पटना : राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल नियोजित शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद अब उनके वेतन की भी वसूली की जायेगी. शिक्षा विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है. वित्त विभाग और विधि विभाग से सहमति मिलने के बाद इस पर वेतन वसूली की कार्रवाई की जायेगी. राज्य के करीब 35 हजार हाइ, प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों में हाइ स्कूलों के 91, प्लस टू स्कूलों के 157 शिक्षकों और 35 पुस्तकालयाध्यक्ष के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये थे.
वहीं, प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है. इसमें से भी अब तक 150 से ज्यादा शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाये जा चुके हैं. इस आधार पर 283 हाइ, प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों और प्रारंभिक स्कूलों के करीब 150 शिक्षकों के सर्टिफिकेट जाली निकले हैं. ऐसे शिक्षकों को बरखास्त करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने पहले ही दे दिया है. अब इनपर और ज्यादा नकेल कसी जा रही है. अब इन शिक्षकों पर जाली सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने और काम करने को लेकर उन पर प्राथमिकी भी दर्ज करेगी. शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी जायेगी. इसी के तहत शिक्षा विभाग बरखास्त शिक्षकों से सेवा के दौरान उन्हें दी गयी वेतन की वसूली भी करने की तैयारी कर रहा है. जांच में सर्टिफिकेट के फर्जी पाये जाने पर शिक्षकों को हटाने, एफआइआर करने व वेतन वसूली की कार्रवाई की जायेगी.
शिक्षा विभाग ने जिलों से ऐसे सभी शिक्षकों का नाम जिला व स्कूलवार मांगा है, ताकि विभाग ऐसे शिक्षकों के नाम को वेबसाइट पर सार्वजनिक कर सके. विभाग ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा है कि फर्जी सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों में से अब तक कितने को हटाया गया है और उन पर क्या कार्रवाई की गयी. विभाग ऐसे शिक्षकों को हटाने के साथ-साथ उन पर प्राथमिकी भी दर्ज करने का आदेश पहले ही दे चुका है.
संगीत, ललित कला, नृत्य व कंप्यूटर
शिक्षकों की बहाली अटकी
राज्य के हाइ स्कूलों में संगीत, ललित कला, नृत्य, कंप्यूटर के शिक्षकों की बहाली अटक गयी है. हाइकोर्ट से रोक हटने के बाद और एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) से बीएड की अनिवार्यता पर आये सुझाव के बाद भी बहाली की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है. राज्य के हाइ स्कूलों में 2937 संगीत, 686 ललित कला, 686 नृत्य और करीब 400 कंप्यूटर के शिक्षक बहाल होने हैं, लेकिन इसमें करीब साल भर से मामला फंसता आ रहा है. विधानसभा चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव में लगी आचार संहिता भी इसमें बाधक बनी. संगीत-ललित कला व नृत्य के शिक्षकों की बहाली के शिक्षा विभाग ने शिड्यूल भी जारी कर दिया, लेकिन ललित कला को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दे दी गयी.
जिससे नियुक्ति पर रोक लगा दी गयी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने संगीत शिक्षकों की बहाली में बीएड की डिग्री की अनिवार्यता हो या नहीं, इसको लेकर एनसीटीइ से सुझाव मांगा. मई महीने में ही एनसीटीइ ने स्पष्ट कर दिया कि संगीत शिक्षकों की बहाली के लिए बीएड की अनिवार्यता नहीं है.
बावजूद इसके विभाग अब तक यह तय नहीं कर पा रहा है कि शिड्यूल जारी किया जाये या नहीं. सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी संगीत, नृत्य, ललित कला व कंप्यूटर शिक्षकों की बहाली में भी बीएड की अनिवार्यता डालना चाह रहे हैं. इस वजह से शिड्यूल जारी नहीं हो पा रहा है. अधिकारियों से कहा गया है कि हाइ स्कूलों में अन्य विषयों के लिए जिस प्रकार ट्रेंड अभ्यर्थियों की बहाली हो रही है, उसी प्रकार संगीत, ललित कला, नृत्य व कंप्यूटर में ही हो.