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किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं आ रहा सीबीसीएस

च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम को लेकर पुन: होगी बैठक, यूनिवर्सिटी के मजबूत होने पर होगा जोर पटना : च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर बिहार की किसी भी यूनिवर्सिटी में ठोस तैयारी नहीं है. सीबीसीएस को लेकर बस नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी ने अपनी सक्रियता दिखायी. उन्होंने कई बार इस सिस्टम को समझने का प्रयास […]

च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम को लेकर पुन: होगी बैठक, यूनिवर्सिटी के मजबूत होने पर होगा जोर
पटना : च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर बिहार की किसी भी यूनिवर्सिटी में ठोस तैयारी नहीं है. सीबीसीएस को लेकर बस नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी ने अपनी सक्रियता दिखायी. उन्होंने कई बार इस सिस्टम को समझने का प्रयास किया और साथ में सभी यूनिवर्सिटी को परिचर्चा के लिए भी बुलाया था, लेकिन परिचर्चा में कोई यूनिवर्सिटी शामिल नहीं हुआ.
हालांकि अब तक सीबीसीएस को लेकर कोई खास पहल कहीं से नहीं हो रही है. सभी यूनिवर्सिटी ने सीबीसीएस के लिए समय मांगा है. सीबीसीएस के मुद्दे पर नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी की ओर जून में बैठक भी हुई थी.
इसमें सभी यूनिवर्सिटी को आमंत्रण दिया था और सीबीसीएस को लेकर नयी शुरुआत करने पर विचार किया था. सीबीसीएस को लेकर नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि यह काफी बेहतर सिस्टम है. इस दौर में नये सिस्टम को अपनाना चाहिए.
कम समय में मिल सकती है शिक्षा
सीबीसीएस से कम समय में शिक्षा ली जा सकती है. सीबीसीएस को लेकर यूजीसी ने कई बार रिमाइंडर भेजा है, लेकिन लागू करने के लिए सरकार और राजभवन को आगे आना होगा. च्वाइस का सिस्टम लागू करने के लिए सबसे पहले यूनिवर्सिटी को अपने-आप में मजबूत होना होगा. वैसे जो भी परिस्थिति है, उसी में बेहतर करना है. वहीं टीचर-स्टूडेंट रेशियो ठीक करना होगा. सिलेबस दुरुस्त करना होगा.
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना होगा. इसके साथ सभी यूनिवर्सिटी को सीबीसीएस पर चर्चा करनी होगी. इस रूप से इसे लागू करना होगा, ताकि स्टूडेंट्स कहीं भी कर पढ़ाई कर सकते हैं. तभी च्वाइस क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम का लाभ स्टूडेंट्स को मिलेगा. पीयू के अधिकारी कहते हैं कि क्रेडिट सिस्टम को अभी प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में शुरू किया जा सकता है. फिलहाल पीजी कोर्सेस में इसे लागू किया जा रहा है.
यह है समस्या
क्रेडिट सिस्टम को लेकर अभी यूनिवर्सिटी तैयार नहीं है. स्टाफ से लेकर कर्मचारी को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. इसमें जो मार्कशीट दी जाती है, वह ग्रेड वाली होती है, जिसको समझने में छात्रों को दिक्कत होती है. छात्रों को यह भी स्पष्ट पता नहीं चल पाता कि उनके कौन से विषय में कितने नंबर आये. इस संबंध में कर्मचारी को भी कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है.
पीजी में लागू हो रहा
यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में क्रेडिट बेस्ड च्वाइस स्कीम लागू करने को कहा है. प्रस्तावित क्रेडिट च्वाइस बेस्ड सिस्टम में स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा. पीजी के दो वर्षीय पाठ्यक्रम को विभिन्न क्रेडिट में विभाजित किया गया है. प्रत्येक स्तर (तीन या छह माह की अवधि) पर संबंधित क्रेडिट पूरा करने पर विद्यार्थी को प्रमाणपत्र मिलेगा. मार्कशीट में अंकों की बजाय ग्रेडिंग होगी. अभी पीयू के पीजी में इस प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है.
बैठक के लिए लिखा जायेगा पत्र
एनओयू के कुलपति प्रो रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा है कि सीबीसीएस को लेकर पुन: सभी यूनिवर्सिटी के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी को पत्र लिखा जायेगा. इसके बाद सीबीसीएस के मुद्दे पर बात होगी. जो भी परेशानी होगी उस समस्या को दूर करने पर भी विचार होगा. वही इस संबंध में कोई परेशानी या उसे किस प्रकार लागू करना होगा. सब लोग साथ में मिल बैठ कर इसे दूर किया जायेगा. यह सिस्टम स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद होगा. सरकार व राज्यभवन को ठोस कदम उठाना चाहिए, ताकि सीबीसीएस नये सत्र में लागू हो जाये.

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