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गंगा पाथ वे पर ‘एक फीसदी’ की लड़ाई
विधानमंडल सत्र. विप में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय व मंत्री श्रवण कुमार उलझे मंगल का सवाल, दीघा-दीदारगंज गंगा पथ में महज पांच प्रतिशत हुआ काम, मंत्री ने कहा, नहीं छह प्रतिशत हुआ पूरा. पटना : विधान परिषद में सोमवार को पटना का मरीन ड्राइव गंगा पाथ वे का काम पांच और छह प्रतिशत के […]
विधानमंडल सत्र. विप में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय व मंत्री श्रवण कुमार उलझे
मंगल का सवाल, दीघा-दीदारगंज गंगा पथ में महज पांच प्रतिशत हुआ काम, मंत्री ने कहा, नहीं छह प्रतिशत
हुआ पूरा.
पटना : विधान परिषद में सोमवार को पटना का मरीन ड्राइव गंगा पाथ वे का काम पांच और छह प्रतिशत के बीच उलझा रहा. भाजपा के मंगल पांडेय ने सवाल उठाया कि अब तक महज इस योजना का काम पांच प्रतिशत ही हो पाया है. इसे जनवरी, 2017 तक पूरा कर लेना है. इसके जवाब में पथ निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि गंगा पाथ वे का काम छह प्रतिशत पूरा हो चुका है. जिस एजेंसी को काम सौंपा गया है, उसने 2019 तक इसके लिए समय मांगा है.
सदन में उन्होंने घोषणा की कि संवेदक द्वारा काम में विलंब के औचित्य की जांच कर कार्रवाई की जायेगी. मंगल पांडेय का सवाल था कि अभी तक पांच प्रतिशत काम ही हुए हैं.
मंत्री ने कहा कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए 548 एकड़ जमीन चाहिए. इसके 391 एकड़ जमीन पथ निर्माण विभाग को सौंप दी गयी है. 123 एकड़ जमीन पर स्वामित्व का विवाद है. 268 एकड़ सरकारी जमीन पर पथ निर्माण विभाग का कब्जा है. शेष 109 सरकारी जमीन और लगभग 48 एकड़ निजी जमीन का हस्तांतरण और भू अर्जन की प्रक्रिया में है.
उन्होंने कहा कि शुरू में एलिवेटेड स्ट्रक्चर की नींव का डिजाइन गंगा नदी की धारा की जटिलता के कारण अनिर्णित रहने और उच्च न्यायालय के अादेश के कारण गंगा चैनल के काम में देरी हुई. अब तक छह प्रतिशत काम पूरा होने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पथ निर्माण के लिए सभी पहलुओं का समेकित समाधान कर लिया गया है. विप के विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पथ निर्मााण का काम दीदारगंज की ओर से हाेना चाहिए था. इससे अगले साल गुरुपर्व के मौके पर लोगों को सहुलियत होती.
पटना : एससी-एसटी और अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी और फर्जी संस्थानों को छात्रवृत्ति के भुगतान के विरोध में भाजपा के सदस्यों ने विधान परिषद में जमकर हंगामा किया. भाजपा के रजनीश कुमार और लाल बाबू प्रसाद ने पूरे मामले पर बहस के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति में घोटाले पर काेई कार्रवाई नहीं हो रही है.
404 छात्रों का नामांकन होता है और जब जांच होती है, तो मात्र 40 छात्र एससी के मिलते हैं. प्रो नवल किशोर यादव ने एससी-एसटी छात्रों के छात्रवृति मद की राश का गबन का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे में गरीब दलित छात्रों का क्या होगा? संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कार्य संचालन नियमावली के अनुसार विपक्ष प्रयन सदन को दें. सरकार जवाब देगी. इसके बावजूद विपक्ष अपने मांग पर अड़े रहे. हंगामा को देखते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कार्य संचालन नियमावली की धारा के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
शून्यकाल में पुन: भाजपा सदस्यों ने इस मामले में बहस की मांग पर अड़ गये. सभापति द्वारा सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध को अस्वीकार करते हुए हुए भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा किया. हंगामा को देखते हुए 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
उच्चस्तरीय जांच हो
सरकार एससी-एसटी और अतिपिछड़े वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराये. एससी छात्रों की छात्रवृत्ति में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. सरकार छात्रों के बकाये छात्रवृत्ति का अविलंब भुगतान करे. एसी-एसटी छात्र बड़े पैमाने पर बिहार से बाहर तकनीकी शिक्षा लेने जाते हैं. ऐसे छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जाता है. इसके कारण ओडिसा, राजस्थान आदि राज्यें के संस्थानों से छात्रों के नाम काटे जा रहे हैं.
