कभी-कभी हवा-पानी से भी सरकार बन जाती है, लेकिन अगली बार जनता बता देती है. अगली बार हवा से सरकार बनाना संभव नहीं हो पाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधान परिषद की आचार संहिता विधायकों पर भी लागू होनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधान परिषद की जो आचार संहिता बनायी गयी है, वह सिर्फ एक हाउस और उसके सदस्यों के लिए नहीं है. बिहार विधानसभा में भी यह लागू होनी चाहिए.
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सिर्फ हवाबाजी से अगली बार नहीं बनेगी सरकार : नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह सह बिहार विधानमंडल के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने जहां एक ओर विधायकों को सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेने और आचार संहिता का पालने की नसीहत दी, वहीं दूसरी ओर बातों-बातों में […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह सह बिहार विधानमंडल के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने जहां एक ओर विधायकों को सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेने और आचार संहिता का पालने की नसीहत दी, वहीं दूसरी ओर बातों-बातों में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. बिना किसी का नाम लिये मुख्यमंत्री ने कहा, जनता की मरजी के मुताबिक सरकार बनती है और चलती है. जनता का शासन है. काम नहीं किया, तो अगली बार जनता धूल चटा देती है.
और जो उसका उल्लंघन करेंगे, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. इससे लोगों में एक मैसेज भी जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कुछ अपवाद हो सकता है, जो इस आचार संहिता को नहीं मानते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसे मानते हैं.
बिहार विधानसभा के उपभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने नये विधायकों को अच्छा आचरण करने, जनता की उम्मीदों पर खरे उतरने, सदन में बोलने के लिए हिचक को खत्म करने का भी सुझाव दिया.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सदन में हो-हल्ला अौर हंगामा होना चाहिए, लेकिन तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए. पांच साल तक विपक्ष ऐसा नहीं करेगा, तो क्या करेगा? नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार जब हमारे साथ थे, तो नहीं कर सकते थे, लेकिन अब तो कर ही सकते हैं. समारोह में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने भी अपनी राय रखी.
सदन में निरंतर बैठिएगा, तभी मिलेगा मौका
मुख्यमंत्री ने नये विधायकों से कहा कि सदन की कार्यवाही से पहले आएं और कार्यवाही के बाद जाएं. सदन में आये हैं, तो उसका उपयोग करें. सदन में निरतंर बैठिए. निरंतर बैठिएगा, तो बोलने का मौका भी मिलेगा. सदन की कार्यवाही देख स्वप्रेरित होइएगा. सदन में बोलना चाहिए और टू द प्वाइंट बोलना चाहिए. झिझक निकालें व बोलना शुरू करें. बगैर किसी संकोच के अपनी बात रखें. सपरिएगा तो सपरते ही रह जाइएगा. बोलने से पहले सोचें कि आप सब कुछ जानते हैं. भूमिका नहीं बांधें, जो है सो बोल दें. संसदीय जीवन में सोचेंगे कि अगले सेशन में बोलेंगे, इस सेशन में सीख लेते हैं तो आप इंतजार में ही रह जाइएगा. संसदीय व्यवस्था में जब पारंगत हो जाइएगा, तो बहुत रास्ते निकलते हैं.
मुख्यमंत्री ने विधायकों को कार्य संचालन नियमावली व संविधान पढ़ने की भी नसीहत दी. कहा कि विधायक स्पीकर के आइ कैच करें. स्पीकर पद पर जो बैठते हैं, वह सभी को मौका देते हैं. जिसे मौका मिलेगा, वह उसका फायदा उठायेगा, तो ठीक है, अगर मौके का फायदा नहीं उठा सके, तो आगे मौका नहीं मिलेगा. जो अवसर मिला है, उसका सदुपयोग करें. सदन में क्षेत्र व राज्य की समस्या को उठा सकते हैं. इसके लिए सजग होना होगा और दिलचस्पी लेनी होगी. सदन में टोका-टिप्पणी की इजाजत अधिकारिक नहीं होती, लेकिन जब यह होता है भी कार्यवाही मजेदार होती है. जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही क्षेत्र प्रति तो है ही, राज्य व देश के प्रति भी उनकी चिंता होनी चाहिए.
