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BIHAR : झूठ बोलनेवाले अफसरों पर चलेगा विशेष अधिकार हनन का मामला
पटना : पटना में अवैध भवन निर्माण के मामले की विधान परिषद की कमेटी जांच करेगी. जांच के दौरान मामला सही पाया गया, तो गलत जवाब देकर सदन को गुमराह करनेवाले नगर निगम के अधिकारी पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलेगा. सदन में सोमवार को सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सत्ता व विपक्ष की भावना […]
पटना : पटना में अवैध भवन निर्माण के मामले की विधान परिषद की कमेटी जांच करेगी. जांच के दौरान मामला सही पाया गया, तो गलत जवाब देकर सदन को गुमराह करनेवाले नगर निगम के अधिकारी पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलेगा. सदन में सोमवार को सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सत्ता व विपक्ष की भावना को देखते हुए इसकी अनुमति दी.
इससे पहले सभापति ने नगर विकास व आवास मंत्री महेश्वर हजारी से सहमति ली. मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि गलत जवाब देकर सदन को गुमराह करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. राज्य की 11 करोड़ जनता को सदन से न्याय की आस रहती है सभापति ने जब निर्णय लिया है, तो इसका मैं समर्थन करता हूं.
इससे पहले पटना के फ्रेजर रोड, एसपी वर्मा रोड व एक्जीबिशन रोड में अवैध भवन निर्माण के मामले में दिये गये अपने जवाब पर नगर विकास व आवास मंत्री महेश्वर हजारी घिर गये. मंत्री ने कहा कि एसपी वर्मा रोड में भवन उपविधि 2014 के पूर्व की भवन उपविधि में 20 फुट चौड़ी सड़क पर 15 मीटर तक की ऊंचाई के भवन के निर्माण की स्वीकृति का प्रावधान था.
इस आधार पर एसपी वर्मा रोड में गोपाल प्रसाद सिन्हा के प्लॉट पर बेसमेंट प्लस जी प्लस चार मंजिल भवन के निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. भवन उपविधि के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर नगर निगम की टीम ने जांच की. जांच में उल्लंघन पाये जाने पर भूस्वामी व बिल्डर के विरुद्ध निगरानी वाद संख्या 77 बी/2015 चलाते हुए दो जनवरी, 2016 को निर्माण पर रोक लगा दी गयी. विधान परिषद में 15 मार्च को जदयू के नीरज कुमार ने ध्यानाकर्षण के तहत मामला उठाया था. इस पर सभापति ने जांच करा कर 28 मार्च को जवाब देने के लिए मंत्री को कहा था. इसके बाद मामले की पुन: जांच की गयी.
इसमें पता चला कि नगर आयुक्त द्वारा रोक लगाने के बाद भी पांचवां तल्ले का निर्माण किया गया. इसके लिए जिम्मेवार कनीय अभियंता वीरेंद्र प्रसाद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई चलाने का निर्णय लिया गया.
मंत्री के जवाब पर सत्ता व विपक्ष के सदस्यों ने उन्हें घेरा. नीरज कुमार ने कहा कि अधिकारी द्वारा गलत जवाब देकर सदन को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने सभापति से कहा कि संबंधित अधिकारी पर विशेषाधिकार हनन का मामला स्वीकृत किया जाये. अपने संरक्षण में सारे तथ्यों व उक्त अधिकारी को बुला कर उसे देखा जाये. तब तक अवैध निर्माण के काम पर रोक लगाया जाये. भाजपा के हरेंद्र प्रताप पांडेय ने कहा कि तीन सड़कों में सिर्फ एक सड़क के बारे में जानकारी देकर सदन को गुमराह किया जा रहा है. सदन के एक सदस्य के घर के सामने अवैध भवन निर्माण हो रहा है. इसके बावजूद अधिकारी गलत जवाब दे रहे हैं. पीके शाही ने कहा कि जिस भवन का निर्माण हो रहा है, उसमें बेसमेंट नहीं है. ग्राउंड मिला कर वह छह मंजिला भवन है. भविष्य में अवैध निर्माण को लेकर लोग परेशान नहीं हो, इसके लिए कार्रवाई जरूरी है. अवैध निर्माण होने से लोग ठगे जाते हैं.
भाकपा के केदार नाथ पांडेय ने कहा कि पूरे मामले की सदन की कमेटी से जांच करा ली जाये. जांच के बाद संबंधित अधिकारी पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाया जाये. कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी व भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह ने भी सभापति से आग्रह किया कि सदन की भावना को देखते हुए विशेषाधिकार हनन का मामला स्वीकृत किया जाये.
कुलदीप नारायण के कार्यकाल में अवैध िनर्माण पर चला था डंडा
वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2012 तक बेतरतीब तरीके से वास्तुविदों ने अपार्टमेंटों व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्सों के नक्शे स्वीकृत किये, जिससे बिल्डरों ने बड़ी संख्या में अवैध निर्माण करना शुरू किया. इस अवैध निर्माण के खिलाफ हाइकोर्ट में पीआइएल दर्ज किया गया, जिसकी सुनवाई करते हुए मई, 2012 में निगम प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि अवैध निर्माण पर रोक लगाये.
इस निर्देश के आलोक में कार्रवाई शुरू की गयी, लेकिन कार्रवाई सुस्त हो गयी. वर्ष 2013 में कुलदीप नारायण नगर आयुक्त बने, तो अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई शुरू की गयी. उन्होंने 1100 निर्माणाधीन अपार्टमेंटों को जांच करायी और जैसे-जैसे अभियंताओं की जांच रिपोर्टें आयीं, वैसे वैसे निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. 180 निर्माणाधीन अपार्टमेंट पर कुलदीप नारायण ने फैसला सुनाया. इस फैसले के खिलाफ बिल्डरों ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दायर किया है, जिन पर सुनवाई चल रही है. हालांकि, एक दर्जन से अधिक अपील पर ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले आ चुके हैं, जिनमें नगर आयुक्त के फैसले को बरकरार रखा गया है.
बिल्डर ने रोक के बावजूद जारी रखा िनर्माण, प्राथमिकी
पटना : एसपी वर्मा रोड के शाही लेन में गोपाल प्रसाद सिन्हा के भूखंड पर पेरी विद्या कंस्ट्रक्शन द्वारा अपार्टमेंट निर्माण कराया जा रहा है. आरोप है िक इस अपार्टमेंट का निर्माण स्वीकृत नक्शे में विचलन कर किया जा रहा है. इसको लेकर नगर आयुक्त जय िसंह ने निगरानीवाद केस (77बी/13) दर्ज करते हुए निर्माण कार्य पर रोक भी लगा दी थी. इसके बावजूद बिल्डर ने निर्माण जारी रखा था. इसको लेकर सोमवार को कनीय अभियंता वीरेंद्र प्रसाद ने बिल्डर मनोज कुमार, मो फिरोज आलम और मो युसुफ अहमद के खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
वर्तमान में सिर्फ लगाया जा रहा जुर्माना
नगर आयुक्त जय सिंह ने पदभार ग्रहण किया, तो 130 नये निर्माणाधीन अपार्टमेंटों पर निगरानीवाद दर्ज किया और लगातार कोर्ट में सुनवाई किया जा रहा है. नगर आयुक्त ने अब तक 20 निगरानीवाद केस में फैसला सुना चुके हैं, जिनमें सिर्फ जुर्माना लगा कर छोड़ दिया है.
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