पटना : राज्य सरकार की शराबबंदी की घोषणा को अमलीजमामा पहनाने का काम शुरू हो गया है. एक अप्रैल से शराबबंदी पर अमल के लिए देशी और मशालेदार शराब के पूरे स्टॉक को 31 मार्च तक बेच कर खत्म करना होगा या नष्ट करना अनिवार्य कर दिया गया है. जिन जिलों में इस तिथि के बाद भी स्टॉक बचा रहेगा, उसे विभाग मंगवा कर अपने स्तर से नष्ट करेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों की विदेशी शराब 31 मार्च के बाद बिवरेज कॉरपोरशन खरीद लेगी. यह निर्णय सोमवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि नयी उत्पाद नीति का पालन करने के लिए देशी या मशालेदार शराब को कंपनी, डीपो खुदरा दुकान और गांवों से मंगवा कर नष्ट करना अनिवार्य होगा. राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार 29 फरवरी के बाद चीनी मिलों में स्पिरिट की जगह इथेनॉल बनाने का आदेश दिया गया है.
कैबिनेट सचिव ने बताया कि राज्य में कुल 5467 शराब की दुकानें हैं. इनमें ग्रामीण क्षेत्र में 2486 कंपोजिट शराब की दुकानें और प्रखंड व शहरी क्षेत्रों में 1547 देशी शराब की दुकानें हैं. वहीं विदेशी शराब की दुकानों की संख्या शहरी क्षेत्रों में 656 और ग्रामीण क्षेत्रों में 778 है.