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गोद लेनेवालों की पसंद हैं बेटियां

सामाजिक बदलाव : 2015-16 में गोद लिये गये 100 बच्चों में 73 बेटियां अनुपम कुमारी पटना : बिहार सरकार की एडॉप्शन एजेंसी के आंकड़े इशारा करते हैं िक इस वर्ष गोद लिये गये बच्चों में बेटियों की संख्या कहीं ज्यादा रही. वर्ष 2015-16 में कुल 100 बच्चों को गोद लिया गया है. इनमें 73 बेटियां […]

सामाजिक बदलाव : 2015-16 में गोद लिये गये 100 बच्चों में 73 बेटियां
अनुपम कुमारी
पटना : बिहार सरकार की एडॉप्शन एजेंसी के आंकड़े इशारा करते हैं िक इस वर्ष गोद लिये गये बच्चों में बेटियों की संख्या कहीं ज्यादा रही. वर्ष 2015-16 में कुल 100 बच्चों को गोद लिया गया है. इनमें 73 बेटियां शामिल हैं.
हम दरिया हैं. जिस ओर चल पड़ेंगे, रास्ता खुद ब खुद बन जायेगा. यह पंक्ति उन बच्चियों पर चरितार्थ होती है, जिन्होंने अपना सब कुछ खो कर भी बहुत कुछ पा लिया है.
जी हां, यहां बात उन बेटियों की हो रही हैं, जो जन्म लेते ही अपनों द्वारा ठुकरा दी गयी थीं. पर, आज उन्हें अपना बनानेवालों की कमी नहीं है. बिहार सरकार की एडॉप्शन एजेंसी के आंकड़े कुछ इसी तरफ का इशारा करते हैं. इस वर्ष गोद लिये गये बच्चों में बेटियों की संख्या कहीं ज्यादा रही. वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 100 बच्चों को गोद लिया गया है. इनमें 73 बेटियां शामिल हैं.
बढ़ रही बेटियों को अपनाने की परंपरा : समाज कल्याण विभाग की ओर से दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्र के जरिये कोई भी नि:संतान दंपती बच्चों को गोद ले सकते हैं. वर्ष 2012 से अब तक कुल 233 बच्चों को गोद लिया गया है. इसमें 163 बेटियां और 70 बेटे शामिल हैं. वहीं, वर्तमान वर्ष सबसे अधिक 100 बच्चे गोद लिये गये हैं. इनमें बेटियों की संख्या 73 रही. इनमें पांच बेटियाें को विदेशी दंपतियों ने गोद लिया है.
10 जिलों में दत्तक ग्रहण संस्थान : अब तक दस जिलों पटना, नालंदा, भागलपुर, सारण, दरभंगा, सहरसा, गया, मुंगेर, पूर्णिया अौर मुजफ्फरपुर में दत्तक ग्रहण संस्थान खोले गये हैं. इन एजेंसियों का संचालन अलग-अलग संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है. इन संस्थानों में शून्य से चार, चार से आठ और आठ से अठारह आयु वर्ग के बच्चों को रखा जाता है. इसके लिए राज्य सरकार एजेंसी में रह रहे हर बच्चे को खाने -पीने के लिए प्रति माह दो हजार रुपये भी दे रही है. साथ ही स्पेशल नीड के बच्चों के लिए व अन्य सुविधाओं के लिए भी राशि दी जा रही है.
बेटियों की कर रहे मांग
दत्तक ग्रहण एजेंसी नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम की बबिता बताती हैं कि बीते वर्ष एजेंसी में कुल 26 बच्चों में 20 लड़कियाें को गोद लिया गया है. हालांकि एजेंसी में आने वाले बच्चों में लड़कियों की संख्या ज्यादा होती है.
जो भी दंपती आते हैं, वे बेटियों को गोद लेना चाहते हैं. वहीं, भागलपुर के रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय, नाथनगर एजेंसी के दिवाकर चौधरी ने बताया कि वर्तमान में कुल 18 बच्चे हैं. इनमें 14 लड़कियां व चार लड़कों को गोद लिया गया है.

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