कुछ घोषायें पुरी तो कई योजना नहीं उतरी पटरी पर- अलविदा 2015 में रेलवे विभाग का लेखा-जोखा- कई योजनायें पूरी ताे कई योजनायें पर लगा ग्रहण- परिचालन के क्षेत्र में जहां जोन की बदनामी हो रही वहीं पाटलिपुत्र स्टेशन के शुरू होने से यात्रियों को फायदा हो रहा संवाददाता, पटनावर्ष 2015 रेलवे विभाग में विवादो से भरा वर्ष गुजरा. इनमें खासकर पाटलिपुत्र स्टेशन और दीघा रेल पुल से ट्रेनों का परिचालन का मामला अधिक विवादों में था. हालांकि दिसंबर अंतिम महीने में पाटलिपुत्र स्टेशन से ट्रेनों का परिचालन किया गया. रेलवे और विंद टोली व जलालपुर के ग्रामिणों की लड़ाई ने रेलवे की वजह से कई योजनायें धरातल पर नहीं उतर पायी. नतीजा आज भी पटना जंकशन पर लिफ्ट, वाई-फाई, एग्जिक्यूटिव लाउंज जैसे कार्य पूरा नहीं हो पाया. इतना ही नहीं परिचालन के क्षेत्र में भी पूर्व मध्य रेलवे काफी पीछे जा रहा है. ट्रेनों की लेटलतीफी नहीं सुधरी है, यह स्थिति तब है जब पटना जंकशन से बिहटा तक परिचालन दुरुस्त करने क लिए अलग से अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी थी. पेश है रेलवे में 2015 के लेखा-जोखा पर आनंद तिवारी की एक रिपोर्ट….कई बार बैठक, नहीं शुरू हुआ वाई-फाईपटना जंकशन पर फ्री वाई-फाई लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने आदेश दिया था. लेकिन आज तक वाई-फाई सेवा शुरू नहीं हो पायी. खास बात तो यह है कि दानापुर मंडल और गुगल कंपनी से करार भी हुआ, इसके लिये जगह चिन्हित कर काम भी शुरू किया गया. लेकिन वायरिंग में शार्ट-सर्किट के बाद आज तक इस सेवा को पूरा नहीं किया गया. इस घटना के बाद डिपार्टमेंट भी पूरी तरह से सुस्त हो गया है. जबकि भारतीय रेल के कई एेसे स्टेशन हैं जहां वाई-फाई सुविधा शुरू हो गयी है.कुछ सुविधा बढ़ी लेकिन बहुत है बाकीपाटलिपुत्र स्टेशन को शुरू कर दिया गया है. इससे यात्रियों को काफी राहत मिल रही है. स्टेशन शुरू होने से पटना जंकशन व राजेंद्र नगर टर्मिलन पर भीड़ कम हो गयी है. लेकिन दीघा पुल से ट्रेन चलने का इंतजार अभी यात्रियों को करनी पड़ेगी. हालांकि पुल का काम तो पूरा हो गया है लेकिन मुख्य संरक्षा आयुक्त को निरीक्षण अभी बाकी है, जब तक सीआरएस हरी झंडी नहीं देते पुल से ट्रेनों का परिचालन संभव नहीं है. वहीं दानापुर स्टेशन पर एक्स्ट्रा प्लेटफॉर्म और पटना जंकशन वेटिंग हाल में यात्री सुविधायें बढ़ाने का काम चल रहा है. इसके अलावा बिहारशरीफ दनिवायां रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन और मुंगेर पुल से सफल ट्रायल इंजन का परिचालन कर रेलवे ने एक बेहतर काम किया. उपलब्धियां- पाटलिपुत्र स्टेशन से ट्रेनों का परिचालन- बक्सर स्टेशन और जमिनया स्टेशन पर नया फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन- चलती ट्रेन में एफआइआर दर्ज व यात्री सहायता हेल्पलाइन नंबर की शुरूआत- पटना जंकशन से सुविधा और प्रिमियम ट्रेनों का परिचालन- रेलवे अस्पताल में कैथ लैब की शुरूआत- सोनपुर और धनबाद मंडल में डेमू की जगह पर मेमू