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दो अक्तूबर से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड शुरू करने की तैयारी हुई पूरी

योजना. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई एसएलबीसी की बैठक सरकार के सात निश्चयों में शामिल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का प्रारूप तैयार हो गया है. योजना को बैंकों के साथ मिलकर धरातल पर उतारने और इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर बैठक में चर्चा की गयी. पटना : राज्य सरकार के सात निश्चयों में […]

योजना. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई एसएलबीसी की बैठक
सरकार के सात निश्चयों में शामिल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का प्रारूप तैयार हो गया है. योजना को बैंकों के साथ मिलकर धरातल पर उतारने और इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर बैठक में चर्चा की गयी.
पटना : राज्य सरकार के सात निश्चयों में शामिल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (एससीसी) योजना का प्रारूप पूरी तरह से तैयार हो गया है. अब यह योजना 2, अक्तूबर से पूरे राज्य में शुरू हो जायेगी. योजनाओं का क्रियान्वयन बैंकों के साथ मिलकर करना है.
योजना को बैंकों के साथ मिलकर धरातल पर उतारने और इसमें आने वाली संभावित समस्याओं को दूर करने की कवायद के तहत ही सोमवार को वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की एक विशेष बैठक हुई. मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित इस बैठक के दौरान एससीसी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पांच प्रमुख बातों पर बदलाव किये गये. इस बदलाव का असर योजना के स्वरूप पर नहीं पड़ेगा, बल्कि इसके क्रियान्वयन पर पड़ेगा. बैंकों को कई अतिरिक्त सहूलियतें प्रादन की गयी हैं.
बैंकों की सभी संकाओं का समाधान कर समस्याओं को दूर करने के बाद राज्य सरकार और एसएलबीसी के बीच एक अहम एमओयू (प्रारूप) पर सहमति बनी. इसमें एससीसी को बेहद प्रभावी ढंग से लागू करने और ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इससे जोड़ने के लिए कई अहम निर्णय लिये गये.
इसकी प्रक्रियाओं को भी सरल बनाने पर खासतौर से चर्चा की गयी. एसएलबीसी की इस विशेष बैठक में लिये सभी निर्णयों को सभी बैंक अपने-अपने मुख्यालय से एप्रुवल लेंगे. इसके बाद योजना शुरू करने के लिए सभी बैंकों का राज्य सरकार के साथ अलग-अलग एमओयू पर हस्ताक्षर होगा. इससे पहले बैंकों और राज्य सरकार के बीच एक ही एमओयू तैयार करने की बात थी.
इन पांच बदलावों को मिली मंजूरी
एससीसी में आवेदन करने के लिए सभी बैंकों का कॉमन या एक समान आवेदन पत्र होगा. इनका फॉरमेट भी समान ही होगा. किसी फॉर्म में कोई अंतर नहीं रहेगा. अलग-अलग बैंकों के फॉर्म में कोई अंतर नहीं होगा.
बैंक जिन छात्रों को एसएससी प्रदान करेगी. उस छात्र की जितनी राशि राज्य सरकार को वहन करनी है, वह हर हाल में 30 दिनों के अंदर बैंकों को देना होगा. 30 दिन से ज्यादा समय लगने पर राज्य सरकार संबंधित बैंक को बेस रेट (अभी 9 प्रतिशत चल रहा) पर ब्याज देगी. सरकार यह पैसे देने में जितनी देरी करेगी, उतने दिन का ब्याज सरकार को देना होगा.
इस योजना में 75 फीसदी राशि केंद्र और 25 फीसदी राशि राज्य सरकार वहन करेगी. पहले स्कीम में यह बाध्यता थी कि केंद्र से राशि प्राप्त होने के बाद राज्य अपनी हिस्से की राशि बैंक को देगी. परंतु अब यह बाध्यता खत्म कर दी गयी है. केंद्र से राशि मिलने का इंतजार किये बिना ही राज्य सरकार अपने हिस्से की 25 फीसदी राशि बैंक को दे देगी.
अगर कोई छात्र हॉस्टल से बाहर रहने की बात कहता है, तो उसे इसका प्रमाण पत्र देना होगा. साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जिस कॉलेज में पढ़ रहा है, वहां हॉस्टल की सुविधा नहीं है या रहने लायक नहीं है.
लैपटॉप खरीदने के लिए पहले वर्ष 40 हजार, जबकि दूसरे साल से प्रत्येक वर्ष 10 हजार स्टेशनरी खरीदने के लिए अलग से रुपये छात्रों को दिये जायेंगे. यह सुविधा उसकी उच्च शिक्षा प्राप्त होने तक मिलेगी.

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