पटना: मुख्य सचिव एके सिन्हा ने कहा कि विकास योजनाओं में देरी हुई, तो डीएम जिम्मेवार होंगे. उनके पीएआर में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज की जायेगी. तीन दिसंबर से स्कूलों में बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र देने के अभियान की व्यवस्था सुनिश्चित करें. एमपी लैड व मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से लगनेवाले पावर ट्रांसफार्मर को प्राथमिकता पर लगाया जाना चाहिए.
बुधवार को वह सचिवालय सभागार में जिलाधिकारियों व प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा के क्रम में यह खुलासा हुआ पंचायत सरकार भवन के लिए पंचायती राज विभाग को 250 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिये गये हैं, बावजूद काम शुरू नहीं हो सका. 650 पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है.
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना की भी धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें तेजी लायी जानी चाहिए. कांटी, बरौनी व मुजफ्फरपुर थर्मल पावर यूनिट के विस्तारीकरण योजना को भी समय सीमा के अंदर पूरा करने को कहा. इंदिरा आवास योजना के लक्ष्य को उन्होंने हर हाल में हासिल करने को कहा है. इसी तरह राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके कार्यान्वयन में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल भवनों के निर्माण कार्य में तेजी लाने की जरूरत है.
बैठक में विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश, ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा आदि मौजूद थे.