संसद के एनेक्सी भवन में रविवार को शुरू हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस पर संतोष व्यक्त किया गया है कि 16 जून, 2013 को जिन विचारधाराओं और मुद्दों को लेकर पार्टी एनडीए से अलग हुई थी, उन विचारधाराओं को जनता ने स्वीकार किया. भाजपा के नये नेतृत्व को लेकर जदयू ने जो सवाल उठाये थे और अलग होने का फैसला किया, उन पर जनता ने मुहर लगायी. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ने साबित कर दिया कि जदयू का यह फैसला देशहित और समाजहित में था.
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दूसरे राज्यों में भी बिहार का फॉर्मूला अपनायेगा जदयू
नयी दिल्ली: जदयू बिहार की तरह अन्य राज्यों में भी भाजपा को रोकने के लिए महागंठबंधन बनाने का प्रयास करेगा. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है. दोनों नेताओं से कार्यकारिणी ने आग्रह किया है कि वे पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों […]
नयी दिल्ली: जदयू बिहार की तरह अन्य राज्यों में भी भाजपा को रोकने के लिए महागंठबंधन बनाने का प्रयास करेगा. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है. दोनों नेताओं से कार्यकारिणी ने आग्रह किया है कि वे पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों को लेकर अन्य दलों से बात कर महागंठबंधन तैयार करें, जिससे भाजपा का सफाया हो सके.
कार्यकारिणी में मुख्य रूप से दो प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई. राजनीतिक प्रस्ताव केसी त्यागी ने रखा व उसका समर्थन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने किया, जबकि आर्थिक प्रस्ताव सांसद हरिवंश ने रखा और उसका समर्थन महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने किया. कार्यकारिणी ने तेल-दाल सहित खाद्य पदार्थों के दाम में उछाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड कम होने के बाद भी जनता से ज्यादा कीमत वसूलने पर चिंता व्यक्त की. कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार के विकास संबंधी सभी दावे और देश की जनता से किये वादे खोखले साबित हुए. काले धन की वापसी, सीमा पार से घुसपैठ, आयातित आतंकवाद, सीमाओं का निरंतर अतिक्रमण और जवानों की लाशों के अंबार से 56 इंच का सीना सिकुड़ गया. सबसे ज्यादा धोखाधड़ी और निर्मम शोषण के शिकार देश के किसान हुए. आज समूचा देश सुखे और बाढ़ की चपेट में है, लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि कार्यकारिणी ने वैचारिक प्रतिबद्धता और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की, क्योंकि बिहार समूचे विश्व की आकांक्षाओं का केंद्र बना था. पार्टी को भले ही सीटों का नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन महागंठबंधन की जीत ने यह साबित किया कि वैचारिक प्रतिबद्धता साझी संस्कृति, सहिष्णुता और सिद्धांत पर जदयू कायम है. बिहार का महागंठबंधन और इसका प्रगतिवादी नेतृत्व भारतीय राजनीति के आकर्षण और विकास का नया केंद्र बिंदु बन कर उभर रहा है. हमें इन चुनौतियों को अवसर में बदलना है.
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