पटना: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) ने उन स्कूलों को पकड़ना शुरू कर दिया है, जो 10वीं और 12वीं बोर्ड की उत्तर पुस्तिका जांच में फर्जी टीचर्स की लिस्ट बोर्ड को उपलब्ध करवाते हैं. पहले चरण में बिहार के तीन स्कूलों के नाम सामने आये हैं. इनमें डीएवी के ही तीनों स्कूल डीएवी गोला रोड, डीएवी गया और डीएवी रोहतास शामिल हैं. इन स्कूलों को सीबीएसइ जल्द ही नोटिस भेजने जा रहा है. सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े में कई स्कूल शामिल हैं. जल्द ही वैसे स्कूलों के नाम भी सामने आ जायेंगे. सूबे में यह मामला 2005 से ही चल रहा है. ऐसे में वर्ष 2005 से लेकर अब तक हर साल की टीचर्स लिस्ट को खंगाला जा रहा है.
दो माह से चल रही है जांच : सीबीएसइ स्कूलों की जांच पिछले दो माह से कर रहा है. जांच के दौरान स्कूलों से तमाम शिक्षकों की सूची मांगी गयी है. बोर्ड के पास उपलब्ध सूची में इन स्कूलों के वैसे शिक्षकों के नाम शामिल हैं, जो या तो कभी स्कूल में नहीं रहे या उनके पास पर्याप्त डिग्री नहीं थी. सीबीएसइ की परीक्षा नियमावली को ताक पर रख कर इन स्कूलों में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करायी गयी. ऐसे में अब उन शिक्षकों पर बोर्ड कार्रवाई कर सकता है.
मान्यता जा सकती है स्कूलों की : शिक्षकों की फर्जी लिस्ट के मामले में जो भी स्कूल पकड़े जायेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वैसे स्कूलों की मान्यता भी जा सकती है. सीबीएसइ ने इसके लिए अभी से स्कूलों को अागाह करना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो दोषी स्कूलों की मान्यता वर्ष 2016 में खतरे में पड़ सकती है.
प्राथमिक व अस्थायी शिक्षक करते हैं जांच : 10वीं और 12वीं के मूल्यांकन के लिए सीबीएसइ द्वारा स्कूलाें से शिक्षकों की सूची मांगी जाती है. इसके आधार पर ही उन्हें मूल्यांकन कार्य में लगाया जाता है. सूत्रों के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ही 12वीं की उत्तर पुस्तिका की जांच कर सकते हैं.