प्रदेश में 147 फास्ट ट्रैक कोर्टपटना. राज्य में अगले साल से 147 फास्ट ट्रैक कोर्ट काम करने लगेंगे. पटना हाइकोर्ट ने इसके लिए सरकार और जिला अदालतों को निर्देश दिया है. राज्य को 14वें वित्त आयोग से मिलनेवाली राशि से इन कोर्ट के लिए पैसे की व्यवस्था की जायेगी. फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए हाइकोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा. पांच साल के अंदर रिटायर होनेवाले जजों को इसमें प्राथमिकता दी जायेगी. प्रत्येक जज के लिए साल भर में 120 केस का निष्पादन करना अनिवार्य होगा. पांच साल से लंबित मुकदमों की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी. इसके लिए हाइकोर्ट ने मुकदमों की तीन श्रेणियां बनायी हैं. पहली में संगीन आपराधिक मामलों को रखा गया है. दूसरी श्रेणी में सीनियर सिटीजन, महिलाएं और बच्चों से संबंधित मामलों की सुनवाई होगी और तीसरी श्रेणी में सिविल मुकदमों को रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक में सभी फास्ट ट्रैक कोर्ट काम करने लगेंगे. सभी जिला अदालतों में दो-दो एडिशनल जजों की नियुक्ति की जायेगी. इनमें शिवहर, अरवल और शेखपुरा को अलग रखा गया है. केंद्र सरकार की सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय होगा. तीन साल पहले भी फास्ट ट्रैक कोर्ट की पहल की गयी थी. लेकिन, कुछ दिन बाद यह कवायद शिथिल पड़ गयी थी.
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प्रदेश में 147 फास्ट ट्रैक कोर्ट
प्रदेश में 147 फास्ट ट्रैक कोर्टपटना. राज्य में अगले साल से 147 फास्ट ट्रैक कोर्ट काम करने लगेंगे. पटना हाइकोर्ट ने इसके लिए सरकार और जिला अदालतों को निर्देश दिया है. राज्य को 14वें वित्त आयोग से मिलनेवाली राशि से इन कोर्ट के लिए पैसे की व्यवस्था की जायेगी. फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए हाइकोर्ट […]
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