जनप्रतिनिधि की आलोचना फैशन हो गया है
नीतीश कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधि की लोग आलोचना करते हैं. यह फैशन हो गया है, लेकिन जो आलोचना करते हैं वे अगले चुनाव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी लेते हैं. इतना आलोचना ही करना है, तो एक बार जनप्रतिनिधि होकर दिखा तो दें. जनप्रतिनिधि होना खास बात है. अब आपकी खासियत प्रकट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता जिसे चुनती है, उसका आचरण अच्छा हो. जनता उससे सलाह लेती है. उम्मीद से देखती है. अगर उनका व्यवहार, आचरण और काम अच्छा होता है, तो जनता गौरवान्वित महसूस करती है. विधानसभा में आने का मौका मिला है, तो उसका सदुपयोग करें. सदुपयोग करेंगे तो बार-बार मौका मिलेगा और लोकसभा जाने के भी अवसर खुलेंगे. लोगों के मनोभाव को समझना चाहिए और आरचरण को बेहतर रखें.
विधानसभा में शून्यकाल व डिबेट का बढ़े समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद व अनुभव के आधार पर कुछ नियमों का संशोधन होना चाहिए. प्रश्नकाल, शून्यकाल व डिबेट में कम लोग ही बोल पाते हैं. कार्यवाही के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा विधायकों को बोलने का अवसर देना चाहिए. सदन में 12:30 बजे लंच हो जाता है. लंच का समय एक बजे होता है, तो सदन पहले हाफ में एक बजे तक तो चल ही सकती है. वोटिंग पांच बजे ही क्यों होगी? अगर लोग बोल रहे हैं तो वोटिंग के कारण उन्हें बैठा दीजिए, ऐसा नहीं होना चाहिए. लकीर का फकीर नहीं बनना चाहिए. एक दिन में चार घंटे ही तो सदन चल पाता है. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही का समय बढ़ाना चाहिए. शून्यकाल और डिबेट का समय बढ़ाये जाये. संसद में 11 बजे से शाम छह बजे तक हाउस चलता है, तो राज्य में यह क्यों नहीं हो सकता है? मुख्यमंत्री ने स्पीकर विजय चौधरी व ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के नाम लेते हुए कहा कि नये लोगों के लिए आप जैसे पुराने लोग सोचिए. आपको अनुभव, कौशल व निपुणता हासिल हो, लेकिन उन्हें भी बोलने का मौका दें.
जनहित के सवाल पर दलीय सीमा नहीं
सीएम ने कहा कि सदन में जनहित के सवाल पर दलीय सीमा नहीं होनी चाहिए. विपक्ष सरकार से पूछ सकता है. हमने इसे कभी प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाया. जनहित के मसले पर सभी लोग अपनी राय रखें. सरकार को इसके लिए सभी की ऋणी रहेगी कि उस मामले पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया.
जून में पूरा हो जायेगा आरा-छपरा पुल : सीएम
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर केंद्र पर कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के निर्माण व स्मार्ट सिटी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने पटना में एक्जिबिशन रोड फ्लाइओवर का उद्घाटन करते हुए कहा कि विपक्ष काम से अधिक प्रचार में माहिर है. गंगा पर कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के निर्माण पर बिहार सरकार अपनी ओर से दो हजार करोड़ खर्च कर रही है, जबकि एडीबी से तीन हजार करोड़ लोन लिया गया है. लेकिन, विपक्ष यह नहीं कह दे कि विशेष पैकेज से बन रहा है. इसलिए लोगों को अब एक-एक बात समझाना जरूरी है. केंद्र के भरोसे रहते, तो पांच साल और लटक जाता.
