पटना : आपूर्ति पदाधिकारियों और कर्मचारियों की बदौलत बिहार के 8.5 करोड़ लोगों को अनाज मिलता है. इसके बाद भी वे शक की नजर से देखे जाते हैं. इस विभाग की बदौलत साइकिल पर चलनेवाले लोग धन्ना सेठ हो गये, बड़े नेता और जनप्रतिनिधि बन गये, लेकिन बदनामी आपके हिस्से आयी. इसका कारण क्या है? क्योंकि आपने अपनी ब्रांडिंग नहीं की, मार्केटिंग नहीं की.
आप अपने कामों का प्रचार-प्रसार नहीं करते हैं. कोई दो रुपये की दवा का प्रचार करता है और वह लोगों में अपनी अच्छी इमेज बना लेता है. ये बातें खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी ने अपने संबोधन में कही. वे अधिवेशन भवन में आयोजित बिहार आपूर्ति संघ के सातवें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि सब लोग कहते हैं कि आपूर्ति के अधिकारी भ्रष्ट हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं. यदि सब भ्रष्ट हो जायेंगे तो फिर सिस्टम कैसे चलेगा? जब मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा की, तो कहा कि आठ सालों की तपस्या के बाद अभी राहत मिली है, क्योंकि राज्य में 12 में से 10 महीने गरीबों को अनाज मिलता है. आप सब सीएम को बारह महीना कहने की स्थिति में ले आइए, इसी में सफलता है. आप की मांगों पर विचार करते हुए प्रधान सचिव के साथ मिल बैठ कर समस्या खत्म करेंगे.
संघ के महामंत्री शंकर मेहता ने संघ की मांगों से मंत्री को अवगत कराते हुए मुख्य रूप से एसडीओ की भूमिका को खत्म करने और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों को वाहन से लैस करने की मांग की. समारोह का संचालन अध्यक्ष अभय कांत मश्रिा ने किया, वहीं अतिथियों का स्वागत रमेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार सहनी और अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने किया. मौके पर पूरे बिहार से आये आपूर्ति पदाधिकारी मौजूद थे.
आपकी बदौलत पीडीएस सिस्टम में आया सुधार
वहीं विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि आपके काम की बदौलत पीडीएस सस्टिम में सुधार आ गया है. लिकेज रोकने में मदद मिली है. 1.5 महीने में राशन कार्ड पूरे बिहार के घर-घर तक पहुंच गये हैं. आप सभी ने बहुत मेहनत कर गलत लोगों के नेटवर्क को तोड़ा है. इसे बनाये रखिए. तकनीक के साथ कदम-से-कदम मिला कर चलिए.