पुस्तक मेले में पहुंचे कई लेखकलाइफ रिपोर्टर पटनाशहर में लिखने पढ़ने और कला से प्रेम रखने वाले शौकीन लोगों के लिए बुक फेयर खास माना जा रहा है. लोग यहां न सिर्फ बुक खरीदने आ रहे हैं बल्कि प्रसिद्ध लेखकों से मिलने का भी शौक कई लोगों में है, जो पुस्तक विमोचन के दौरान लेखक से मिल कर किताबों और उनकी लेखनी से जुड़े कई बातों को का जानना चा रहे हैं. बुक फेयर में आये ज्यादातर लोगों में लिखने और पढ़ने की शैली है. शायद यही वजह है कि सीआरडी बुक फेयर के आठवें दिन भी लोगों की भीड़ बढ़ते गयी. यहां पहुंचे कई लोगों ने बुक फेयर में अपनी पसंद की बुक खरीदते नजर आये. लोग बायोग्राफी, उपन्यास और साहित्य की किताबों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा भी कई तरह की किताबें हैं, जिसे लोग खरीद रहे हैं. वहीं कई लोग बुक फेयर में किताबों के बारे में जानना चाहते हैं. ऐसे लोगों ने बताया कि यहां किताबों का भंडार है. ऐसे में सारी किताबें, तो नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यहां आ कर कई किताबों के बारे में जान सकते हैं. बुक फेयर में हर दिन कई तरह के लोग आ रहे हैं. यहां आये लोगों के मनोरंजन के लिए नुक्कड़ नाटक, पुस्तक का विमोचन, जन संवाद जैसे कई कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं. ब्रैकिंग अप द शैकल्स का विमोचनबुक फेयर के कोशी मुक्ताकाश मंच पर शुक्रवार को अंग्रेजी उपन्यास ब्रेकिंग अप द शैकल्स का विमोचन पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद द्वारा किया गया. इस किताब के लेखक गुंजेश हैं, जो पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन किताब लिखने का शौक शुरू से है. इस अवसर पर लेखने ने बताया कि यह किताब एक संस्पेंस थ्रिलर है, जो कंप्यूटर की आधुनिक दुनिया में सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, ट्वीटर की साइबर क्राइम और इंटरनेट की बुराइयों को रेखांकित करता है. ये किताब युवाओं का अच्छा मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षित भी करेगा. इस मौके पर संस्था के निदेशक तजदार रहमान के साथ लेखक के माता पिता भी मौजूद थे.दो पुस्तकों का विमोचनबुक फेयर के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को एक साथ दो किताबों का विमोचन किया गया. दोनों किताबों में कथाकार और पत्रकार अवधेश प्रीत की कहानी संग्रह चांद के पार एक चाभी और पत्रकार और उपन्यासकार विकास कुमार झा का उपन्यास वर्षावन की रूपकथा दोनों शामिल है. सबसे पहले कहानीकार अवधेश प्रीत ने अपने संग्रह की एक कहानी है. चांदी के पार एक चाभी, जो उनके कथा संग्रह का एक शीर्षक है. वे कहते हैं कि इस किताब की कहानी संग्रह, जो हमारे समय में समाज के बदलते जीवन के यर्थात पर लिखी गयी है, जिसमें आम आदमी का संघर्ष है. वहीं लेखन प्रक्रिया के बारे में विकास कुमार झा ने बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान गौरी नाम की एक लड़की से मिलने के बाद उपन्यास वर्षावन की रूप कथा लिखना संभव हो सका. उन्होंने बताया कि गौरी ने उनसे प्रश्न किया कि क्या हम दुख के खूंटे से बंधे खुशी और मस्ती का चक्कर नहीं लगा सकते. इस मौके पर राजकमल प्रकाशन के सत्यानंद निरुपम ने आगत अतिथियों को बुके दे कर सम्मानित किया. मौके पर कई वरीय लेखक व साहित्यकार मौजूद थे. नाटक में दिखी राजनीतिक एवं सामाजिक घटनाबुक फेयर परिसर में पुण्यार्क कला निकेतन पंडारक द्वारा (वो कहते हैं) नाटक प्रस्तुत किया गया. यह नाटक आज के वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक घटनाओं पर आधारित है. समाज में व्याप्त बेरोजगारों दहेज प्रथा, शिक्षा