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राष्ट्रद्रोह के मुद्दे पर कुत्सित राजनीति शर्मनाक : मंगल

पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रद्रोह के मुद्दे पर कुत्सित राजनीति शर्मनाक है . हमने अंग्रेजों से आजादी ली आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ अनवरत संघर्ष कर रहे हैं. विदेशी ताकतों को घुटने टेकने को मजबूर किया लेकिन जेएनयु में घटित घटनाओं पर लगातार राजनीतिक दलों द्वारा जिस प्रकार […]

पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रद्रोह के मुद्दे पर कुत्सित राजनीति शर्मनाक है . हमने अंग्रेजों से आजादी ली आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ अनवरत संघर्ष कर रहे हैं.
विदेशी ताकतों को घुटने टेकने को मजबूर किया लेकिन जेएनयु में घटित घटनाओं पर लगातार राजनीतिक दलों द्वारा जिस प्रकार प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है उससे राष्ट्रशक्ति और देशभक्ति कुंठित हो रही है. देशद्रोही किसी भी समाज या वर्ग का हो उसे राजनैतिक दृष्टि से देखना गलत है. बुद्धिजीवी समाज के प्रमुख हैं अंग हैं उनकी प्रेरणा और उनकी चेतना राष्ट्रीय एकात्मकता के लिये संजीवनी का काम करेगी . श्री पांडेय रविवार को मौर्यलोक परिसर में बुद्धिजीवियों को संबेधित कर रहे थे.
इस अवसर पर चेतना महायज्ञ का आयोजन किया गया और हवन कुण्ड में बुद्धिशुद्धि हेतु आहूति की गई . चेतना महायज्ञ की अध्यक्षता बिहार बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष शंभु नाथ पाण्डेय एवं संचालन अखिल भारतीय राष्ट्रपति वीरता पदक कल्याण संघ के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व आरक्षी अधीक्षक श्रीधर मंडल ने किया.अवकाश प्राप्त कर्नल एसएस राय ने कहा कि सैनिक राष्ट्र स्वाभिमान के लिए सर कटाने से परहेज नहीं करते हैं . भारी बर्फबारी में भी सीना तान कर खड़ा रहते हैं.
कुछेक राजनीतिक दलों ने जिस प्रकार से जेएनयू मुद्दे पर राष्ट्र विरोधी बातों की वकालत की है उससे कहीं न कहीं हम कमजोर हो रहे हैं . पूर्व आरक्षी महानिदेशक एके गुप्ता ने कहा कि वह दिन आ गया है कि हम राष्ट्र की रक्षा के लिए संकल्पित होकर राष्ट्र विरोधी ताकतों को चुनौती दें .
प्रख्यात चिकित्सक डा. लाल बाबू प्रसाद संबोधित करते हुये कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग अपने अपने क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति से ओत–प्रोत होकर अपने कार्य को प्राथमिकता देते हैं लेकिन कुछेक लोग कतिपय संगठन जो तनाव का बीजारोपण करने के लिए कटिबद्ध है .
उन्हें करारा जवाब देना चाहिए .
पूर्व मंत्री डा. सुखदा पाण्डेय ने कहा कि देश के किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि देश की एकता एवं अखण्डता पर प्रहार कर सके . उन्होंने कहा कि कन्हैया की जन्म बिहार में हो सकता है लेकिन वह कतई बिहारी नहीं हो सकता क्योंकि बिहार एकता एवं समरसता का प्रतीक राज्य है .
उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रकरण पर जिस प्रकार कुछ राजनीतिक पार्टियां एवं कुछ राजनेताओं ने देश विरोधी नारों का समर्थन किया है इससे यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्रवाद के हिमायती नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रबंधन को भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए .
ताकि संस्थान का साख बनी रहे . ब्रिगेडिर के.एम.पी. सिंह, पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव डा. अनिल यादव, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वीर कुवंर सिंह विश्वविद्यालय के सचिव डा. किस्मत कुमार सिंह, शहीद आरके दुबे की पत्नी रामावाती देवी, प्रो. प्रहलाद कुशवाहा, प्रो. मधु वर्मा, डा. साधना सिंह, डा. भगवती सिंह, ई. ऋचा वत्स, ईसच्चिदानंद राय, सुरेश चौधरी, संजय राय, अशोक भट्ट , अरविन्द सिंह सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने सम्बोधित किया .

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