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चिकित्सकीय वजह से मौत मामले में बिहार आगे
वर्ष 2012 की तुलना में हुआ आठ फीसदी का इजाफा, बिहार से पीछे हैं कई राज्य पटना : मौत की चिकित्सकीय वजह की जानकारी के मामले में बिहार ने छलांग लगायी है़ वर्ष 2012 में जहां मात्र तीन फीसदी पंजीकृत मौतों के बारे में चिकित्सकीय वजह पता थी. वह 2013 में बढ़कर 11.3 फीसदी पर […]
वर्ष 2012 की तुलना में हुआ आठ फीसदी का इजाफा, बिहार से पीछे हैं कई राज्य
पटना : मौत की चिकित्सकीय वजह की जानकारी के मामले में बिहार ने छलांग लगायी है़ वर्ष 2012 में जहां मात्र तीन फीसदी पंजीकृत मौतों के बारे में चिकित्सकीय वजह पता थी. वह 2013 में बढ़कर 11.3 फीसदी पर पहुंच गयी़ वर्ष 2011 में ऐसे मौतों की चिकित्सकीय जानकारी केवल 4.8 फीसदी थी. इस तरह 2012 की तुलना में 2013 में इसमें करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है.पंजीकृत मौतों की चिकित्सकीय वजह के मामले में इस उछाल के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का स्थान 24 वां है.
यानी राज्य में पंजीकृत सौ में करीब 89 लोगों की मौत की चिकित्सकीय कारणों की जानकारी नहीं होती़ इस तथ्य का खुलासा मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ डेथ की ताजा रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट में बिहार समेत दूसरे राज्यों में होने वाली मौतों और उसकी वजहों के आंकड़ों को आधार बनाया गया है. ये आंकड़े 2013 तक के हैं. रिपोर्ट के मुताबिक शत-प्रतिशत मौत के चिकित्सकीय कारणों की जानकारी के मामले में पहले स्थान पर संयुक्त रूप से गोवा और लक्षद्वीप हैं.
किन वजहों से होती हैं मौतें
1. परिसंचरण तंत्र (सर्कुलेटरी सिस्टम) की बीमारी- 29%
2. किसी भी तरह के इंफेक्शन से – 12.1%
3. सांस की बीमारी – 8.3%
4. प्रसवपूर्ण दिक्कत – 8.1%
5. जख्म, जहर या किसी बाहरी वजह से – 7.5%
6. कैंसर – 5.1%
7. पाचन तंत्र की बीमारी – 4.6%
8. अन्य वहज – 13.3%
(ये आंकड़े राष्ट्रीय स्तर पर हैं)
रिपोर्ट की खास बातें
1. पूरे देश में कैंसर से 5.7% महिलाओं और 4.7% पुरुषों की मौत कैंसर से होती है.
2. पाचन तंत्र की गड़बड़ी से 5.8% पुरुषों की और 2.7% महिलाओं की मौत होती है
वर्ष 2011 2012 2013
पंजीकृत मौतें 155176 243466 143605
मौत की चिकित्यकीय वजह 7429 7296 16223
मौत की चिकित्यकीय वजह का प्रतिशत 4.8 3.0 11.3
(ये आंकड़े बिहार हैं.)
पोस्टमार्टम नहीं कराते हैं लोग : डॉ अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए
मौत की सही वजह सिर्फ पोस्टमार्टम से ही पता की जा सकती है. बिहार में लोग शव का पोस्टमार्टम नहीं कराते हैं. इससे मौत की चिकित्सकीय वजह का पता नहीं चल पाता है. जबकि मौत के कारणों को जानना जरूरी है़ इससे संबंधित परिवार को अपने परिजन की मौत का वास्तविक कारण पता होता है़ ये तथ्य स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं बनाने में मददगार होते हैं.
मौत की वजह जानना क्यों है जरूरी
किसी भी कल्याणकारी राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित नीति बनाने के लिए मौत की चिकित्सकीय वजह का पता होना जरूरी है. इससे संसाधनों का सही इस्तेमाल, योजनाओं की प्राथमिकता को तय करने और उनकी सही मॉनिटरिंग करने में आसानी होती है. इस तरह के आंकड़े को इकट्ठा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खास तरह का फॉर्म डिजाइन किया है.
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