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फ्लैट-ज्वेलरी के शौकीन हैं आइएएस ऑफिसर

संपत्ति का ब्योरा. राज्य के कई आइएएस जमीन के मामले में भी धनी, कई कर्जदार भी राज्य के अधिकतर आइएएस अफसरों ने संपत्ति का ब्योरा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया है. इसके बावजूद एक दर्जन से अधिक आइएएस अफसरों ने अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है. पटना : पिछले साल आइएएस अफसरों […]

संपत्ति का ब्योरा. राज्य के कई आइएएस जमीन के मामले में भी धनी, कई कर्जदार भी
राज्य के अधिकतर आइएएस अफसरों ने संपत्ति का ब्योरा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया है. इसके बावजूद एक दर्जन से अधिक आइएएस अफसरों ने अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है.
पटना : पिछले साल आइएएस अफसरों द्वारा अर्जित संपत्ति के ब्योरा में राज्य के आइएएस अफसरों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है. इसमें सोने, चांदी, स्टोन और जमीन की जानकारी दी है. राज्य के अधिकांश आइएएस अफसरों ने संपत्ति का ब्योरा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया है. इसके बावजूद एक दर्जन से अधिक आइएएस अफसरों ने अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है.
राज्य के आइएएस अफसरों द्वारा सौंपे गये संपत्ति के ब्योरा के अनुसार राज्य के आइएएस को भले ही हथियार और महंगे वाहनों के शैकीन नहीं हो, पर अधिकांश आइएएस ने संपत्ति के ब्योरा में साेने चांदी के गहने और शहरों में फ्लैट होने की जानकारी दी है.
पिछले 2015 तक अर्जित संपत्ति का सौंपे ब्योरा में बताया गया है कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह के पास अन्य ज्वेलरी के साथ एक पिस्टल दिखाया गया है. वहीं सामान्य प्रशासन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी अश्विनी दत्तात्रेय के पास 390 ग्राम सोने की ज्वेलरी और 1450 ग्राम चांदी के गहने के साथ-साथ 10 ग्राम वजन का पवित्र स्टोन है. इन्होंने ग्रेटर नोयडा में 40 लाख रुपये मूल्य के 1781 वर्गफुट का फ्लैट बुक कराया है. वहीं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी 25 लाख रुपये का कर्जदार हैं. गुड़गांव में 66 लाख मूल्य का एक फ्लैट बूक कराये हैं. इस साल सितंबर में सेवानिवृत्त होने वाले व्यास जी को पटना के दानापुर के समीप सैदपुर में 50 लाख रुपये मूल्य के एक दो मंजिला फ्लैट भी है.
इन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में 5.23 लाख रुपये आयकर जमा किया है. सहकारिता विभाग के सचिव चैतन्य प्रसाद के पास जहां तीन एकड़ जमीन है. इन्होंने संपत्ति के ब्योरा में एक किलो सोना के साथ तीन किलो चांदी की ज्वेलरी दर्ज किया है. सामान्य प्रशासन विभाग के आइएएस अफसर दया निधान पांडेय के पास एक दस लाख रुपये कीमत के नैकलेस के साथ सोने का चैन बताया गया है. अधिकांश आइएएस अफसरों में संपत्ति के ब्योरा में नकद रखने के मामले में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार से कमजेार दिखे हैं.
कुमार के पास दो लाख रुपये से अधिक नगद राशि रखना दर्ज किया है. वे 6.46 एकड़ जमीन और तीन सौ ग्राम सोने की ज्वेलरी भी उन्होंने संपत्ति के ब्योरा में दर्ज किया है. कृषि विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ज्वेलरी और सोने के सिक्का के शैकीन हैं. उनके पास दस-दस ग्राम के चार सोने का सिक्का, एक चांदी का सिक्का और 20 ग्राम और दस ग्राम का एक-एक सोने का चैन है.
सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव केशव कुमार सिंह ने 16.88 एकड़ से अधिक जमीन है. इसकी कीमत इन्हेांने 80 लाख रुपये दर्ज किया है. इनके पास 535 ग्राम सोने और चांदी के ज्वेलरी भी है. श्री सिंह ने लगभग 32 लाख रुपये का निवेश भी किया है.
राज्य के ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत तीन फ्लैट के मालिक है और तीनों फ्लैट अलग- अलग राज्यों में है. उनका गुड़गांव, दिल्ली और नोएडा में प्लैट है. वाहन के नाम पर इनकी पास इस्टीम कार है. नगदी इनके पास सिर्फ 11 हजार है. पत्नी व बच्चों के पास 12 हजार नगद है.
