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विजिलेंस को अपनी कार्रवाई पर भरोसा

पटना : मोहनिया के एसडीओ और 2013 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ जीतेंद्र गुप्ता के निगरानी ट्रैप में फंसने के कारण काफी हंगामा खड़ा हो गया है. आइएएस एसोसिएशन ने इस कार्रवाई के खिलाफ एक तरफ मोरचा खोल रखा है. वह इस मामले को पूरी तरह से निगरानी ब्यूरो की मनमानी और अवैध वसूली करने […]

पटना : मोहनिया के एसडीओ और 2013 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ जीतेंद्र गुप्ता के निगरानी ट्रैप में फंसने के कारण काफी हंगामा खड़ा हो गया है. आइएएस एसोसिएशन ने इस कार्रवाई के खिलाफ एक तरफ मोरचा खोल रखा है.
वह इस मामले को पूरी तरह से निगरानी ब्यूरो की मनमानी और अवैध वसूली करने वाले धंधेबाजों के दबाव में की गयी कार्रवाई बता रहा है. साथ ही पूरी कार्रवाई को एकतरफा और पूरी तरह से गैर-संवैधानिक बता रहा है. वहीं, दूसरी तरफ निगरानी ब्यूरो अभी भी अपनी कार्रवाई को जायज ठहराते हुए इसे हर तरह से न्याय संगत और सही बता रहा है.
निगरानी ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने एक नवनियुक्त आइएएस के खिलाफ हर तरह से सबूत मिलने के बाद ही कार्रवाई की है. इसी बीच रिमांड पर लिये गये ड्राइवर ने भी निगरानी ब्यूरो को पूरी सच्चाई बतायी है. उसने बताया कि उसने ट्रक ड्राइवर से जो भी पैसे लिये हैं, वह एसडीओ साहब के कहने पर ही लिये हैं.
एसडीओ साहब से घूस के रुपये तय होने के बाद वह सिर्फ उन रुपयों को वसूलने के लिए गया था. तब तक निगरानी ब्यूरो की टीम ने उसे और गार्ड को दबोच लिया. तमाम पूछताछ और सबूतों के आधार पर निगरानी ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि संविदा पर बहाल होमगार्ड और ड्रायवर की इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वह सिर्फ रुपये के लिए 10 दिनों तक चार ट्रकों को बकायदा जब्त करके खड़ा रख सके.
इसके अलावा ट्रक ड्रायवर से 90 हजार रुपये की शुरुआत में मांग की गयी थी, लेकिन मामला 80 हजार पर तय हुआ. इस मोलतोल का पूरा सबूत ब्यूरो के पास मौजूद है. ब्यूरो यह भी दावा करता है कि आइएएस अधिकारी की गिरफ्तारी में तमाम नियमों का पालन किया गया है.
सरकारी आवास में घूसने से पहले दो घंटे तक कानूनी प्रक्रिया पूरी की गयी, जिसके कारण देर रात में उनके आवास में प्रवेश करना संभव हो सका. इतनी देर में अगर ड्रायवर और गार्ड चाहते, तो ट्रकों के तमाम कागजात वहां से हटा भी सकते थे, परंतु इन्होंने ऐसा नहीं किया. इसी कारण से डीसीएलआर की गाड़ी की सीट के पीछे बने पॉकेट से कागजात बरामद किये गये. बावजूद इसके निगरानी ब्यूरो पर जबरन आवास में घूस कर तलाशी करने का गलत आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले की सुनवाई निगरानी की विशेष अदालत में चल रही है, जहां तमाम ठोस सबूत निगरानी ब्यूरो रखेगा.
पटना. मोहनिया के एसडीओ डाॅ जितेंद्र गुप्ता मामले में सामान्य प्रशासन सोमवार को निलंबित करने की कार्रवाई करेगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डाॅ गुप्ता की निगरानी द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार करने की सूचना मिल गया है. यह पत्र विभाग को शुक्रवार को देर शाम में मिला. विभागीय अधिकारी ने बताया कि पत्र देर से मिलने के कारण निलंबित करने संबंधी कार्रवाई नहीं की जा सकी. अधिकारी ने बताया कि सोमवार को निलंबन संबंधी पत्र पर मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद निलंबित करने संबंधी अधिसूचना जारी होगी. अधिकारी ने बताया कि गुप्ता का निलंबन गिरफ्तारी की तिथि से होगी. रिश्वत के मामले में मोहनिया के एसडीओ को निगरानी ने गिरफ्तार किया था.
आइएएस एसोसिएशन ने की बैठक
मोहनिया के एसडीओ डाॅ जितेंद्र गुप्ता मुद्दे पर रणनीति के लिए रविवार को आइएएस एसोसिएशन की बैठक हुई. बैठक में सोमवार को मुख्यमंत्री से मिल कर ज्ञापन देने पर विचार किया गया. सदस्यों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंपने वाले मेमोरेंडम पर विमर्श किया. मिली जानकारी के अनुसार एसोसिएशन जल्द ही इस मामले में राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपेगा. इसका निर्णय एसोसिएशन की बैठक में गुरुवार
को ही लिया गया था. गौरतलब है कि मोहनिया के एसडीओ डाॅ जितेंद्र
गुप्ता को निगरानी ने रिश्वत लेते
गिरफ्तार करने का दावा किया था. उन्हें निगरानी में पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था.

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