Advertisement
जब शिक्षक ही लिखेंगे ‘गुनवता’ तो शिक्षा में कैसे आयेगी गुणवत्ता
अभिमन्यु कुमार साहा पटना : शिक्षा विभाग जिन शिक्षकों के भरोसे राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्थापित करने का दावा कर रहा है, उन्हें ‘गुणवत्ता’ तक लिखना नहीं आता है. इसका खुलासा सोमवार को केबी सहाय स्कूल में हुई डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की परीक्षा में हुई. परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों को हिंदी का बेसिक […]
अभिमन्यु कुमार साहा
पटना : शिक्षा विभाग जिन शिक्षकों के भरोसे राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्थापित करने का दावा कर रहा है, उन्हें ‘गुणवत्ता’ तक लिखना नहीं आता है. इसका खुलासा सोमवार को केबी सहाय स्कूल में हुई डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की परीक्षा में हुई. परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों को हिंदी का बेसिक नॉलेज तक नहीं है.
वे रोजमर्रे की जिंदगी में उपयोग किये जानेवाले शब्दों को शुद्ध लिखना तक नहीं जानते हैं. प्रभात खबर को हाथ लगे नियोजित शिक्षकों की कॉपियों की तसवीरों में यह बात साफ होती दिख रही है. परीक्षा दे रही एक नियोजित शिक्षिका ने ‘गुणवत्ता’ शब्द को ‘गुनवता’ लिखा. उसी शिक्षिका ने ‘गुण’ को ‘गुन’ लिखा.
उत्तर समझ से परे, लिखावट एक्सपर्ट भी न समझ पाये : नियोजित शिक्षकों की कॉपियाें में वर्तनी और वाक्य विन्यास देख ऐसा लग रहा है कि जैसे कक्षा एक के विद्यार्थी ने इसे लिखा हो. उत्तर न सिर्फ समझ से परे हैं, बल्कि हस्ताक्षर ऐसा कि एक्सपर्ट भी समझ न पाएं. प्रश्न कुछ तो उत्तर कुछ और. शिक्षक सिर्फ कॉपियां भरते दिखे.
शब्द देख कर भी शुद्ध नहीं लिख पा रहे शिक्षक : एक शिक्षक ने बच्चों को ‘वचचो’ और जिम्मेवार को ‘जिम्वार’ लिखा है, जबकि प्रश्न में इन दोनों शब्द लिखे थे. अब सवाल यह उठता है कि क्या ये शिक्षक प्रश्न देख कर भी शुद्ध नहीं लिख सकते? ऐसे में इनकी नियुक्ति पर भी संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
सबसे आश्चर्य यह है कि सरकार इन शिक्षकों के भरोसे राज्य का भविष्य तैयार कर रही है. इनमें से ही धनरूआ प्रखंड के पंडित गंज स्थित एक प्राथमिक विद्यालय की नियोजित शिक्षिका ने बताया कि वह 2007 से अध्यापन कर रही हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement