पटना. सरकार द्वारा जारी नयी मार्गदर्शिका में विधायकों का चापाकल देने का अधिकार तो बरकरार रहा पर उनके हाथ से नाली-गली की योजना का अधिकार छिन गया. शहरी क्षेत्र से आनेवाले विधायकों को गली और नाली के निर्माण की योजना की सबसे अधिक आवश्यकता होती थी. अब यह योजना मुख्यमंत्री के साथ निश्चय में शामिल कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की नयी मार्गदर्शिका के अनुसार अब विधायकों को 30 योजनाओं के अनुशंसा का अधिकार मिल गया है. पहले इसकी संख्या महज 19 योजनाओं के चयन की थी. नयी मार्गदर्शिका में विधायकों से से जले हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलने के साथ अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने के अलावा अधूरे विद्युतीकरण वाले गांव को विद्युतीकरण का अधिकार भी नहीं रहा.
विधायक अब विकलांग व्यक्तियों के लिए तिपहिया साइकिल भी नहीं खरीद सकते हैं. इसके अलावा उनको जो नयी योजनाओं के चयन का अधिकार मिला है उसमें सरकारी जमीन पर पार्क बनाना व बने पार्क का विकास करना, सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त मदरसा व संस्कृत विद्यालयों का भवन एवं छात्रावास का निर्माण, विद्यालयों में पुस्तकों को संरक्षित करने के लिए बुक सेल्फ का निर्माण, स्टेडियम में जिम व एक लाख से कम राशि का खेल सामग्री खरीदने का अधिकार दिया गया है. साथ ही उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कमरा एवं शौचालय का निर्माण की योजना, सरकारी अस्पतालों, प्रखंड के अंचल कार्यालय, वकालतखाना में जन सुविधायुक्त प्रतीक्षालय का निर्माण, अग्निशमन गाड़ी की खरीद का अधिकार, सार्वजनिका चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण करना, सरकारी भूमि पर निर्मित शौचालय और आंगनबाड़ी केंद्र में पेयजल सहित शौचालय का निर्माण, सामुदायिक भवन में चाहारदीवारी एवं शौचालय का निर्माण और विद्युत शवदाहगृह का निर्माण का अधिकार विधायकों को मिला है.