इसके तीन महीने बाद जुलाई, 2015 में मुख्य परीक्षा आयोजित की गयी. इसमें 1142 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया. अब अंतिम परिणाम जारी हुआ और नौ अभ्यर्थी ही सफल हो पाये. 50 अंक के साक्षात्कार में अधिकतर उम्मीदवारों को शून्य अंक मिला है. प्रारंभिक परीक्षा में प्रथम और मुख्य परीक्षा में दूसरे स्थान पर आयीं अर्चना मिनाक्षी भी साक्षात्कार में सफल नहीं हो पायी. साक्षात्कार के जूरी सदस्यों में हाइकोर्ट के वरीय न्यायाधीश और बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य भी थे. हाइकोर्ट प्रशासन ने 2015 एडीजे के 99 पदों के लिए जो रिक्तियां जारी की थीं, उनमें पिछले साल की 40 रिक्तियां भी जोड़ दी गयी थीं.
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99 पद, 4000 अभ्यर्थी सफल हुए सिर्फ नौ
पटना: राज्य के व्यवहार न्यायालयों में अपर जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) के 99 पदों के लिए हुई परीक्षा में सिर्फ नौ अभ्यर्थी सफल हो पाये हैं. लंबी नियुक्ति प्रक्रिया के बाद जब अंतिम परिणाम घोषित हुआ, तो 90 पद खाली रह गये. इन 90 पदों के लिए एक भी अभ्यर्थी ऐसा नहीं मिला, जो साक्षात्कार […]
पटना: राज्य के व्यवहार न्यायालयों में अपर जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) के 99 पदों के लिए हुई परीक्षा में सिर्फ नौ अभ्यर्थी सफल हो पाये हैं. लंबी नियुक्ति प्रक्रिया के बाद जब अंतिम परिणाम घोषित हुआ, तो 90 पद खाली रह गये. इन 90 पदों के लिए एक भी अभ्यर्थी ऐसा नहीं मिला, जो साक्षात्कार के मानकों पर खरा उतर पाये. पिछली बार एक भी अभ्यर्थी सफल नहीं हो पाया था. इस बार चार हजार अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था. 50 अंकों के साक्षात्कार के बाद जब अंतिम परिणाम जारी हुआ, तो सिर्फ नौ अभ्यर्थी सफल हो सके.
पटना हाइकोर्ट प्रशासन ने 2015 में एडीजे पद के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसके लिए किसी भी विधि स्नातक को सात साल प्रैक्टिस का अनुभव अनिवार्य किया गया था. बड़ी संख्या में आवेदन आने के कारण 17 मार्च, 2015 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गयी. इसमें 1024 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए. लेकिन, 10 सवालों के गलत होने के कारण इसमें पटना हाइकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा. कोर्ट की पहल के बाद प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दोबारा जारी किया गया.
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