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दिल की बीमारी से बचना है, तो देर तक न बैठें

अिधवेशन. इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलाॅजी के 22वें वार्षिक सम्मेलन में जुटे देश भर के डॉक्टर, बोले हार्ट रोग के मरीजों के लिए सरकार को चाहिए कि पोलियो की तरह करे जागरूक पटना : बिहार सहित पूरे भारत में कार्डियों से जुड़ी बीमारी पर न तो केंद्र सरकार ध्यान दे रही है और न ही राज्य […]

अिधवेशन. इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलाॅजी के 22वें वार्षिक सम्मेलन में जुटे देश भर के डॉक्टर, बोले
हार्ट रोग के मरीजों के लिए सरकार को चाहिए कि पोलियो की तरह करे जागरूक
पटना : बिहार सहित पूरे भारत में कार्डियों से जुड़ी बीमारी पर न तो केंद्र सरकार ध्यान दे रही है और न ही राज्य सरकार की ओर से कोई पहल की जा रही है. नतीजन हार्ट, लीवर और गैस आदि की बीमारी तेजी से बढ़ रही है.
जागरूकता की कमी का नतीजा है कि पूरे भारत में हर साल एक घंटे में 350 लोगों की मौत हार्ट अटैक आने से होती है. ये बातें शुक्रवार को भोपाल से आये कार्डियों के डॉक्टर पीसी मेमोरिया ने कहीं. इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलाजी की ओर से आयोजित 22वें वार्षिक अधिवेशन की शुरुआत शुक्रवार को वैज्ञानिक सत्र के साथ हुई.
अधिवेशन में बिहार सहित पूरे देश-विदेश से 400 कार्डियों के डॉक्टरों ने शिरकत की. अधिवेशन के दौरान डॉक्टर पीसी मेमोरिया ने कहा कि जिस तरह सरकार पोलियो के प्रति जागरूक है और उसका प्रचार करा रही है, उसी तरह सरकार को कार्डियों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा, ताकि हार्ट अटैक, लीवर आदि बीमारी से हाेनेवाले मौत को रोका जा सकें.
सिर्फ शराबबंदी से नहीं चलेगा काम : लखनऊ एसजीपीजीआइ के डॉ बीके गोयल ने बिहार में शराबबंदी के नियम का स्वागत करते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों को भी इस तरह के नियम लागू करना चाहिये.
लेकिन, उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ शराब बंद से कुछ होनेवाला नहीं है. धूम्रपान, तंबाकू, गुटखा आदि सभी टोबैको सामग्री पर भी रोक लगानी होगी. दिल की बीमारी के बारे में उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि हर दिन देर तक बैठे रहने से दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है. ऐसे में इनसान को लगातार एक जगह बैठने से बचना चाहिये.
व्यायाम व संतुलित भोजन स्वस्थ जीवन का आधार : बेंगलूरु से आये डाॅ डी रमेश ने कहा कि असंतुलित खान-पान और अनियमित जीवनशैली के कारण व्यक्ति रोगी और कमजोर होते जा रहे हैं. भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र संतुलित आहार और नियमित व्यायाम ही स्वस्थ जीवन का आधार है. लेकिन, इस मूल मंत्र को आत्मसात कर चलनेवालों की कमी है.
ऐसे में हार्ट रोग से संबंधित चिकित्सकों की जिम्मेवारी बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जिस तरह स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ हार्ट की आवश्यकता होती है. उसी तरह हार्ट रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर भी समाज की धड़कन की तरह है.
एंजियोग्राफी व एंजियोप्लाॅस्टिक के सीखें गुण
वार्षिक सम्मेलन के पहले दिन कई सीनियर व जूनियर डॉक्टर एंजियोग्राफी और एंजियोप्लाॅस्टिक के नये तरीके सीखें. नयी दिल्ली से आये डॉक्टर संदीप बंसल और कोलकाता के डॉ रौबिन चक्रवर्ती ने सीआरटी विधि से हार्ट के बारे में बताया.
वहीं पटना के आइजीआइसी के कार्डियोलाजिस्ट डॉ एके झा के अनुसार कार्डियक मरीज (हार्ट रोगी) को एंजियोग्राफी और एंजियोप्लाॅस्टिक से लाइज में काफी फायदा होता है. उन्होंने कहा कि यह इलाज महंगा है और इसके लिये सरकार को चाहिये की इसकी फीस कम करने के साथ ही सभी अस्पतालों में यह सुविधा मुहैया करायें.

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