इन्होंने 10.58 लाख की बचत की है और पत्नी ने 25 लाख की. ये 31.50 लाख का कर्जदार हैं. श्री अमृत के पास 10 ग्राम सोना का जेवर है पत्नी के पास 520 ग्राम सोना व 820 ग्राम चांदी है. ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार के पास 61 हजार नकद है तो पत्नी व बच्चों के पास 55900 नगद है. स्वयं. पत्नी व बच्चों के नाम पर 7.60 लाख बचत है. इनके लास 5 लाख की इंडिगो कार है. 16 लाख के करीव निवेश कर रखा है. 60 लाख की कीमत का पटना में फ्लैट है .
वे 30 लाख के कर्जदार भी है. खुद के लास 75 हजार ती ज्वेलरी है तो पत्नी के पास 210 ग्राम सोना व 500 ग्राम चांदी है. नगर आयुक्त जय सिंह के पास न कोई गाड़ी है और न ही कोई बंगला. इसके पास नकद के नाम पर सिर्फ चार हजार रुपये ही है. नगर आयुक्त के पास एक लाख 38,700 रुपये के डायमंड, सोने की अंगूठी व चैन है. वहीं, पत्नी के पास 34.5 लाख रुपये की ज्वेलरी है. नगर आयुक्त के पास पारिवारिक भूखंड के तौर पर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में घर व फतुहा के पीतांबरपुर में तीन हजार स्क्वायर फुट जमीन है.
हालांकि, एसबीआइ व एचडीएफसी से 18 लाख रुपये का ऋण भी लिये हुए है. कंकड़बाग के कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम के पास 23.5 हजार रुपये कैश है और बैंक एकाउंट में 3.55 लाख रुपया जमा है. इसके साथ ही इरफान आलम के पास 1.20 लाख का सोना है. वहीं, पत्नी के पास 8.25 लाख रुपये की ज्वेलरी है. प्रोपर्टी के नाम पर समस्तीपुर में आठ धूर में घर निर्माणाधीन है. नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद के पास सिर्फ आठ हजार रुपये नकद है. हालांकि, बोकारो के चास में दो हजार स्क्वायर फुट जमीन है.
आनंद के पास 140 ग्राम सोना है. वहीं, पत्नी के पास 120 ग्राम ही सोना है. बांकीपुर अंचल के अब्दुल हामीद के पास पांच हजार रुपये नकद और बैंक में दो हजार रुपये है. इनके पास चार पहिया वाहन है. अब्दुल हामीद के पास भोजपुर जिला के चंदी में 2160 स्क्वायर फुट में मकान व .5, .11 और .3 रकबा के भूखंड है. साथ ही फुलवारीशरीफ में 2720 स्क्वायर फुट व मोहम्मदपुर में 3400 स्क्वायर फुट जमीन है. इन्होंने कई बैंकों से 21 लाख रुपये ऋण भी लिए हुए है.
कंपनियों के शेयर खेलने-खरीदने में हैं मास्टर
वन पर्यावरण और कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने 26 कंपनियों के शेयर खरीद रखे हैं. उनके पास 48 हजार के मूल्य का रिवाॅल्वर भी है. उनके पास ले-दे कर मात्र 8,430 रुपये ही नकदी हैं. चार बैंकों में उनके खातों में 10.61 लाख रुपये जमा हैं. इन सबके अलावा उनके पास 22.20 लाख का 720 ग्राम स्वर्णाभूषण भी है.
उन्होंने 27.85 लाख का बैंक-लोन ले रखा है. सिर्फ बैंक-लोन ही नहीं, बल्कि 6.25 लाख का उन्होंने हाऊसिंग-लोन भी ले रखा है. दरभंगा और झारखंड में उनके तीन मकान हैं, तो पटना-दरभंगा और रांची के तीन अपार्टमेंटों में फ्लैट भी हैं. बोकारो और दरभंगा में उनकी 12 एकड़ कृषि भूमि है, हालांकि कृषि-भूमि संयुक्त परिवार के नाम से है. उनके पास अपनी कोई गाड़ी नहीं है.
स्वर्णाभूषणों के शौकीन
अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के प्रधान सचिव प्रेम सिंह मीणा कार और स्वर्णाभूषणों के शौकीन हैं. उनके पास ऑडी कार है, जबकि 6.48 लाख के 240 ग्राम के स्वर्णाभूषण भी हैं. तीन बैंकों में उनके अकाउंट्स हैं, जिनमें 18.42 लाख रुपये हैं. बिहार में तो उनकी अपनी एक धूर भी जमीन नहीं है, किंतु राजस्थान और हरियाणा में साढ़े चार बीघा से आधिक जमीन है. हरियाणा में उन्होंने 2009 में 25लाख की लागत से 213. 56 वर्ग मीटर जमीन खरादी थी.