व्यवस्था पर करार प्रहार करना डालता है साथ ही राजनीति के गिरते स्तर पर प्रकाश डालता है एवं इसके समाधान का उपाय ढूडता है. नाटक में युवा कलाकार अभय कुमार, नंदन, रविशंकर सहित कई युवा अभिनेताओं ने भाग लिया. इस नाटक के लेखक विश्वनाथ बोस और निदेशक विजय आनंद द्वारा हैै. नजमें इंतजार का विमोचनबुक फेयर में इसी दिन मुख्य प्रेक्षागृह में नजमें इंतजार की का विमोचन किया गया. वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस किताब के साथ एक ऑडियो सीडी भी है, जिसमें उपरोक्त किताब की लेखिका स्मिता पारिख की आवाज के साथ संगीतज्ञ अनूप जलोट और फिल्म के पार्श्व गायक बाबुल सुप्रिया की भी आवाज है. इस किताब के बारे में लेखिका ने कहा कि प्रस्तुत किताब की नज्मों में इश्क, मोहब्बत, याद, इंतजार और विरह जैसी भावनाओं पर नज्में हैं. साथ ही इस किताब में किताब में औरत की भावनाओं की यात्रा है. इस किताब का विमोचन प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार केदार नाथ सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने कहा कि आज कल बहुरंगी कविताएं लिखी जा रही है. मौके पर प्रसिद्ध कवि आलोक धनवा भी मौजूद थे. नई सदी की कविताएंबुक फेयर में जन संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत नयी सदी की कवितायें कविता पाठ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कवियित्री नताशा ने अक्षर भी पहचान है और अक्षर भी पहचान है. उसके बाद उन्होंने वादा में प्रेम की अभिव्यक्ति की. वही स्मिता पारिख ने पटना की ही हैं, फर नींद गुम उब्बान की एक नज्म पढ़ी. दूसरी कविता श्रृंगार रस से सराबोर था. इसके अलावा उन्होंने स्त्रियों की अभिव्यक्ति पर केंद्रित किया. इस अवसर पर कवि राकेश रंजन की कविता आतंक पर केंद्रित थी. तू आतंक शीर्षक कविता में उन्होंने आतंक की भर्त्सना की बैल कविता में जानवरों निरीहता पर प्रहार किया गया. मौके पर कई कवि मौजूद थे.मुख्यमंत्री को मिलेगा यह चक्रबुक फेयर के पहले दिन से ही यहां मेड इन इंडिया के कलाकारों द्वारा कई तरह की कला देखने को मिल रही है. यहां देश के कई कोने से कलाकार मौजूद हैं, जिसमें सभी कलाकारों द्वारा मिल कर एक चक्र को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है. इसमें कई जगहों के कलाकार मिल कर अपना रंग दे रहे हैं. आकर्षक डिजाइन से बनायी जा रही है इस चक्रे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपहार के रूप में भेंट किया जायेगा. इस बात की जानकारी देते हुए संस्था के सीइओ प्रशांत सिंह ने बताया कि पटना में लोगों का अच्छा रिस्पॉंस मिला है. यहां कलाकारों द्वारा बनाये गये इस चक्र को नीतीश कुमार को भेंट किया जायेगा. सामयिक प्रकाशन के पांच मुख्य किताबें आपहुदरी : एक जिद्दी लड़की की आत्मकथा – रणमिका गुप्ता- 300 रुपयेआवां- लेखक- चित्रा मुद्दगल- 300 रुपयेपिछले पन्ने की औरतें – शरद सिंह- 200 रुपयेमिलजुल मन- मृदुला गर्ग- 250 रुपयेगुलाम मंडी – निर्मला भूराड़िया-200 रुपये————-मेले में आज के कार्यक्रमनुक्कड़ नाटक- 1.30 बजेरिजर्व बैंक ऑफ इंडिया- जागरूकता कार्यक्रम 12 बजेविमर्भ- नयी शिक्षा नीति के विमर्भ पत्र- 3 बजेमुशायरा- 4.30 बजे देशज- 6.30 बजे
BREAKING NEWS
पुस्तक मेले में पहुंचे कई लेखक
पुस्तक मेले में पहुंचे कई लेखकलाइफ रिपोर्टर पटनाशहर में लिखने पढ़ने और कला से प्रेम रखने वाले शौकीन लोगों के लिए बुक फेयर खास माना जा रहा है. लोग यहां न सिर्फ बुक खरीदने आ रहे हैं बल्कि प्रसिद्ध लेखकों से मिलने का भी शौक कई लोगों में है, जो पुस्तक विमोचन के दौरान लेखक […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement