नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया कि वे एसिड (तेजाब) अटैक पीड़ितों को विकलांगों की सूची में शामिल करने के बारे कदम उठाएं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन महिलाओं को बड़ी राहत मिलने की संभावना है, जो ऐसे हमलों की शिकार हैं.
यदि विकलांगों की सूची में एसिड अटैक पीड़ितों को शामिल किया जाता है, तो सरकारी नौकरी में तीन प्रतिशत आरक्षण समेत विभिन्न सरकारी योजनाओं में विकलांगों को मिलनेवाली सभी सुविधाएं उन्हें स्वत: मिलने लगेंगी.
बिहार की एक एसिड अटैक पीड़िता के मामले में एक एनजीओ की याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमवाइ इकबाल और सी नगप्पन के दो सदस्यीय पीठ ने कहा, हम सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एसिड अटैक पीड़ितों की हालत पर विचार करने और उन्हें विकलांगों की सूची में शामिल करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश देते हैं.
पीडि़तों का मुफ्त करो इलाज : सुपीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को पूर्व में जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप तेजाब हमले के पीड़ितों के लिए मुआवजा, पुनर्वास और नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति एमवाइ इकबाल व न्यायमूर्ति सी नगप्पन के पीठ ने बिहार की तेजाब हमले की एक पीड़िता चंचल के मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने बिहार सरकार से पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और सर्जरी सहित उसका नि:शुल्क इलाज कराने को कहा है. इसके अतिरिक्त कोर्ट ने पीिड़ता की बहन को तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया है. पीठ ने पीिड़ता को पांच लाख की रािश एक माह में और शेष राशि अगले तीन माह में देने का निर्देश दिया.
साथ ही पीठ ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से इस तरह के पीड़ितों की हर तरह की मदद उपलब्ध कराने को कहा, जैसा पूर्व के एक फैसले में भी कहा गया था. कोर्ट ने यह सब बिहार के एनजीओ परिवर्तन केंद्र की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा.