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अब नहीं रहेगा लंदन के लिए यात्रा भत्ता

बदलाव : अंगरेजों के जमाने से चले आ रहे कानून में अब होगा बदलाव,150 रुपये भत्ते का अब भी है प्रावधान कुलभूषण पटना : आजादी के 69 साल बाद राज्य सचिवालय से लंंदन का कानून हट जायेगा. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कई परंपरायें और व्यवस्था अब समाप्त हो जायेगी. अब अधिकारियों को […]

बदलाव : अंगरेजों के जमाने से चले आ रहे कानून में अब होगा बदलाव,150 रुपये भत्ते का अब भी है प्रावधान
कुलभूषण
पटना : आजादी के 69 साल बाद राज्य सचिवालय से लंंदन का कानून हट जायेगा. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कई परंपरायें और व्यवस्था अब समाप्त हो जायेगी. अब अधिकारियों को सरकारी आदेशों को लंदन भेजने की जिम्मेवारी निहीं होगी. कुछ फैसले से अधिकारियों को राहत मिलेगी तो कुछ से मामूली आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा. मसलन सचिव स्तर के अफसरों को अतिरिक्त प्रभार के लिए डेढ़ सौ रुपये मासिक भत्ता नहीं मिलेगा.
राज्य सरकार सचिवालय कर्मचारी सेवा संहिता को इस साल बदलने जा रही है. सरकार के इस निर्णय से 1952 में सचिवालय कर्मियों के लिए तय कई अप्रासांगिक नियम खत्म हो जायेगा. 1952 में तैयार हुए सेवा संहिता में बिहार सचिवालय सेवा के कर्मियों को लंदन जाने का प्रावधान था. यह अंगरेज के शासनकाल में यहां की सरकार की कार्यवाही को ब्रिटिश सरकार को अवगत कराने के लिए किया गया था. इसमें सचिवालयकर्मियों और पदाधिकारियों को लंदन में ठहरने से लेकर वापस लौटने तक के लिए अवकाश और यात्रा भत्ता का प्रावधान था.
नयी सेवा संहिता में लंदन जाने और इसके लिए यात्रा भत्ता के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है.राज्य के डीएम को आम जनता के बीच में जाने के लिए भत्ता और अन्य सुविधा का प्रावधान किया गया था. जिसमें डीएम के ठहरने के दौरान आवश्यक सामग्री ढोने के लिए भत्ता और आवागमन के लिए घोड़ा गाड़ी भत्ता तक के प्रावधान थे. वित्त विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 1952 में आइएएस अफसरों को एक विभाग के अतिरिक्त प्रभार पर 150 रुपये प्रतिमाह भत्ता का प्रावधान था. यह प्रावधान अब भी लागू है.
मामूली राशि की वजह से अतिरक्ति प्रभार वाले अधिकारी इसके लिए दावा नहीं करते हैं. 1952 की सेवा संहिता को वर्तमान समय के अनुरूप तैयार करने के लिए 2013 में सेवा निवृत आइएएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति का गठन किया गया था. दो साल बाद अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने मार्च 2016 में सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है.
समिति से मिली रिपार्ट में सामान्य प्रशासन विभाग ने सप्ताह में पांच दिन काम, काम के समय में परिवर्तन, द्वारा आवश्यक सुझाव के इसे साथ वित्त विभाग को वापस कर दिया गया. वित्त विभाग ने सेवा संहिता में हुए परिवर्तन पर विभागों से सुझाव मांगा है. विभागों से आवश्यक सुझाव प्राप्त होने के बादइसे अधिकारियों और कर्मियों के लिए लागू कर दिया जायेगा.

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