पटना : बिहार में अब विभिन्न स्तरों पर आयोजित किये जाने वाले जनता दरबार के बजाय अब लोग अपनी शिकायतें लोक शिकायत प्राप्ति केंद्रों पर करेंगे. बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लेकर आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विभिन्न स्तर पर जनता दरबार बंद होने संबंधी प्रश्न के उत्तर में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम अभी नहीं हो रहा है, अन्य के विषय में सरकार निर्णय लेकर अधिसूचित करेगी.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे अन्य स्तरों पर आयोजित जनता दरबार में आने वाले लोगों को लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र की ओर पुन: प्रेषित किया जा रहा है, जो अधिक सुविधायुक्त है, क्योंकि इसमें शिकायत के निवारण का अधिकार प्राप्त है. इस अवसर पर मौजूद जन शिकायत कोषांग के प्रधानसचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि गत 5 जून से लागू बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत पूरे प्रदेश में अब तक 3302 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से सबसे अधिक 358 ॲानलाइन पोर्टल के जरिये प्राप्त हुए हैं.
एस सिद्धार्थ ने कहा कि गत छह जून से संग्रहित किये जा रहे इन आवेदनों में सबसे अधिक 338 पटना स्थित राज्य स्तरीय लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र को प्राप्त हुए हैं और उसके बाद पटना, गया और भागलपुर में क्रमश : 249, 144 और 137 आवेदन प्राप्त हुए है. जिसमें से पहले दिन :गत 6 जून को दर्ज करायी गयी शिकायत: की सुनवाई अगले सोमवार से शुरू कर दी जायेगी.
इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी की अपर निदेशक डाॅ. प्रतिमा ने बताया कि राज्य स्तरीय विभागों से संबंधित शिकायत एकत्रित तौर पर पटना स्थित राज्य स्तरीय लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र पर जमा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत अदालत से जुड़े मामलों, आरटीआइ, सेवा से संबंधित और आरटीपीएस से संबंधित मामलों को नकारात्मक सूची में रखा गया है तथा ऐसे मामलों को इसके अंतर्गत स्वीकार्य नहीं किया जायेगा.