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औषधि विभाग की छापेमारी में खुलासा, सेक्स चेंज करने के नाम पर बिक रही दवा, बेटा पैदा करने का काला कारोबार

पटना: इन दिनों प्रदेश में बेटा पैदा करने के नाम पर दवा बेचने का काला कारोबार चल रहा है. शहर के कई इलाकों में संचालित हो रही दवा की दुकानों में गर्भवती महिलाओं को बेटा पैदा होने का झांसा देनेवाली दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब औषधि विभाग की टीम […]

पटना: इन दिनों प्रदेश में बेटा पैदा करने के नाम पर दवा बेचने का काला कारोबार चल रहा है. शहर के कई इलाकों में संचालित हो रही दवा की दुकानों में गर्भवती महिलाओं को बेटा पैदा होने का झांसा देनेवाली दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब औषधि विभाग की टीम ने कई दुकानों में छापेमारी कर भारी मात्रा में ऐसी तथाकथित चमत्कारी दवाएं पकड़ी हैं. विभाग का अनुमान है कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में भी करोड़ों की ऐसी दवाओं का कारोबार हो रहा है. फिलहाल विभाग ने करीब 45 लाख की रुपये की ऐसी दवाएं जब्त की हैं.
क्या करते हैं दावा
औषधि विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ है कि दुकानदार बीबीटी, ब्वाॅय किट, शिवलिंगी और मजुफल नाम की चार ऐसी दवाएं देते हैं. इन दवाओं से वे पेट में पलनेवाले बच्चों का सेक्स चेंज होने का दावा करते हैं. झोलाछाप डॉक्टरों व दुकानदारों के झांसे में आकर लोग ऐसी दवाएं खरीदते भी हैं. हालांकि डॉक्टरों का साफ कहना है कि इन दवाओं को लेने से गर्भवती महिला और बच्चे के हेल्थ पर कुप्रभाव पड़ रहा है. बावजूद राज्य में इसकी बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराये गये सर्वे में खुलासा हो चुका है कि पिछले जनवरी से सितंबर तक छह लाख 58 हजार बच्चों का जन्म एक साल में हुआ है, जबकि करीब 13 हजार बच्चों की मौत भ्रूण हत्या या अन्य कारण से हुई है.
खतरनाक होती हेै दवा ?
जानकारी के मुताबिक शहर में जो बीबीटी, ब्वाय कीट, शिवलिंगी और मजुफल नाम की दवाएं बिक रही हैं, वे हेल्थ के लिए बेहद खराब हैं. शिवलिंगी में टेस्ट्रोन होता है और मजुफल में नेचुरल स्टेरायड्स होता है. इसका असर महिलओं के सीधे बच्चेदानी पर पड़ता है. इससे बच्चेदानी में सूजन आने की संभावनाएं होती हैं. नतीजा जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा होता है. औषधि विभाग की मानें तो ऐसी कोई दवा नहीं बनी है, जिससे सिर्फ बेटा ही पैदा हो. ड्रग एवं काॅस्टमेटिक के नियम को तोड़ने पर इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगायी जा रही है.
दुकानदार ऐसे देते हैं झांसा
औषधि विभाग की ओर से हुई छापेमारी में पता चला है कि दुकानों पर मिलनेवाली दवा बेचने का कारोबार दुकानदार अलग-अलग तरीके से करते हैं. दुकानदार ग्राहकों को दवा देने से पहले बोलते हैं कि सुबह व शाम दवा को गुड़ व दूध में मिला कर पीने से लड़का पैदा होगा. एक सप्ताह की दवा 300 रुपये में दी जाती है, जबकि इसका डोज चार से छह महीने तक चलाने को बोलते हैं. ऐसे में ग्राहक उनके बहकावने में आ जाते हैं.
इन नियमों के तहत कार्रवाई
औषधि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चमत्कारी दवाएं बेचने पर औषधि एवं अंग
राेग नियमावली 1945 के नियम 106 (जे) और औषधि एवं चमत्कारिक उपचार अधिनियम 1954 की धारा तीन के तहत कार्रवाई की जाती है.
दवा पूरी तरह से गलत
मेडिकल की दुनिया में अब तक ऐसी कोई दवा बनी नहीं हैं, जो सिर्फ बेटा पैदा कराये. यह पूरी तरह से गलत है. मेरा कहना है कि अगर कोई डॉक्टर इस तरह की दवा लिखता है या फिर दुकानदार बेचते हैं, तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाये.
– डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष
आइएमए, बिहार
करोड़ों की दवा जब्त
राजधानी में चमत्कारी दवा बेचने का काला कारोबार तेजी से चल रहा है. इनमें बेटा पैदा करने व बाल उगाने की दवा धड़ल्ले से बेची जा रही है. जो कि नियमानुसार यह पूरी तरह से गलत है. हम लोगों ने करोड़ों रुपये की दवा को जब्त करने के साथ ही कई दुकानों के लाइसेंस भी रद्द कर दिये हैं.
रमेश कुमार, ड्रग कंट्रोलर
औषधि विभाग
200 पर एफआइआर
बेटा पैदा करने के नाम पर औषधि विभाग ने सैकड़ों लोगों को पकड़ा है. मामले में बिहार में 200 से अधिक लोगों पर एफआइआर दर्ज की गयी है. वहीं, अगर कोई भी लोग झांसा में पड़े या पड़ने वाले हैं, वह औषधि विभाग को सूचना दें, इस पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
-सच्चितानंद विक्रांत, इंस्पेक्टर
औषधि विभाग

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