उन्होंने कहा कि छह घंटे का लक्ष्य पूरा कर अब पांच घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को लेकर राज्य में सड़क व पुल का निर्माण हो रहा है. राज्य के सभी ढाई सौ आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ा जा रहा है. बिहार सरकार अपने बलबूते सब काम कर रही है. विपक्ष जितना छटपट कर ले, जनता ने हमें काम करने का मौका दिया है. एक के बाद एक काम को पूरा करेंगे. गया में फल्गु नदी पर बन रहे राज्य का पहला छह लेन पुल व गंडक नदी पर बन रहे गोपालगंज-बेतिया पुल का इस माह चालू हो जायेगा. इसके अलावा आरा-छपरा पुल जून और सोनपुर-दीघा उत्तरी छोर पहुंच पथ सितंबर, 2016 में पूरा हो जायेगा. ताजपुर-बख्तियारपुर, मुंगेर-खगड़िया, सुल्तानगंज-अगुवानी के बीच पुल का निर्माण हो रहा है. 40 साल के यातायात घनत्व को तय कर दीघा-सोनपुर ऐलिवेटेड सड़क तैयार हो रही है.
मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में शहर वाले वोट देना भूल गये, जबकि गांववालों ने वोट दिया.
केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि विशेष सहायता के तहत बिहार को मिलनेवाली राशि में मात्र साढ़े तीन हजार करोड़ राशि रिलीज हुई है. अगर शेष राशि मिलती तो बिजली, सड़क आदि काम करने में सुविधा होती.
स्मार्ट सिटी में सभी राज्य की राजधानी शामिल हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी में सभी राज्य की राजधानी को शामिल किया जाना चाहिए. केंद्रीय नगर मंत्री वैकेंया नायडू से मिल कर हमने बात रखी है. केंद्र ने सौ स्मार्ट सिटी में मात्र 20 शहरों का चयन किया. बिहार, यूपी व झारखंड का एक भी शहर नहीं है. स्मार्ट सिटी के लिए पांच साल में पांच सौ करोड़ मिलेंगे. एक साल में सौ करोड़ मिलेंगे. इससे क्या होना है? उन्होंने कहा कि राज्य में गांव को स्मार्ट बनाया जायेगा. गांव में गली का पक्कीकरण व नाला का निर्माण होगा. गांव को ऐसा स्मार्ट बनायेंगे कि लोग स्मार्ट सिटी के तरफ झांकने नहीं जायेंगे. गांव में सभी सुविधा मिलेगी तो लोग भीड़-भाड़ वाले शहर की ओर क्यों जायेंगे.
गांववाले याद रखे, शहरवाले भूल गये
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में काम होने पर गांववाले काम का इज्जत करते हैं. शहर में काम होने पर भी लोग भूल जाते हैं. चुनाव में गांव वाले ने याद रखा, जबकि शहरवाले भूल गये. शहरवाले कब याद रखेंगे पता नहीं लगता है. उन्होंने कहा कि हमलोग काम में विश्वास करते हैं. कर्म करते हैं, फल की चिंता नहीं करते हैं. विपक्ष का कुछ भी बोलने की आदत है. लोकतंत्र है, उसे रोक नहीं सकते हैं. चुनाव में हारनेवाले के पास कोई काम नहीं तो वे केवल बोल रहे हैं. काम करने में जो सुख है, इससे बढ़ कर कोई सुख नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रेम, सद्भाव का माहौल बना रहे तो बिहार को नयी ऊंचाई तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है. उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सहकारिता मंत्री आलोक मेहता, कला, संस्कृति व युवा मंत्री शिवचंद्र राम व नगर विकास व आवास मंत्री महेश्वर हजारी उपस्थित थे. समारोह में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने स्वागत व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष विनय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
उद्घाटन का समय तय
गया में फल्गु नदी पर छह लेन पुल
फरवरी, 2016
गंडक पर गोपालगंज-बेतिया पुल
फरवरी, 2016
गंगा पर आरा-छपरा पुल
जून 2016
गंगा पर ताजपुर-बख्तियारपुर पुल
दिसंबर, 2017
सोनपुर-दीघा उत्तरी छोर पहुंच पथ
सितंबर, 2016
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