पैसों से अिधक बैंक लोन
समाज कल्याण विभाग की प्रधान सचिव वंदना किनी स्वर्णाभूषणों की शौकीन हैं. उनके पास 700 ग्राम से अधिक के स्वर्णाभूषण हैं. बंदना किन्नी के बैंक आकाउंट में जितने पैसे हैं, उससे अधिक उन्होंने बैंक-लोन ले रखा है. उनके बैंक अकाउंट्स मे 10 लाख रुपये हैं और 5.50 लाख के बॉड्स भी हैं, किंतु इन सबसे अधिक उन्होंने 15.23 लाख का बैंक लोन ले रखा है.
गृह सचिव दो बीघा जमीन के मालिक
गृह विभाग के प्रधान सचिव अमीर सुबहानी के पास दो बीघा पैतृक जमीन है. यह जमीन फतुहा के जेठुली के पास है. उनके पास कंकड़बाग में चार हजार वर्ग फुट का कंकड़बाग में जमीन, पटना के शाहगंज में पैत्रिक दो कट्ठा जमीनऔर शादी के मौके पर मिला 450 ग्राम सोने का ज्वेलरी है.
खेती की जमीन नहीं, पर जयपुर-दिल्ली में मकान
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा के पास खेती की जमीन नहीं है. उनके पास जयपुर व दिल्ली में मकान व अपार्टमेंट में फ्लैट है. श्री मीणा उनकी पत्नी, बेटे और बेटियां भी सोने के गहनों के शौकीन है. उनकी पत्नी के पास 400 ग्राम सोना व दो किलो चांदी के गहने हैं जो पैतृक रूप से मिले हैं.
श्री मीणा के पास 70 ग्राम सोना है, पुत्र के पास 50 ग्राम सोने के गहने हैं जबकि पुत्री के पास 100 ग्राम सोने के गहने हैं. उनकी पत्नी के पास दिल्ली के नजफगढ़ में 400 वर्ग यार्ड का प्लाट है. इसी तरह से उनके पास लक्ष्मीनगर दिल्ली में 254 वर्ग यार्ड का प्लाट है.
बिहार में नहीं, नयी दिल्ली व तेलंगाना में जमीन
उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ की बिहार में अपनी कोई जमीन नहीं है. उनकी जो भी जमीन है, वह नयी-दिल्ली और तेलांगना में है. दोनों की ताजा कीमत 90 लाख रुपये के लगभग है. एस सिद्धार्थ भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अन्य अधिकारियों की तरह शेयर खरीदने और स्वर्णाभूषणों के शौकीन हैं. उन्होंने विभिन्न कंपनियों के 14.94 लाख के शेयर ले रखे हैं. उनके बैंक खातों में 14.03 लाख रुपये ही हैं, किंतु उन्होंने बैंकों से 74.33 लाख के ऋण भी ले रखा है.
पिता से गिफ्ट में फ्लैट
पीएचइडी विभाग की प्रधान सचिव अंशुली आर्या को गाजियाबाद में पिता से गिफ्ट में मिला एक फ्लैट है. नयी दिल्ली में एक फ्लैट है. कृषि से सालाना 90 हजार आय होती है. उनके पास कैश 32 हजार के अलावा कई बैंक में जमा एफडी 33़ 2 लाख, बॉंड 60 हजार, एनएसएस, पोस्टल सेविंग, एलआइसी पॉलिसी 26़ 82 लाख है. उनके पास अपनी कोई वाहन नहीं है.
ज्वेलरी के मामले में उनके पास आठ लाख का 285 ग्राम सोना है. डायमंड रिंग व टॉप्स की कीमत 90 हजार है. घर का सामान लगभग एक लाख 90 हजार का है. उनके उपर पीएनबी का हाऊसिंग लोन 14 लाख है. वे सालाना लगभग पांच लाख 14 हजार आयकर रिटर्न करती है. उनके दो आश्रित हैं, जिनका बैंक में साढ़े सात लाख जमा है.
खुद या परिवार को न गाड़ी, न खेती की जमीन
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव रजनीश कुमार महाजन के पास गहने के नाम पर कुछ नहीं है. उनकी पत्नी के पास 480 ग्राम सोना व 400 ग्राम चांदी हैं. श्री महाजन या उनके परिवार में किसी के पास कोई गाड़ी नहीं है.परिवार के किसी भी सदस्य के पास खेती की जमीन नहीं है. उनके नाम पर ए कोटि का फ्लैट चंडीगढ़ में है जबकि गुड़गांव में एक सेंट्रलगवर्नमेंट के फ्लैट के लिए आवेदन दिया है. उनके ऊपर किसी तरह का कर्ज भी नहीं है.

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