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महागंठबंधन को समर्थन नहीं : कुणाल
पटना : भले ही वाम दल के तीन ही विधायक विधानसभा में पहुंचे हैं, किंतु हम जनता के मुद्दे उठाने में कहीं से पीछे नहीं रहेंगे. जनता की समस्यओं के समाधान के लिए हम सरकार को विवश करेंगे. उक्त बातें मंगलवार को भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कही. वे पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन […]
पटना : भले ही वाम दल के तीन ही विधायक विधानसभा में पहुंचे हैं, किंतु हम जनता के मुद्दे उठाने में कहीं से पीछे नहीं रहेंगे. जनता की समस्यओं के समाधान के लिए हम सरकार को विवश करेंगे. उक्त बातें मंगलवार को भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कही. वे पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आंधी-तूफान के बीच माले ने तीन सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है. कई सीटों पर वाम दलों को दूसरा और तीसरा स्थान भी प्राप्त हुआ है.
उन्होंने साफ-साफ कहा कि भाकपा-माले विधान सभा में महागंठबंधन का समर्थन नहीं करेगा. भाकपा-माले सदन में विपक्ष की ईमानदार भूमिका निभायेगा. विधान सभा में हम क्या-क्या करेंगे और हमारी क्या रणनीति होगी, इस पर जल्द ही पार्टी का बैठक में निर्णय लिया जायेगा. भाजपा के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश के कारण महागंठबंधन को इस चुनाव में लाभ मिला है.
हम महागंठबंधन की सरकार की हर गतिविधियों पर नजर रखेंगे. पिछले 25 वर्षों में भूमि सुधार, गरीबों के वास-आवास की जमीन, शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार, स्वास्थ्य और न्याय आदि के मोरचे पर बेहतर काम नहीं हुए हैं, जबकि इतने दिनों तक लालू प्रसाद व नीतीश कुमार की ही बिहार में सरकार थी.
भाकपा-माले को उम्मीद है कि नई सराकार इस बार इन मोरचों पर काम करने में कोई कोताही नहीं बरतेगी. उन्होंने भागलपुर दंगा के आरोपियों को बरी किये जाने पर दुख जताया और नीतीश-लालू से दंगा पिड़ितों को उचित न्याय व राहत दिलाने की मांग की. संवाददाता सम्मेलन में तरारी विधायक सुदामा प्रसाद और पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा भी मौजूद थे.
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