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जमीनी हकीकत: अधिकारियों ने ही उठाये निगम पर सवाल

पटना : शहर में एक तो नालों की धीमी गति से उड़ाही हो रही है, ऊपर से सिल्ट भी समय से नहीं उठाये जा रहे हैं. इतना ही नहीं उसकी कहीं वीडियोग्राफी भी नहीं करायी जा रही है. इसका खुलासा उप नगर आयुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है. बताया जाता है कि मॉनसून […]

पटना : शहर में एक तो नालों की धीमी गति से उड़ाही हो रही है, ऊपर से सिल्ट भी समय से नहीं उठाये जा रहे हैं. इतना ही नहीं उसकी कहीं वीडियोग्राफी भी नहीं करायी जा रही है. इसका खुलासा उप नगर आयुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है. बताया जाता है कि मॉनसून से पहले नगर निगम के चारों अंचलों में नाला उड़ाही का कार्य पूरा कर लेना है. वहीं नाला उड़ाही में निकाले गये सिल्ट को 48 घंटों के अंदर हटाने के साथ ही वहां पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करना है. इसकी वीडियोग्राफी करानी है. मजदूरों की शत-प्रतिशत उपस्थिति भी दर्ज करनी है.
यह जिम्मेवारी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों की है, लेकिन हकीकत है कि न समय पर सिल्ट उठाये जा रहे हैं और न ही वीडियोग्राफी ही करायी जा रही है. उप नगर आयुक्त मुमुक्षु कुमार चौधरी व भू-संपदा पदाधिकारी आरती कुमारी ने इसकी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपी गयी है. दोनों अधिकारियों ने कंकड़बाग और नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र का भ्रमण कर यह रिपोर्ट तैयार की है. अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिस तरह नाला उड़ाही कार्य किया जा रहा है, इससे मॉनसून से पहले शत-प्रतिशत उड़ाही संभव नहीं है और बारिश में जलजमाव की समस्या बन सकती है.
मजदूरों की उपस्थिति नहीं हो रही दर्ज
कंकड़बाग अंचल में भू-संपदा पदाधिकारी व उप नगर आयुक्त (सफाई व योजना) ने दो दिन नाला उड़ाही कार्य का निरीक्षण किया. इन दोनों अधिकारियों ने वार्ड स्तर पर नाला उड़ाही कार्य देखा, जिसमें कार्यरत मजदूरों के अनुरूप उपस्थिति पंजी पर दर्ज नहीं की गयी थी. वार्ड स्तर पर 20 मजदूरों से उड़ाही कार्य कराना था, लेकिन 10 से 12 मजदूर ही कार्य करते दिखे. वहीं, भू-संपदा पदाधिकारी ने नूतन राजधानी अंचल में भी भ्रमण किया. इस अंचल में भी नाला उड़ाही कार्य काफी धीमा था. वहीं यहां भी पर्याप्त संख्या में मजदूर भी नहीं दिखे.
धूल बन कर उड़ रहा सिल्ट
दोनों अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसी भी अंचल में नाले से निकाला गया सिल्ट को सड़क पर से ससमय नहीं हटाया जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब सिल्ट 48 घंटे में हटा लेना है. स्थिति यह है कि सिल्ट सूख कर धूल बन कर उड़ रहा है. इसके बाद भी उसका उठाव नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही जहां से सिल्ट का उठाव किया गया, वहां ब्लीचिंग का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. इससे सिल्ट की बदबू दूर-दूर तक फैल रही है. इससे आमलोगों को परेशानी हो रही है.
जब वीडियोग्राफी ही नहीं, तो कहां से अायेगी सीडी
नगर आयुक्त ने चारों अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था कि नाला उड़ाही कार्य शुरू करने से पहले व नाला उड़ाही कार्य पूरा करने के बाद वीडियोग्राफी करना अनिवार्य है. इसके साथ ही संबंधित वार्ड पार्षदों से भी नाला उड़ाही में सुझाव लेने को कहा गया था. उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है. कार्यपालक पदाधिकारी नाला उड़ाही कार्य की वीडियोग्राफी नहीं करायी जा रही है. निगम मुख्यालय के अधिकारी ने भ्रमण के दौरान वीडियोग्राफी की सीडी की मांग की, तो नहीं दिखायी गयी.

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