Advertisement
गांधी सेतु का बदलेगा स्ट्रक्चर, चार वर्ष लगेंगे
15 जुलाई को होगा कांट्रैक्टर का चयन पटना : उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु को नया जीवन मिलेगा. इसके लिए इसके ऊपरी स्ट्रक्चर को बदला जायेगा. ऊपरी ढांचे (सड़क भाग) को बदल कर कंक्रीट की जगह स्टील स्ट्रक्चर बनेगा. इसके लिए 15 जुलाई को खुलनेवाले टेंडर में कांट्रैक्टर का चयन […]
15 जुलाई को होगा कांट्रैक्टर का चयन
पटना : उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु को नया जीवन मिलेगा. इसके लिए इसके ऊपरी स्ट्रक्चर को बदला जायेगा. ऊपरी ढांचे (सड़क भाग) को बदल कर कंक्रीट की जगह स्टील स्ट्रक्चर बनेगा. इसके लिए 15 जुलाई को खुलनेवाले टेंडर में कांट्रैक्टर का चयन होगा.
कांट्रैक्टर को काम मिलने के बाद उसकी प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक माह लगेगा. इसके बाद सेतु पर काम शुरू होगा. इसके ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने में लगभग चार साल लगेंगे. इस पर लगभग 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. तब तक पुल पर एक लेन में आवागमन जारी रहेगा.
एनएच के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि टेंडर में भाग लेनेवाले कांट्रैक्टर द्वारा सेतु का निरीक्षण भी किया गया है. टेंडर भरने में देश की नामी-गिरामी कंपनियां शामिल हैं. 15 जुलाई काे कांट्रैक्टर चयन के बाद उस पर काम शुरू कर दिया गया था.
जापान की एजेंसी जायका की टीम ने अक्तूबर व दिसंबर 2014 में सेतु का निरीक्षण कर सभी पहलुओं से अध्ययन किया था. इसमें सेतु की स्थिति, सेतु पर यातायात का दबाव, ढांचे को बदलने में लगनेवाला समय आदि का विशेषज्ञ ने अध्ययन किया था. उन्होंने सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने का परामर्श दिया था. जायका के परामर्श के बाद केंद्र आइआइटी, रूड़की के इंजीनियर से सेतु के पायों की जांच करा रही है. यह जांच इसलिए कि ऊपरी स्ट्रक्चर के बदलाव के बाद सेतु पर पड़नेवाले वाहनों के दबाव झेलने में पाये सक्षम हैं या नहीं. जानकारों के अनुसार जांच कर रही टीम ने सेतु के पाये को दुरुस्त पाया है. सेतु के पायों के समीप की मिट्टी व कंक्रीट की जांच आइआइटी, रूड़की की लेब्रोरेटरी में हो रही है.
कंक्रीट की जगह बनेगा स्टील स्ट्रक्चर : सेतु के ऊपरी ढांचे (सड़क भाग) को बदल कर कंक्रीट की जगह स्टील स्ट्रक्चर बनेगा. स्ट्रक्चर बदलने का काम अप स्ट्रीम यानी पश्चिमी लेन से शुरू होगा. पश्चिमी लेन में पाया संख्या 44 में गड़बड़ी के बाद ऊपरी ढांचे की कटिंग की गयी है. इस वजह से उस साइड सेतु की कटिंग करने में आसानी होगी. ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने के कारण अब कटिंग किये गये हिस्से को बनाने का काम अब नहीं होगा. अब पूरे ढांचे के साथ कटिंग वाले हिस्से का काम पूरा होगा. पश्चिमी लेन का स्ट्रक्चर बदलने के बाद पूर्वी लेन का स्ट्रक्चर बदला जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement