पटना: यह गिरोह मात्र पांच सौ में देश की नागरिकता को बेच रहा था.गिरोह द्वारा मात्र पांच सौ रुपये में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाया जाता था. उस पर भारत सरकार का लोगो व निर्वाचन पदाधिकारी का हस्ताक्षर भी था. यह पहचान पत्र हमारी नागरिकता की पुष्टि करता है. इसका महत्व इतना है कि इसका इस्तेमाल देश के किसी भी कोने में किया जा सकता है. चाहे मोबाइल फोन का सिम लेना हो या होटल में रूम बुक कराना हो.
या फिर, किसी जगह अपने को सही रूप में सत्यापित करना हो. इसके इस्तेमाल से आसानी से काम हो जाता है.एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाया जाना काफी गंभीर मामला है.
यह गिरोह समाहरणालय परिसर में सक्रिय रहता था. जैसे ही कोई व्यक्ति वहां पहुंचता, उसे हाथों-हाथ उन प्रमाणपत्रों का दावा देते हुए अपने जाल में फंसा लेता और प्रमाण पत्र के अनुसार रकम लेकर मिनटों में फर्जी मुहर व हस्ताक्षर का उपयोग कर थमा देते थे. अगर किसी को क्रीमीलेयर का जाति प्रमाणपत्र जिलाधिकारी स्तर तक का बनवाना होता था, तो उस पर डीएम की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर कर प्रमाणपत्र बना कर देते थे. जरूरत के अनुसार अधिकारियों के हस्ताक्षर व उनकी मुहर का उपयोग किया जाता था.