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पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं हो सकते शहरी मतदाता
पटना : पंचायत चुनाव में शहरी मतदाताओं को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का स्वरूप बदला तो शहरी मतदाता को भी चुनाव में प्रत्याशी बनने की ललक जगने लगी है. शहरी मतदाताओं की सर्वाधिक पसंद सीट है जिला परिषद सदस्य का पद. इस पद पर चुने जाने के बाद […]
पटना : पंचायत चुनाव में शहरी मतदाताओं को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का स्वरूप बदला तो शहरी मतदाता को भी चुनाव में प्रत्याशी बनने की ललक जगने लगी है.
शहरी मतदाताओं की सर्वाधिक पसंद सीट है जिला परिषद सदस्य का पद. इस पद पर चुने जाने के बाद जिला परिषद में शामिल होने का अवसर मिलेगा, जो जिला स्तर पर गठित है. राज्य निर्वाचन आयोग में हर दिन इस तरह का सवाल पूछने शहरी मतदाता पहुंच रहे हैं.
राज्य में 140 शहरी निकाय हैं. इनके मतदाताओं को पंचायत के किसी भी पद पर उम्मीदवार बनने की योग्यता नहीं है. पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान है कि पंचायत चुनाव में किसी भी पद पर उम्मीदवार होने के लिए ग्रामीण क्षेत्र का मतदाता होना आवश्यक है. राज्य में 11 नगर निगम हैं, जिनमें 545 वार्ड, 42 नगर पर्षद हैं, जिनमें 1276 वार्ड हैं और 87 नगर पंचायतों में 1372 वार्ड हैं. कुल 3193 वार्डों के नागरिकों को पंचायत चुनाव के किसी भी पद पर चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है.
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