सीयूएसबी के प्रोफेसर को मिला जलवायु परिवर्तन पर प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के परिप्रेक्ष में मिला प्रोजेक्टरिसर्च में मिलने वाले डाटा से मिलेगी प्रोजेक्ट में मददलाइफ रिपोर्टर पटनादक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी सीयूएसबी के सेंटर फॉर इनवायर्मेंटल साइंसेज को जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है. विवि के पीआरओ ने बताया कि सेंटर फार इवीएस के प्राध्यापक एवं हेड डॉक्टर प्रधान पार्थसारथि को इस नये प्रोजेक्ट के तहत भारत के तीन प्रमुख शहरों पुणे, रायपुर एवं फरीदाबाद में जलीय संसाधनों की उपस्थिति के बारे में अध्ययन करने के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि लिमिट टू अर्बेनाइजेशन, एप्लीकेशन ऑफ इंटीग्रेटेड अस्सेस्मेंट फॉर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट इन इंडियाज नामक प्रोजेक्ट की फंडिंग टोयोटा फाउंडेशन ने जापान के क्योटो यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया है. इस शोध का उद्देश्य भारत सरकार के नगर विकास मंत्रालय के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक डेटा एकत्र करना है ताकि इस राष्ट्रीय मिशन को वातावरण से बिना छेड़छाड़ किये हुए सफल बनाया जा सके. साथ ही साथ इस शोध से जलवायु को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सटीक और व्यापक मापदंड प्राप्त होने का अनुमान रखा गया है.बिहार में प्रस्तावित प्रोजेक्ट में हो सकता है लाभइस बारे में डॉक्टर प्रधान पार्थसारथी, जो कि बिहार राज्य एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज के परिचालन समिति के सदस्य भी हैं ने कहा कि उनका शोध बिहार में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए भी काफी उपयोगी होगा. इस प्रोजेक्ट के तहत जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन नगर स्तर पर ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल या रीजनल क्लाइमेट मॉडल के द्वारा किया जायेगा. डॉक्टर सारथी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को कारगर बनाने के लिए उन्होंने इंग्लैंड के मौसम विभाग से संपर्क स्थापित किया है और सीयूएसबी के सेंटर फॉर ईवीएस के प्रयोगशाला में प्रेसिस मॉडल से डेटा प्राप्त कर रहे हैं. इसके अलावा वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्थानों पर हुए ग्लोबल वार्मिंग की वजह से प्राप्त हुए ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल्स डेटा का भी उपयोग करेंगे. वर्ष 2040 तक भारत में उद्योग, व्यावसायिक, कृषि एवं ऊर्जा क्षेत्रों में तेजी से हो रहे विकास से जल की मात्रा में भयंकर कमी आ सकती है. साथ ही भारत सरकार के वर्ष 2030 तक 100 के करीब स्मार्ट सिटी विकसित करने की परियोजना भी जल स्तर को प्रभावित करेगा. इस शोध से प्राप्त होने वाले डेटा का इस्तेमाल नीति निर्माता विभिन्न शहरों में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जलवायु के प्रभावित करने वाले कारकों पर करेंगे जिसमे जल और दूसरे प्राकृतिक संसाधन को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचे.
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सीयूएसबी के प्रोफेसर को मिला जलवायु परिवर्तन पर प्रोजेक्ट
सीयूएसबी के प्रोफेसर को मिला जलवायु परिवर्तन पर प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के परिप्रेक्ष में मिला प्रोजेक्टरिसर्च में मिलने वाले डाटा से मिलेगी प्रोजेक्ट में मददलाइफ रिपोर्टर पटनादक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी सीयूएसबी के सेंटर फॉर इनवायर्मेंटल साइंसेज को जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है. विवि के पीआरओ ने बताया कि […]
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