें हाइकोर्ट ने कहा था कि निर्माण कार्य जारी रखे, लेकिन निगम निर्माण की पूरी जांच भी करे. अब मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रहा है.
नक्शा पारित करनेवाले वास्तुविदों पर भी हुई थी प्राथमिकी : बिल्डरों ने वास्तुविदों के साथ-साथ निगम प्रशासन की मिलीभगत से प्लानिंग रिपोर्ट तैयार करवायी और प्लानिंग रिपोर्ट के आधार पर नक्शा पारित कराया. बिल्डरों ने स्वीकृत नक्शे के आलोक में अपार्टमेंट निर्माण कार्य शुरू कर दिया. निगम प्रशासन की नींद तब खुली, जब विधान परिषद कमेटी में मामला उठा. नक्शे की स्वीकृति की जांच की गयी, तो वास्तुविदों की मनमानी का खुलासा हुआ. इसके बाद वास्तुविद अमित रंजन, राकेश रंजन, राकेश कुमार, रामजतन प्रसाद के साथ- साथ पीआरडीए के सात वास्तुविदों के लाइसेंस रद्द करते हुए कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके बावजूद आज तक गंगा सुरक्षा बांध के उत्तर निर्माण कार्य जारी है.
अब भी बन रहे हैं छोटे-बड़े मकान पूर्व क्षेत्र के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगा सुरक्षा बांध के उतर छोटे-बड़े निर्माण पर रोक लगायी है. बांध के उत्तर निर्माण नहीं हो, इसकी जिम्मेवारी नगर निगम प्रशासन को दी गयी है, लेकिन निगम प्रशासन द्वारा कोई निगरानी नहीं की जाती है.
इससे धड़ल्ले से निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही राजापुर पुल के समीप स्थित ब्रजनंदन अपार्टमेंट में नगर आयुक्त कोर्ट व ट्रिब्यूनल कोर्ट से फैसला आने के बाद निगम प्रशासन ने अवैध हिस्सा तोड़ने की कवायद शुरू की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब मामला हाइकोर्ट में है. स्थिति यह है कि दीघा से लेकर दुजरा तक 150 छोटे-बड़े मकान का निर्माण किया गया है. इसके बावजूद निगम प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही हैं.
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