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56 लाख ठगनेवाले के हाथ में 865 का पासपोर्ट

वीजा के नाम पर लिया था पैसा व पासपोर्ट, अब तक नहीं किया वापस पासपोर्ट सबसे मजबूत दस्तावेज, आइडी प्रुफ के रूप में गलत इस्तेमाल पटना : वीजा के नाम पर 56 लाख रुपये की ठगी करनेवाले गैंग के सरगना मनोज राय के पास 865 लोगों का पासपोर्ट मौजूद है. सभी पासपोर्ट उसके पास एक […]

वीजा के नाम पर लिया था पैसा व पासपोर्ट, अब तक नहीं किया वापस
पासपोर्ट सबसे मजबूत दस्तावेज, आइडी प्रुफ के रूप में गलत इस्तेमाल
पटना : वीजा के नाम पर 56 लाख रुपये की ठगी करनेवाले गैंग के सरगना मनोज राय के पास 865 लोगों का पासपोर्ट मौजूद है. सभी पासपोर्ट उसके पास एक साल से है. अब पैसा डूबने के साथ सबसे बड़ा खतरा यह बना हुआ हैं कि कहीं पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो गया है.
पीड़ित इस आशंका से सहमे हुए हैं. क्योंकि, पासपोर्ट आइडी प्रुफ के लिए सबसे मजबूत दस्तावेज होता है. दूसरा अगर यह गैंग पासपोर्ट की मूल प्रति से तकनीकी रूप से छेड़छाड़ कर किसी आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल कर लेगा, तो ठगी में फंसे पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ जायेंगी. ऐसे में आरोपितों की गिरफ्तारी एसकेपुरी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.
मानिकचंद के ही मकान में रहते हैं मनोज और उसके साढ़ू : वीजा के नाम पर पैसा वसूलनेवाले मनोज राय व उसके साढ़ू मनोज सिंह दोनों कन्नूलाल लेन में मानिकचंद के मकान में रहते हैं.
इसकी पुष्टि प्रभात खबर के सवाल पर मकान मालिक मानिकचंद ने की है. उन्होंने बताया कि दोनों करीब डेढ़ साल से उसके मकान में किरायेदार हैं. मनोज राय ने दो कमरे 5500 सौ रुपये में लिये है, जबकि मनोज सिंह एक कमरा 2500 सौ रुपये में लिया हुआ है. मकान मालिक का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि दोनों इस तरह की हरकतें करते हैं. पुलिस ने मकान मालिक से संपर्क किया है. वह अनुसंधान में सहयोग कर रहे हैं.
पुलिस का काम आसान
वीजा के नाम पर ठगी किये
जाने के मामले को प्रभात खबर ने 18 जुलाई के अंक में पेज तीन पर प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसका असर यह है कि पिछले कई महीने से नींद में रही पुलिस व आरोपित दोनों जग गये हैं. पुलिस ने अनुसंधान तेज कर दिया है. वहीं, बढ़ते दबाव के कारण आरोपित मनोज राय की पत्नी ने पीड़ित हीरा लाल को फोन किया था. वह फोन पर रो रही थी और मामले को मैनेज करने के लिए सिफारिश कर रही थी. वहीं, मनोज के सास व ससुर इलाहाबाद से पटना आ रहे हैं. सब कुछ ठीक
रहा, तो आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो जायेगी और लोगों का पासपोर्ट और वीजा का डूबा हुआ पैसा भी वापस हो जायेगा. गौरतलब है कि हीरा ने आरोपित मनोज को शनिवार को मीठापुर में देख लिया था और पीछा करते हुए कन्नू लाल लेन में उसके किराये के मकान तक पहुंच गया था. आरोपित का लोकेशन आउट होने से पुलिस का काम आसान हो गया है.

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