सुशील कुमार मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री
मोदी ने कहा कि कई छात्रों को दो साल से भुगतान नहीं किया गया है. 2014-15 के छात्रवृति के लिए अब तक आवेदन भरे जा रहे हैं. देहरादून में पांच फरजी संस्थानों को छात्रवृत्ति मद के एक करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. आश्चर्य है कि फरजी संस्थान और फरजी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया. ऐसे कई और संस्थान हैं, जहां छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया है. उन्होंने कहा कि जब मेला लगाकर तकनीकी संस्थानों में नामांकन कराया जायेगा, तो ऐसा होगा ही. ऐसे में अच्छे संस्थान नामांकन के लिए मेला में शामिल नहीं होंगे. सरकार नामांकन लेने वाले संस्थानों का निबंधन शुरू किया है और इसके लिए शुल्क का प्रावधान किया है. ऐसे में काेई बेहतर संस्थान इस शर्त पर नामांकन के लिए तैयार नहीं होगा.
सात गन्ना मिलों में शुरू होगा काम
पटना : गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम ने बताया कि राज्य चीनी निगम के पास राज्य में 15 बंद चीनी मिलों को चालू करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. निगम की ओर से अब चार बिड के माध्यम से सात चीनी मिलों को चालू करने या अन्य उद्योग लगाने के लिए दिया गया है.
उन्होंने बताया कि शेष चीनी मिलों को चालू कराने के लिए पांचवा बीड जारी करने की प्रक्रिया की जा रही है. इसके बाद भी अगर कुछ चीनी मिलों को चालू कराने में दिक्कत होगी तो सरकार उसकी समीक्षा कर चालू कराने की दिशा में पहल करेगी. गन्ना उद्योग मंत्री सोमवार को विधानसभा में अरुणा देवी के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
सवाल था कि नवादा जिला के वारसलीगंज चीनी मिल के बंद होने से किसानों व कामगारों की हालत माली होती जा रही है. जवाब में गन्ना उद्योग मंत्री ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 दिसंबर को गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा की थी. इसमें निर्णय लिया गया था कि बंद चीनी मिलों को चालू कराने के लिए एक और बीड जारी किया जाये. इसके बाद भी जो चीनी मिल के प्रति लोग पूंजी निवेश नहीं करना चाहते हैं तो उस पर सरकार अपने स्तर से कार्रवाई करेगी.
उन्होंने बताया कि अभी तक लोहट, समस्तीपुर, सकरी, रैयाम, बिहटा, लौरिया और सुगौली चीनी मिल को चालू करने के लिए टेंडर फाइनल किया जा चुका है. शेष गोरौल, सीवान की दो चीनी मिलें, बनमनखी, हथुआ, वारसलीगंज और गुरारू के लिए बीड जारी किया जा रहा है.
इस पर भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने सरकार से जानना चाहा कि क्या चार टेंडर में चीनी मिलों को चालू करने के प्रति उद्योग समूहों ने अभिरूचि नहीं मिली है, तो सरकार टेंडर की प्रक्रिया में बदलाव करना चाहती है. इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार किसी प्रक्रिया में बदलाव करने का इरादा नहीं है. गन्ना उद्योग मंत्री ने सदस्य नेमतुल्लाह के सवाल पर कहा कि बताया कि उनका सवाल वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 का पूछा गया है. इस वित्तीय वर्ष में एक भी किसान का पैसा मिलों के ऊपर बकाया नहीं है.
उन्होंने कहा कि सदस्य ने सवाल किसी दूसरे वर्ष का किया है और सदन में परची 2015-16 का दिखा रहे हैं. इस वित्तीय वर्ष में किसानों का भुगतान जारी है. उन्होंने विपक्ष के नेता प्रेम कुमार को चुनौती दी कि वह बतायें कि किस चीनी मिल पर 300 करोड़ का बकाया है.
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