ट्रेनों का परिचालन – दानापुर स्टेशन पर नया टिकट काउंटर की सुविधा- जंकशन के करबिगहिया छोर में फव्वारा की शुरूआत- जंकशन पर जीआरपी और गैंग मैन हठराव के लिये नया भवन- कचरा कलेक्शन के लिए ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्थानाकामी- पटना जंकशन पर नहीं बन पाया एग्जीक्यूटिव लाउंज- अधिकारी ड्यूटी के बाद भी ट्रेनों का नहीं सुधरा परिचालन- पटना जंकशन सहित पांच स्टेशनों पर नहीं लग पाया लिफ्ट- पटना जंकशन सहित प्रमुख स्टेशनों पर नहीं शुरू हुई वाइफाई सेवा- नहीं शुरू हो पाया हरनौत का रेल करखाना – जंकशन पर इंट्रीगेटेड सिक्युरिटी सिस्टम – ट्रैक मरम्मत और गटर बदलने के बाद भी नहीं सुधारा ट्रेनों का परिचालन- एक्स्ट्रा जवान लगाने के बाद भी नहीं रूकी चेंपुलिंग सिस्टम – जंकशन पर 26 से अधिक टिकट काउंटर लेकिन आठ से 10 काउंटर रहते हैं बंद- दानापुर मंडल में गार्ड व ड्राइवर की संख्या में कमी उम्मीदें- फतुआ, आरा सहित पांच स्टेशनों पर इंक्वायरी वीडियो कॉन्फ्रेंसी सुविधा- पटना जंकशन व राजेंद्र नगर टर्मिनल पर लिफ्ट व एस्केलेटर सीढ़ी- पाटलिपुत्र स्टेशन पर नयी ट्रेनों की शुरूआत- दीघा व मुंगेर पुल से परिचालन का सीआरएस का हरी झंडी- आरा सहित तीन स्टेशनों पर नया फुटआेवर ब्रिज – पटना साहिब स्टेशन पर वीआइपी हाल व वेटिंग रूम – जंकशन के सात से लेकर 10 नंबर प्लेटफॉर्म पर कोच इंडीकेटर – बक्सर स्टेशन पर संपूर्ण क्रांति और अर्चना एक्सप्रेस का ठहराव- सप्ताह में चार दिन पटना इंदौर और अर्चना एक्सप्रेस का परिचालन- जंकशन पर दोनों फुड प्लाजा खोले जाने है- पाटलिपुत्र स्टेशन पर फुड स्टाल सुविधा संवाददाता, पटनापाटलिपुत्र स्टेशन के चालू होने के बाद अब दीघा रेल पुल चालू होने की सबसे बड़ी बाधा दीघा बिंद टोली की समस्या भी खत्म हो गयी है. रेलवे व जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में टोली के लोग वहां से हटने के लिए तैयार हो गये हैं. जनवरी महीने में जिला प्रशासन द्वारा बजायी गयी जमनी पर लोग शिफ्ट हो जायेंगे. प्रशासन ने उचित मुआयजा के साथ वहां के 215 लोगों को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है. गौरतबल है कि दीघा प्रोजक्ट में सबसे बड़ी बाधा बिंद टोली है. बिंद टोली की जगह करीब 200 से अधिक परिवार बसे हैं वहां गाइड बांध बनना है. लेकिन वहां बिंद टोली के लोगों को हटाना था, वहां के बशिंदो के मांग पर जब रेलवे व प्रशासन की सहमति हुई इसके बाद वह हटने के लिए तैयार हो गये.
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कुछ घोषायें पुरी तो कई योजना नहीं उतरी पटरी पर
कुछ घोषायें पुरी तो कई योजना नहीं उतरी पटरी पर- अलविदा 2015 में रेलवे विभाग का लेखा-जोखा- कई योजनायें पूरी ताे कई योजनायें पर लगा ग्रहण- परिचालन के क्षेत्र में जहां जोन की बदनामी हो रही वहीं पाटलिपुत्र स्टेशन के शुरू होने से यात्रियों को फायदा हो रहा संवाददाता, पटनावर्ष 2015 रेलवे विभाग में विवादो […]
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