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जेलों से अपराध पर सख्ती, हर महीने चलेगा छापेमारी अभियान

पटना : जेलों में अपराधियों की गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जायेगी. हर महीने जेलों में औचक निरीक्षण और सघन छापेमारी की जायेगी. हाल के दिनों में एक दर्जन से ज्यादा जेलों में व्यापक छापेमारी की गयी. चाकू, मोबाइल से लेकर सोने के जेवर तक कैदियों से बरामद किये गये हैं. इन पर एफआइआर होगी. […]

पटना : जेलों में अपराधियों की गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जायेगी. हर महीने जेलों में औचक निरीक्षण और सघन छापेमारी की जायेगी. हाल के दिनों में एक दर्जन से ज्यादा जेलों में व्यापक छापेमारी की गयी. चाकू, मोबाइल से लेकर सोने के जेवर तक कैदियों से बरामद किये गये हैं.
इन पर एफआइआर होगी. साथ ही जिन जेलों से ये सामान बरामद किये गये हैं, वहां के जेल अधीक्षक समेत अन्य कर्मचारियों से स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. इन्हें इसका जवाब 10 दिनों के अंदर देना होगा. जेल आइजी आनंद किशोर ने सभी आयुक्त, जोनल आइजी, डीआइजी, डीएम और एसपी को पत्र लिखा है. इस पत्र में राज्य के सभी 58 जेलों में व्यापक और औचक छापेमारी करने के लिए कहा गया है. जेलों में अपराधियों के मोबाइल, गांजा समेत अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं के उपयोग करने की शिकायत हमेशा मिलती रहती है.
इस कारण सभी जेलों में प्रत्येक महीने छापेमारी की जाये. सभी जेलों में तैनात पुलिस बल या सैप के जवानों की भी निरंतर समय के बाद तबादला किया जाये, ताकि लंबे समय तक एक ही जेल में तैनात रहने पर इनका संपर्क वहां हो जाता है. राज्य में पिछले चार दिनों में करीब एक दर्जन जेलों में छापेमारी की गयी है. सीवान जेल से इस छापेमारी अभियान की शुरुआत की गयी थी. इसके बाद आरा, सासाराम, बाढ़, बिहारशरीफ, छपरा, पटना (बेऊर कारा), कैमूर समेत अन्य जेलों में छापेमारी हुई है.
छापेमारी के दौरान जेलों से करीब 70 मोबाइल फोन और बड़े पैमाने पर गांजा, भांग समेत अन्य नशीले पदार्थ जब्त किये गये हैं. इसके अलावा लाठी, डंडा, चाकू जैसे पारंपरिक हथियार भी काफी संख्या में बरामद किये गये हैं. पटना स्थित आदर्श केंद्रीय कारा समेत अन्य जेलों से कुछ कैदियों के पास से सोने-चांदी के जेवर भी काफी मात्रा में बरामद किये गये हैं.
इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये बतायी जा रही है. जेल की सुरक्षा पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा होता है. आखिर जेलों में ये सामान बिना जेल प्रशासन की मदद के कैसे पहुंच जाते हैं. अगर सुरक्षा प्रहरियों की मदद से सामान अंदर तक पहुंचते हैं, तो यह ज्यादा चिंता की बात है.
इससे जेल की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल के घेरे में खड़ी होती है. सुरक्षा में इसी चूक के कारण जेल में आये दिन होने वाले संघर्षों का खूनी परिणाम देखने को मिलता है. इससे कभी कोई बड़ी घटना भी हो सकती है. जेल के अंदर भी कुछ रसूखदारों और बड़े अपराधियों का वर्चस्व कायम होता है.

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